गुरुजी हमारे शरीर के 7 चक्रों को 7 समुद्र भी कहा जाता है। कृपया मुझे बताएं कि प्रत्येक चक्र के सामने वे 7 समुद्री नाम क्या हैं।
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गुरुजी हमारे शरीर के 7 चक्रों को 7 समुद्र भी कहा जाता है। कृपया मुझे बताएं कि प्रत्येक चक्र के सामने वे 7 समुद्री नाम क्या हैं। ?
हमारे शरीर के 7 चक्रों को 7 समुद्रों से जोड़ा जाना एक गहरी आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक दृष्टि है। ये समुद्र हमारी चेतना और ऊर्जा के विशालता और गहराई का प्रतिनिधित्व करते हैं। हालांकि, शास्त्रों में इसे सीधे 7 समुद्रों के नाम से जोड़ने का उल्लेख कम मिलता है, लेकिन एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इसे निम्नलिखित रूप में समझा जा सकता है:
मूलाधार चक्र (Root Chakra): लवण सागर (Salt Sea)
स्थिरता, सुरक्षा और जीवन के मूल आधार को दर्शाता है।स्वाधिष्ठान चक्र (Sacral Chakra): दूध सागर (Milk Sea)
सृजनात्मकता, भावनाओं और प्रजनन शक्ति का प्रतीक।मणिपुर चक्र (Solar Plexus Chakra): घी सागर (Ghee Sea)
आत्मबल, शक्ति और पाचन ऊर्जा का केंद्र।अनाहत चक्र (Heart Chakra): मधु सागर (Honey Sea)
प्रेम, करुणा और भावनात्मक संतुलन को दर्शाता है।विशुद्ध चक्र (Throat Chakra): सुधा सागर (Nectar Sea)
सत्य, अभिव्यक्ति और शुद्धता का प्रतीक।आज्ञा चक्र (Third Eye Chakra): रसोदधि सागर (Juice Sea)
अंतर्ज्ञान, ज्ञान और मानसिक स्पष्टता का केंद्र।सहस्रार चक्र (Crown Chakra): अमृत सागर (Amrita Sea)
परमात्मा से जुड़ाव, चेतना और दिव्यता का प्रतीक।
यह दृष्टिकोण प्रतीकात्मक है और इन समुद्रों का नाम हमारे आंतरिक गुणों और चक्रों की विशेषताओं के साथ जुड़ता है। इसे अपनी साधना और ज्ञान में एक नई दिशा के रूप में देखें। 🙏
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