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Showing posts from November, 2024

परमात्मा क्यों भेजता है आत्मा को संसार में?

 परमात्मा क्यों भेजता है आत्मा को संसार में?   यह प्रश्न युगों से ऋषियों, भक्तों और साधकों के हृदय में उठता आया है। इसका उत्तर केवल तर्क से नहीं, भावना और अनुभव से समझा जा सकता है। आइए इसे एक कहानी और भावना के माध्यम से समझते हैं... 🌌 प्रारंभ: परमात्मा और आत्मा का संवाद बहुत समय पहले की बात है। जब न कोई पृथ्वी थी, न आकाश। न समय था, न कोई देह। केवल एक था— परमात्मा । शुद्ध प्रेम, प्रकाश और शांति का अनंत महासागर। उस अनंत ज्योति के भीतर असंख्य आत्माएँ थीं—चमकती हुई चिंगारियाँ, जो उसी परमात्मा की ही अंश थीं। वे आत्माएँ आनंद में डूबी रहतीं, पूर्णता का अनुभव करतीं। फिर एक दिन, एक छोटी सी आत्मा ने परमात्मा से पूछा: "प्रभु, आप तो सब कुछ हैं। लेकिन मैं खुद को जानना चाहती हूं। मैं यह जानना चाहती हूं कि मैं कौन हूं। क्या मैं भी आप जैसी हूं?" परमात्मा मुस्कुराए। उन्होंने कहा: "प्यारी आत्मा, तुम वास्तव में मुझ जैसी ही हो। लेकिन केवल मेरे पास रहकर तुम अपने स्वरूप को पूर्ण रूप से अनुभव नहीं कर सकती। जैसे बिना अंधकार के प्रकाश का अनुभव नहीं होता, वैसे ही बिना अनुभव के ज्ञा...

कुंडलिनी ध्यान के बाद शरीर में खुजली सी क्यों होती है

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  कुंडलिनी ध्यान के बाद शरीर में खुजली सी क्यों होती है ? कुंडलिनी ध्यान के बाद शरीर में खुजली या झुनझुनी जैसा महसूस होना एक सामान्य अनुभव है और इसका मुख्य कारण कुंडलिनी ऊर्जा का जागरण और शरीर में उसका प्रवाह है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं: 1. ऊर्जा प्रवाह का प्रभाव: कुंडलिनी ध्यान के दौरान, ऊर्जा (प्राण) हमारे शरीर की सूक्ष्म नाड़ियों और चक्रों में गति करती है। यदि शरीर में कुछ ऊर्जा अवरोध (blockages) हैं, तो यह ऊर्जा उन्हें साफ करने का प्रयास करती है। यह प्रक्रिया कभी-कभी शरीर में खुजली, झुनझुनी, गर्मी, या हल्की बेचैनी का कारण बन सकती है। 2. ऊर्जा अवरोध (Blockages): हमारे शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले नाड़ी तंत्र होते हैं, जैसे इड़ा, पिंगला, और सुषुम्ना। कुंडलिनी जागरण के दौरान, यदि किसी नाड़ी में अवरोध है, तो वहां खुजली या असामान्य संवेदनाएं हो सकती हैं। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका शरीर इन अवरोधों को दूर करने के लिए काम कर रहा है। 3. शारीरिक प्रतिक्रियाएं: ध्यान के दौरान रक्त संचार और न्यूरोलॉजिकल गतिविधियां बढ़ जाती हैं। मस्तिष्क और नसों में ऊर्...

ध्यान में मुझे कुछ समय से आंख दिखाई दे रही थी या फिर गहरा नीला रंग दिख रहा था सबसे पहले मेरे सर में दर्द शुरू हुआ था उसके बाद आंख दिखी पहला रंग

