कुंडिलिना जागृत होते वक्त कैसे झटका लगता है ?
- Get link
- X
- Other Apps
कुंडिलिना जागृत होते वक्त कैसे झटका लगता है ?
कुंडलिनी जागरण के दौरान झटके क्यों लगते हैं?
जब कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है, तो यह सुषुम्ना नाड़ी में ऊपर की ओर गति करने लगती है। इस दौरान शरीर में ऊर्जा के तेज प्रवाह के कारण झटकों का अनुभव हो सकता है। यह झटके हल्के या तेज़ भी हो सकते हैं, और इनके कुछ मुख्य कारण होते हैं:
1. ऊर्जा अवरोधों (Energy Blockages) का हटना:
जब कुंडलिनी ऊपर उठती है, तो यह नाड़ियों (Ida, Pingala, Sushumna) में मौजूद रुकावटों को हटाती है, जिससे शरीर में झटका महसूस हो सकता है।
2. अधूरी या असंतुलित साधना:
यदि साधक सही मार्गदर्शन के बिना ध्यान कर रहा है, तो ऊर्जा का असंतुलन झटकों का कारण बन सकता है।
3. शरीर का शुद्धिकरण (Detoxification Process):
कुंडलिनी जागरण के समय शरीर की शारीरिक और मानसिक सफाई होती है, जिससे कंपन्न या झटके लग सकते हैं।
4. नाड़ी मंडल का सक्रिय होना:
जब कुंडलिनी ऊर्जा मूलाधार से ऊपर की ओर बढ़ती है, तो यह विभिन्न चक्रों को जागृत करती है। इस प्रक्रिया में झटकों का अनुभव होना स्वाभाविक है।
क्या करें?
✔ डरें नहीं, यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
✔ संतुलित साधना करें और गुरु का मार्गदर्शन लें।
✔ मृदु प्राणायाम (अनुलोम-विलोम, भ्रामरी) करें।
✔ यदि झटके अधिक हो रहे हैं, तो ध्यान थोड़ी देर के लिए रोककर शरीर को स्थिर करें।
✔ धरती से संपर्क रखें – नंगे पैर घास पर चलें, यह ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है।
🙏 शांति से साधना जारी रखें, धीरे-धीरे कुंडलिनी का प्रवाह नियंत्रित हो जाएगा।
- Get link
- X
- Other Apps
Comments
Dhyan karte samay hamare dant kyu chipak jaate he ?
ReplyDeleteOm soham mantra ko kya saat naam kahte hai, guru granth sahib me likha hai. Kya saso ke dwara om soham mantra ka jaap kar sakte hai.kripya mera margdarshan kare.
ReplyDelete