परमात्मा क्यों भेजता है आत्मा को संसार में?

 परमात्मा क्यों भेजता है आत्मा को संसार में?   यह प्रश्न युगों से ऋषियों, भक्तों और साधकों के हृदय में उठता आया है। इसका उत्तर केवल तर्क से नहीं, भावना और अनुभव से समझा जा सकता है। आइए इसे एक कहानी और भावना के माध्यम से समझते हैं... 🌌 प्रारंभ: परमात्मा और आत्मा का संवाद बहुत समय पहले की बात है। जब न कोई पृथ्वी थी, न आकाश। न समय था, न कोई देह। केवल एक था— परमात्मा । शुद्ध प्रेम, प्रकाश और शांति का अनंत महासागर। उस अनंत ज्योति के भीतर असंख्य आत्माएँ थीं—चमकती हुई चिंगारियाँ, जो उसी परमात्मा की ही अंश थीं। वे आत्माएँ आनंद में डूबी रहतीं, पूर्णता का अनुभव करतीं। फिर एक दिन, एक छोटी सी आत्मा ने परमात्मा से पूछा: "प्रभु, आप तो सब कुछ हैं। लेकिन मैं खुद को जानना चाहती हूं। मैं यह जानना चाहती हूं कि मैं कौन हूं। क्या मैं भी आप जैसी हूं?" परमात्मा मुस्कुराए। उन्होंने कहा: "प्यारी आत्मा, तुम वास्तव में मुझ जैसी ही हो। लेकिन केवल मेरे पास रहकर तुम अपने स्वरूप को पूर्ण रूप से अनुभव नहीं कर सकती। जैसे बिना अंधकार के प्रकाश का अनुभव नहीं होता, वैसे ही बिना अनुभव के ज्ञा...

रात एम 3.30 Am को आवाज हल्का सा ट्रांस में जाता हु दिन कुछ भी नहीं होता ऐसा क्यों

 रात एम 3.30 Am को  आवाज  हल्का सा ट्रांस में जाता हु दिन कुछ भी  नहीं होता ऐसा क्यों?


रात 3:30 बजे ध्यान में हल्की आवाजें सुनना और ट्रांस जैसी स्थिति में जाना "अमृतवेला" का प्रभाव हो सकता है। इस समय वातावरण की ऊर्जा शांत और सूक्ष्म होती है, जिससे ध्यान गहरा और अनुभव स्पष्ट होता है। दिन के समय यह अनुभव नहीं होना सामान्य है क्योंकि दिन में हमारी ऊर्जा बाहरी गतिविधियों में व्यस्त रहती है, और ध्यान केंद्रित करना कठिन हो सकता है।

क्या करें:

  • इस समय का उपयोग ध्यान और आत्म-विश्लेषण के लिए करें।
  • दिन में भी ध्यान का अभ्यास जारी रखें, भले ही अनुभव अलग हों।
  • संतुलित दिनचर्या बनाए रखें।

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