वात पित कफ ko control kaise kre?
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वात पित कफ ko control kaise kre?
वात, पित्त और कफ — ये तीनों दोष हमारे शरीर के संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन्हें नियंत्रित करने के लिए सही दिनचर्या, आहार और जीवनशैली अपनाना जरूरी है।
वात दोष को नियंत्रित करने के लिए गर्म, ताजा और तैलीय भोजन करें। ठंडी हवा और अनियमित दिनचर्या से बचें। तिल का तेल, घी, और हल्की मालिश फायदेमंद रहती है।
पित्त दोष के लिए ठंडे, मीठे और ताजगी देने वाले आहार (जैसे दूध, नारियल पानी) लें। तीखा, तला और मसालेदार भोजन कम करें। गुस्सा और अत्यधिक गर्मी से दूर रहें।
कफ दोष को संतुलित करने के लिए हल्का, सूखा और गर्म भोजन लें। दही, मिठाई और ज्यादा नींद से बचें। नियमित व्यायाम करें।
योग, प्राणायाम और ध्यान तीनों दोषों को संतुलित करने में अत्यंत सहायक होते हैं। आयुर्वेदिक सलाह के अनुसार दिनचर्या बनाना सर्वोत्तम रहेगा।
त्रिफला" (Triphala) एक बहुत प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है, जो तीन फलों से मिलकर बनती है:
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हरड़ (हरीतकी)
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बहेड़ा (विभीतकी)
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आंवला (अमलकी)
त्रिफला के फायदे:
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तीनों दोष — वात, पित्त और कफ — को संतुलित करने में मदद करती है।
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पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और कब्ज दूर करती है।
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शरीर से विषाक्त तत्व (toxins) निकालती है (डिटॉक्स करती है)।
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आंखों, त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है।
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इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है।
कैसे लें:
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रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेना सबसे सामान्य तरीका है।
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त्रिफला का काढ़ा भी बनाया जा सकता है।
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