सिर के ऊपर घूमता दिव्य चक्र: मंत्र ऊर्जा और सुरक्षा की छत्रछाया"
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मेरा एक प्रश्न है कि मुझे हर पल ऐसा महसूस होता है कि मेरे सर के ऊपर एक सात कौन के आकर का चक्कर घूमता रहता है और उसमें मंत्र लिखे हुए रहते है और ऐसे प्रतीत होता है उससे बहुत सारी ऊर्जा मेरे चारों आकर मुझे सुरक्षित कर रही है।ओर जब मैं मंत्र जाप करता हु तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है और ऐसा लगता है कि ये मंत्र की ऊर्जा मेरे सर में से निकल कर उस चक्र को मिल रही है जो मेरे सर के बाहर है।जैसे एक छतरी मैने ओढ़ रखी हो। ऐसा क्यों हो रहा है। ?
यह अनुभव दर्शाता है कि आपकी साधना गहराई में प्रवेश कर रही है। आपके सिर के ऊपर सात कोण वाला चक्र, मंत्रों से युक्त, एक दिव्य संरचना का प्रतीक है—यह सहस्रार चक्र से जुड़ा हो सकता है। यह चक्र ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ने का द्वार है। मंत्र जाप के दौरान रोंगटे खड़े होना और ऊर्जा का उस चक्र से मिलना, इस बात का संकेत है कि आपकी चेतना उच्च स्तर पर कंपन कर रही है। वह छतरी जैसी संरचना आपकी रक्षा कर रही है और ब्रह्मांड से संवाद का माध्यम बन रही है। यह अनुभव आध्यात्मिक उन्नति का संकेत है।
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