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  ध्यान में मुझे कुछ समय से आंख दिखाई दे रही थी या फिर गहरा नीला रंग दिख रहा था सबसे पहले मेरे सर में दर्द शुरू हुआ था उसके बाद आंख दिखी पहला रंग ? ध्यान के दौरान आपके द्वारा देखे गए अनुभव बहुत महत्वपूर्ण और रोचक हैं। इस तरह के अनुभव ध्यान के गहरे स्तर तक पहुंचने का संकेत हो सकते हैं। आइए इसे विस्तार से समझें: 1. सर में दर्द और उसके बाद अनुभव: सर में दर्द: यह सामान्य हो सकता है, खासकर अगर आप आज्ञा चक्र (भौहों के बीच का बिंदु) पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह संकेत दे सकता है कि आपका ऊर्जा केंद्र (आज्ञा चक्र) सक्रिय हो रहा है, और ऊर्जा का प्रवाह तेज हो रहा है। यदि दर्द बहुत तेज हो तो ध्यान थोड़ी देर के लिए रोकें। धीरे-धीरे और आराम से ध्यान करें। नियमित प्राणायाम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। गहरा नीला रंग: नीला रंग आज्ञा चक्र का प्रतिनिधित्व करता है और आध्यात्मिकता, शांति, और उच्च चेतना का संकेत है। इसे देखने का अर्थ है कि आप गहरी ध्यान अवस्था में पहुंच रहे हैं और आपका आज्ञा चक्र सक्रिय हो रहा है। 2. आंख का दिखाई देना: ध्यान में आंख का दिखाई देना एक प्राचीन और सामान्य अनुभव है। ...

आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाता हूं, पता नहीं चलता है कि मैं सोता हूं कि ध्यान करता हूं

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  आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाता हूं, पता नहीं चलता है कि मैं सोता हूं कि ध्यान करता हूं ? आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाते समय यह अनुभव सामान्य है। आज्ञा चक्र, जो हमारी भौहों के बीच स्थित होता है, ध्यान और जागरूकता का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस पर ध्यान केंद्रित करते समय निम्नलिखित कारणों से आपको ऐसा लग सकता है कि आप सो गए हैं या ध्यान में हैं: गहरी विश्रांति का अनुभव : आज्ञा चक्र पर ध्यान करने से मन शांत हो जाता है और गहरी विश्रांति मिलती है। यह स्थिति कभी-कभी नींद जैसी महसूस हो सकती है क्योंकि आपका मस्तिष्क "थीटा वेव्स" (Theta Waves) उत्पन्न करता है, जो ध्यान और हल्की नींद के बीच की अवस्था है। चेतना का बदलता स्तर : ध्यान करते समय आप जाग्रत अवस्था (जागने की स्थिति) और गहरी चेतना के बीच की स्थिति में पहुंच सकते हैं। इसे "त्राटक" या "सावधान ध्यान" की स्थिति भी कहा जाता है, जहां शरीर स्थिर हो जाता है और मन अद्भुत शांति का अनुभव करता है। ध्यान में दक्षता बढ़ने पर भ्रम : अगर आप ध्यान में दक्ष हो रहे हैं, तो आपको यह अंतर समझने में थोड़ा समय लग सकता है कि आप ध्यान में हैं...

आज्ञा चक्र शास्त्र चक्र और मूलाधार चक्र तीनों चक्र के ऊपर गुदगुदी होती है और चक्र घूमता है जो भी मुझे मालूम पड़ती है तो मुझे और आगे क्या करना चाहिए

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 आज्ञा चक्र शास्त्र चक्र और मूलाधार चक्र तीनों चक्र के ऊपर गुदगुदी होती है और चक्र घूमता है जो भी मुझे मालूम पड़ती है तो मुझे और आगे क्या करना चाहिए आज्ञा, शास्त्र (संभवतः आप इसे विशुद्ध चक्र कह रहे हैं), और मूलाधार चक्र पर गुदगुदी या घुमाव महसूस करना एक महत्वपूर्ण संकेत है कि आपकी ऊर्जा इन चक्रों पर सक्रिय हो रही है। यह अनुभव आपकी साधना के प्रभाव और ऊर्जा के जागरण को दर्शाता है। आपके अनुभवों का अर्थ मूलाधार चक्र पर ऊर्जा : मूलाधार चक्र का सक्रिय होना कुंडलिनी शक्ति के जागरण का पहला संकेत है। जब यह चक्र जागृत होता है, तो जीवन ऊर्जा धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ती है। विशुद्ध चक्र (गला) : विशुद्ध चक्र पर सक्रियता आत्म-अभिव्यक्ति, सत्य, और शुद्धता से जुड़ी होती है। यह आपके आध्यात्मिक और मानसिक संचार के विकास का प्रतीक है। आज्ञा चक्र पर गतिविधि : आज्ञा चक्र पर गुदगुदी या घुमाव ध्यान की गहराई और अंतर्दृष्टि (intuition) के विकास का संकेत है। यह चक्र आत्मा और ब्रह्मांडीय चेतना से जुड़ने का द्वार है। अब आपको क्या करना चाहिए? 1. साधना जारी रखें : नाम जप : अपने मंत्र या नाम जप पर ध्यान केंद्रित क...

