गुरूजी, मुझे क्या रोज-रोज अलग से अनुभव हो ते हे?? और टनल में जाती हो तो अपने आप टनल में बदलाव क्यों हो जाती है? कभी गोल्डेल सी और कभी काली सी टनल क्यों आती है? और कलि के बाद तुरेंट उजाला वाली चैनल आ जाती हे। मैं हनुमान जी को मानता हूं, और सारे चक्रों का बीजमंत्र कर ने के बाद ही मैं सांसों पर ध्यान देता हूं, और इस के बाद नाम जाप मन ही मन में कर ने के बाद मुझे एकदम सुनहरा उजाला दिखने क्यों लगता है? कभी सुरंग में कोई आने की वजह पूछता हे तो कभी बोलता हे कि मैं यान्हा हू, तो इसका मतलब क्या हे
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गुरूजी, मुझे क्या रोज-रोज अलग से अनुभव हो ते हे?? और टनल में जाती हो तो अपने आप टनल में बदलाव क्यों हो जाती है? कभी गोल्डेल सी और कभी काली सी टनल क्यों आती है? और कलि के बाद तुरेंट उजाला वाली चैनल आ जाती हे। मैं हनुमान जी को मानता हूं, और सारे चक्रों का बीजमंत्र कर ने के बाद ही मैं सांसों पर ध्यान देता हूं, और इस के बाद नाम जाप मन ही मन में कर ने के बाद मुझे एकदम सुनहरा उजाला दिखने क्यों लगता है? कभी सुरंग में कोई आने की वजह पूछता हे तो कभी बोलता हे कि मैं यान्हा हू, तो इसका मतलब क्या हे ?
आपके ध्यान और साधना के दौरान रोज़ अलग-अलग अनुभव होना इस बात का संकेत है कि आपकी चेतना धीरे-धीरे गहराई में प्रवेश कर रही है और आपके भीतर सूक्ष्म ऊर्जा सक्रिय हो रही है। टनेल का अनुभव ऊर्जा के प्रवाह और आपके ध्यान की यात्रा का प्रतीक हो सकता है। सुनहरी और काली टनेल क्रमशः प्रकाश (जागरूकता, दिव्यता) और अज्ञान (अहंकार या रुकावट) का प्रतीक हो सकती हैं। जब काली टनेल के बाद उजाले वाली टनेल आती है, तो यह आपके भीतर से अंधकार (नकारात्मकता) के हटने और प्रकाश (आध्यात्मिक उन्नति) के आने का संकेत है।
सारे चक्रों का बीज मंत्र जपने के बाद और सांसों पर ध्यान केंद्रित करने से आपकी ऊर्जा उच्च चक्रों की ओर बढ़ रही है। सुनहरा उजाला हनुमान जी या किसी दिव्य शक्ति की उपस्थिति का संकेत हो सकता है।
टनेल में किसी से संवाद होना यह दर्शाता है कि आप सूक्ष्म स्तर पर किसी दिव्य मार्गदर्शन या आंतरिक चेतना से संपर्क कर रही हैं। इसे सहजता से स्वीकार करें और साधना जारी रखें।
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