ध्यान करने के बाद मुझे बहुत बुरे सपने आते हैं
I have a lot of nightmares after meditating ?
ध्यान करने के बाद बुरे सपने आना आपके अवचेतन मन (subconscious mind) में दबी हुई भावनाओं, डर, या अनसुलझी यादों का संकेत हो सकता है। ध्यान एक ऐसा अभ्यास है, जो गहरे स्तर पर शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सफाई का काम करता है। जब आप ध्यान करते हैं, तो ये दबी हुई चीजें सतह पर आ सकती हैं और सपनों के रूप में प्रकट हो सकती हैं।
बुरे सपनों के कारण:
अवचेतन सफाई (Subconscious Cleansing):
- ध्यान अवचेतन मन की गहराई में छिपे डर, चिंता, और पुराने अनुभवों को बाहर लाने का काम करता है।
- ये चीजें सपनों के रूप में प्रकट हो सकती हैं, जो आपको असहज लगती हैं।
ऊर्जा का असंतुलन:
- यदि आप ध्यान में गहरे उतरते हैं, तो ऊर्जा केंद्र (चक्र) सक्रिय होते हैं। कभी-कभी ये असंतुलन या अधिक सक्रियता के कारण बुरे सपने हो सकते हैं।
- विशेषकर यदि आपकी ऊर्जा मूलाधार या स्वाधिष्ठान चक्र में फंसी हो, तो डरावने या असहज सपने आ सकते हैं।
अधूरी भावनात्मक सफाई:
- पुराने डर, दु:ख, या आघात (trauma) ध्यान के दौरान हलचल में आ सकते हैं। ये अनुभव सपनों में भयावह रूप में दिख सकते हैं।
अनजाने भय या अनसुलझे कर्म:
- कुछ सपने आपके भीतर के गहरे भय या पिछले अनुभवों के संकेत हो सकते हैं।
- यह भी संभव है कि यह पिछले जन्म के कर्मों या संस्कारों का परिणाम हो।
इसे कम करने के लिए क्या करें:
1. सपनों को स्वीकार करें:
- डरें नहीं। ये सपने केवल आपके भीतर की सफाई प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
- इन्हें एक संकेत मानें कि आप आंतरिक रूप से प्रगति कर रहे हैं।
2. शांति और सुरक्षा का ध्यान करें:
- ध्यान से पहले एक रक्षा मंत्र का जाप करें, जैसे:
- "ॐ नमः शिवाय"
- "ॐ ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" (महाकाली का बीज मंत्र)
- यह मंत्र आपके मन को शांत और संरक्षित करेगा।
3. सकारात्मक कल्पना करें:
- ध्यान के बाद कुछ मिनट सकारात्मक विचारों और अनुभवों पर ध्यान दें।
- अपने चारों ओर एक प्रकाश का घेरा (white protective light) कल्पना करें।
4. रात के समय ध्यान का समय बदलें:
- यदि रात में ध्यान करने के बाद ये सपने आते हैं, तो सुबह या दिन में ध्यान करने का प्रयास करें।
5. चंद्र भेदी प्राणायाम करें:
- सोने से पहले चंद्र भेदी प्राणायाम (बाएं नासिका से श्वास लेना और दाएं से छोड़ना) करें। यह मन और शरीर को शांत करेगा।
6. संतुलित साधना करें:
- 7 चक्र ध्यान करते समय ध्यान रखें कि कोई चक्र अत्यधिक सक्रिय न हो।
- विशेष रूप से मूलाधार और स्वाधिष्ठान चक्र को संतुलित करने के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
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