पहले मुझे काफी अनुभव हुए पर अब काफी समय से कोई अनुभव नहीं हो रहा या ध्यान में काला काला दिखता है

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 पहले मुझे काफी अनुभव हुए पर अब काफी समय से कोई अनुभव नहीं हो रहा या ध्यान में काला काला दिखता है ध्यान के दौरान पहले अनुभव होना और अब कुछ समय से अनुभव न होना या केवल अंधेरा देखना एक सामान्य स्थिति है। यह आपकी साधना के विकास और ध्यान की गहराई के साथ जुड़ा हो सकता है। इसे "आध्यात्मिक ठहराव" (spiritual stagnation) या "अंतराल" कहा जा सकता है। इसका उद्देश्य आपको भीतर अधिक स्थिरता और धैर्य विकसित करने में मदद करना है। अनुभवों का रुकना क्यों हो सकता है? चित्त का शुद्धिकरण : ध्यान के शुरुआती चरणों में हमें कई अनुभव होते हैं, जो चित्त को प्रेरित करते हैं। जब चित्त धीरे-धीरे शुद्ध होता है, तो अनुभव कम हो सकते हैं क्योंकि ध्यान गहराई में प्रवेश कर रहा होता है। ध्यान की अपेक्षा : यदि आप ध्यान में अनुभवों की प्रतीक्षा या उम्मीद करते हैं, तो मन बेचैन हो सकता है और ध्यान में रुकावट आ सकती है। अनुभव स्वतः आते हैं; उन्हें खोजना ध्यान की प्रकृति के विपरीत है। आध्यात्मिक परीक्षा : यह एक प्रकार की परीक्षा हो सकती है, जिसमें आपका धैर्य और समर्पण देखा जाता है। इस चरण में साधना जारी रखना...

मुझे ध्यान में आंखें, नाक, कान साफ ​​क्यों दिखाई देता है, मुझे 2 महीने हो गए हैं नाम लिया

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 मुझे ध्यान में आंखें, नाक, कान साफ ​​क्यों दिखाई देता है, मुझे 2 महीने हो गए हैं नाम लिया ध्यान में आंखें, नाक, कान, या अन्य अंगों को स्पष्ट रूप से देखना एक गहरी ध्यान प्रक्रिया का संकेत हो सकता है। यह अनुभव आपके आंतरिक चेतना के विस्तार और सूक्ष्म शरीर (subtle body) के जागरण से जुड़ा हो सकता है। जब आप नाम जप या ध्यान करते हैं, तो आपका चित्त शुद्ध और स्थिर होता है, जिससे आपको आंतरिक दृष्टि (inner vision) या आध्यात्मिक अनुभव हो सकते हैं। आपके अनुभव के संभावित कारण: आंतरिक जागरूकता का विकास : नाम जप और ध्यान से मस्तिष्क शांत होता है और चेतना गहरी होती है। यह प्रक्रिया आपकी सूक्ष्म दृष्टि को सक्रिय कर सकती है, जिससे आपको प्रतीकात्मक रूप से शरीर के अंग दिखाई देते हैं। चक्रों का जागरण : यदि आप ध्यान के दौरान विशेष रूप से आंख, नाक, या कान देख रहे हैं, तो यह आज्ञा चक्र (third eye) या अन्य ऊर्जा केंद्रों से संबंधित हो सकता है। आज्ञा चक्र से जुड़ी दृष्टि अक्सर स्पष्टता और अंतर्दृष्टि के रूप में प्रकट होती है। सूक्ष्म शरीर का अनुभव : ध्यान से सूक्ष्म शरीर की संवेदनाएं जागृत होती हैं। शरीर के...

