आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाता हूं, पता नहीं चलता है कि मैं सोता हूं कि ध्यान करता हूं
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आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाता हूं, पता नहीं चलता है कि मैं सोता हूं कि ध्यान करता हूं ?
आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाते समय यह अनुभव सामान्य है। आज्ञा चक्र, जो हमारी भौहों के बीच स्थित होता है, ध्यान और जागरूकता का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस पर ध्यान केंद्रित करते समय निम्नलिखित कारणों से आपको ऐसा लग सकता है कि आप सो गए हैं या ध्यान में हैं:
गहरी विश्रांति का अनुभव:
आज्ञा चक्र पर ध्यान करने से मन शांत हो जाता है और गहरी विश्रांति मिलती है। यह स्थिति कभी-कभी नींद जैसी महसूस हो सकती है क्योंकि आपका मस्तिष्क "थीटा वेव्स" (Theta Waves) उत्पन्न करता है, जो ध्यान और हल्की नींद के बीच की अवस्था है।चेतना का बदलता स्तर:
ध्यान करते समय आप जाग्रत अवस्था (जागने की स्थिति) और गहरी चेतना के बीच की स्थिति में पहुंच सकते हैं। इसे "त्राटक" या "सावधान ध्यान" की स्थिति भी कहा जाता है, जहां शरीर स्थिर हो जाता है और मन अद्भुत शांति का अनुभव करता है।ध्यान में दक्षता बढ़ने पर भ्रम:
अगर आप ध्यान में दक्ष हो रहे हैं, तो आपको यह अंतर समझने में थोड़ा समय लग सकता है कि आप ध्यान में हैं या सो गए हैं।
इस स्थिति से निपटने के उपाय:
ध्यान से पहले शरीर को ऊर्जावान रखें:
ध्यान करने से पहले हल्का योग, प्राणायाम, या व्यायाम करें ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे और आप अलसाना महसूस न करें।
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