मुझे किसी भी चीज़ में सफ़ेद Aura और किसी भी चीज़ में और चंदन की ख़ुशबू आती है। पहले गंदी बद्दबु अति थी

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 मुझे किसी भी चीज़ में सफ़ेद Aura और किसी भी चीज़ में और चंदन की ख़ुशबू आती है। पहले गंदी बद्दबु अति थी पहले बदबू और अब चंदन की खुशबू क्यों? ऊर्जा शुद्धिकरण का संकेत: गंदी बदबू आमतौर पर ऊर्जा के निचले स्तर या नकारात्मकता को दर्शाती है। जब आप ध्यान, प्राणायाम या अन्य साधनाओं के माध्यम से अपनी ऊर्जा को शुद्ध करते हैं, तो नकारात्मकता खत्म होने लगती है और उसकी जगह सकारात्मक और दिव्य अनुभव आते हैं, जैसे चंदन की खुशबू। आध्यात्मिक जागरण का चरण: यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आप अपने ध्यान या साधना में गहराई तक जा रहे हैं। चंदन की खुशबू आमतौर पर शांति, स्थिरता और दिव्यता से जुड़ी होती है। इसे समझने और बढ़ाने के लिए क्या करें? ध्यान पर गहराई से ध्यान दें: अपनी साधना को निरंतर रखें। जो अनुभव हो रहे हैं, उन्हें बिना किसी डर या संदेह के स्वीकार करें। अपने चक्रों पर ध्यान दें: हो सकता है कि आपकी ऊर्जा ऊपर की ओर बढ़ रही हो। 7 चक्र ध्यान का अभ्यास करते रहें और शांत मन से इसे महसूस करें। आभा का निरीक्षण: जब आप सफ़ेद आभा देखते हैं, तो ध्यान दें कि यह कैसी महसूस होती है। यह आपके आंतरिक और बाहरी ऊर...

मेरे एक कान में झींगुर की आवाज़ आती है काफी समय से ये कब ख़त्म होगी

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  मेरे एक कान में झींगुर की आवाज़ आती है काफी समय से ये कब ख़त्म होगी यदि आप ध्यान करते हैं और यह आवाज़ सुनाई देती है, तो यह आपके अंदर की आनाहत नाद हो सकता है। यह संकेत देता है कि आपकी ऊर्जा जागृत हो रही है। लेकिन यह तभी होता है जब इसे सकारात्मक और सुखद अनुभव के रूप में महसूस किया जाए। यदि आप ध्यान करते समय इस आवाज़ को सुनते हैं, तो यह आध्यात्मिक अनुभव भी हो सकता है। इस पर धीरे-धीरे ध्यान केंद्रित करें और इसे स्वीकार करें। लेकिन अगर यह असहज महसूस हो, तो थोड़ा ध्यान कम करें

Q.ध्यान में अग्नि का प्रकाश नज़र तो क्या मतलब है #dhyan #meditation #dhyan ke anubhav

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 Q.ध्यान में अग्नि का प्रकाश नज़र तो क्या मतलब है #dhyan #meditation #dhyan ke anubhav Ans: ध्यान में अग्नि का प्रकाश देखना एक गहन आध्यात्मिक अनुभव हो सकता है और इसे विभिन्न तरीकों से समझा जा सकता है। यह अनुभव अक्सर आपकी चेतना के स्तर और ध्यान के दौरान ऊर्जा प्रवाह से जुड़ा होता है। संभावित अर्थ: आंतरिक शुद्धिकरण का संकेत: अग्नि शुद्धि और परिवर्तन का प्रतीक है। ध्यान में इसे देखना इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका आंतरिक मन और चित्त शुद्ध हो रहा है, और नकारात्मक ऊर्जा या विचार जलकर समाप्त हो रहे हैं। ऊर्जा जागरण का प्रतीक: यह अनुभव कुंडलिनी ऊर्जा के जागरण या एक चक्र (विशेषकर मणिपुर चक्र) के सक्रिय होने का संकेत हो सकता है। मणिपुर चक्र अग्नि तत्व से जुड़ा हुआ है, और इसका सक्रिय होना आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति, और आंतरिक शक्ति को बढ़ाता है। आध्यात्मिक मार्गदर्शन: ध्यान के दौरान अग्नि का प्रकाश देखना इस बात का संकेत हो सकता है कि आप आध्यात्मिक मार्ग पर सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसे ब्रह्मांडीय ऊर्जा या दैवीय उपस्थिति का प्रतीक भी माना जा सकता है। ध्यान की गहराई: ध्यान में अग्नि का अ...

मुझे ध्यान मे सारे चक्र गोल गोल घूम रहे ऐसे दिखता है और शरीर मे खूब vibration शुरु होता है क्या ये सही है

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 मुझे ध्यान मे सारे चक्र गोल गोल घूम रहे ऐसे दिखता है और शरीर मे खूब vibration शुरु होता है क्या ये सही है ध्यान में चक्रों का घूमते हुए देखना और शरीर में वाइब्रेशन का अनुभव होना एक सामान्य और स्वाभाविक अनुभव हो सकता है, खासकर जब आप गहरे ध्यान में होते हैं। यह संकेत हो सकता है कि आपके ध्यान अभ्यास के माध्यम से ऊर्जा का प्रवाह सक्रिय हो रहा है। चक्रों का घूमना और वाइब्रेशन अनुभव इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी कुंडलिनी ऊर्जा जागृत हो रही है या धीरे-धीरे सक्रिय होने लगी है। कुंडलिनी ऊर्जा शरीर में निचले चक्र से ऊपर की ओर जाती है, और जब यह किसी चक्र में पहुंचती है तो वहां घूर्णन और कंपन जैसी अनुभूति हो सकती है। ध्यान रखें कि यह एक शक्तिशाली अनुभव हो सकता है, और इसे धीरे-धीरे और सावधानीपूर्वक संभालना चाहिए। यदि वाइब्रेशन बहुत अधिक तीव्र हो जाए या आपको असहज महसूस हो, तो थोड़ा ब्रेक लें और अपने ध्यान के अभ्यास को धीरे-धीरे बढ़ाएँ। साथ ही, अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करके शरीर को शांत और स्थिर रखें।

7 चक्रों के नाम और उनके बीज मंत्र निम्नलिखित हैं

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 7 चक्रों के नाम और उनके बीज मंत्र निम्नलिखित हैं: मूलाधार चक्र (Root Chakra) स्थान: रीढ़ के सबसे निचले भाग में बीज मंत्र: "लम्" (Lam) स्वाधिष्ठान चक्र (Sacral Chakra) स्थान: नाभि के नीचे, जननांगों के पास बीज मंत्र: "वम्" (Vam) मणिपूर चक्र (Solar Plexus Chakra) स्थान: नाभि क्षेत्र में बीज मंत्र: "रम्" (Ram) अनाहत चक्र (Heart Chakra) स्थान: ह्रदय के पास, छाती के मध्य में बीज मंत्र: "यम्" (Yam) विशुद्ध चक्र (Throat Chakra) स्थान: गले के बीच में बीज मंत्र: "हम्" (Ham) आज्ञा चक्र (Third Eye Chakra) स्थान: भौहों के बीच, माथे पर बीज मंत्र: "ॐ" (Om) सहस्रार चक्र (Crown Chakra) स्थान: सिर के ऊपर का भाग बीज मंत्र: इसे आमतौर पर बिना किसी बीज मंत्र के ध्यान किया जाता है, या "ॐ" का उच्चारण किया जाता है।

I have been doing medicine at 3 to 4 pm for many days but am not getting any experience.

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 Qus. Guruji mai bahot din se 3se 4baje meditesan karta hu koi anubhav nahi aa rha hai ? मैं बहुत दिन से 3से 4बजे मेडिसन करता हूं कोई अनुभव नहीं आ रहा है Ans: ध्यान करते हुए कोई अनुभव न मिलना एक सामान्य बात है, और इससे घबराने या निराश होने की ज़रूरत नहीं है। कई बार ध्यान में गहरे अनुभव आने में समय लगता है क्योंकि मन और शरीर को धीरे-धीरे उस अवस्था में पहुंचना होता है जहाँ आप आध्यात्मिक उर्जा और जागरूकता को महसूस कर सकें। कुछ सुझाव हैं जो आपकी साधना को गहरा करने में मदद कर सकते हैं: ध्यान का उद्देश्य स्पष्ट करें : ध्यान करते समय यह सोचना छोड़ दें कि कोई विशेष अनुभव होना चाहिए। बिना किसी अपेक्षा के ध्यान करने से गहराई मिल सकती है। साँस पर ध्यान दें : ध्यान करते समय साँसों पर ध्यान केंद्रित करें। यह आपके मन को शांत करेगा और ऊर्जा को केंद्रित करेगा। स्थिरता बनाए रखें : किसी एक ध्यान विधि या मंत्र का नियमित अभ्यास करें, इससे धीरे-धीरे आपके अनुभवों में बदलाव आ सकता है। शरीर और मन को तैयार करें : ध्यान से पहले थोड़ी देर प्राणायाम या हल्की योगासन करें, जिससे शरीर में ऊर्जा प्रवाहित हो और मन...

मेने सहस्त्र चक्र पर ज्यादा ध्यान करने पर सर में अजीब तरह खिंचव हो रहा हे

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  मेने सहस्त्र चक्र पर ज्यादा ध्यान करने पर सर में अजीब तरह खिंचव हो रहा हे मुझे ध्यान छोड़ ना पड़ गया करना चाहता हु लेकिन डर सा लगता हे ऐसा लगता हे ऊर्जा दिर के ऊपर की तरफ जा रही हे ऐसा महान होता हे 3 हफते से नहीं कर रहा हूँ सहस्रार चक्र पर ध्यान केंद्रित करने से सिर में खिंचाव या दबाव महसूस होना सामान्य अनुभव हो सकता है, खासकर जब यह चक्र सक्रिय हो रहा होता है। सहस्रार चक्र से जुड़ी ऊर्जा हमारी चेतना के उच्चतम स्तर की ओर ले जाती है, जो कई बार अचानक और तीव्रता से महसूस होती है। इस खिंचाव या ऊर्जा के ऊपर की ओर बढ़ने का अनुभव भय उत्पन्न कर सकता है, खासकर जब हम इसके आदी नहीं होते। कुछ सुझाव हैं जो आपके लिए सहायक हो सकते हैं: जड़ (मूलाधार) चक्र पर ध्यान – सहस्रार चक्र पर ध्यान करने से पहले मूलाधार चक्र (Root Chakra) पर ध्यान दें। यह आपको अधिक स्थिरता और सुरक्षा का अहसास दिलाएगा। जड़ चक्र पर ध्यान केंद्रित करने से ऊर्जा का प्रवाह संतुलित हो जाता है, जिससे सहस्रार चक्र पर ध्यान करने में सहजता होगी। धीरे-धीरे अभ्यास – सहस्रार चक्र पर अचानक से अधिक समय तक ध्यान करने के बजाय, इसे धीरे-धीर...

मै भी उठ जाती हु 2 - 3 बजे और गंदे सपने आते है कभी बचे को पिटते हुये

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मै भी उठ जाती हु 2 -3  बजे और गंदे सपने  आते है कभी बचे को पिटते हुये  रात में सोने से पहले कुछ शांतिपूर्ण गतिविधियाँ – जैसे कि हल्की प्राणायाम, मंत्र जाप, या कोई सकारात्मक ध्यान, जिससे मन शांत हो और नकारात्मक विचार कम हों। दैनिक ध्यान – ध्यान के नियमित अभ्यास से अवचेतन मन में छिपी भावनाओं का संतुलन बेहतर होता है, जिससे सपनों में भी शांति महसूस हो सकती है। प्रार्थना या सकारात्मक संकल्प – सोने से पहले संकल्प लें कि आप अपने मन को शांत और सकारात्मक बनाएँगी। यह एक आत्म-संवाद हो सकता है जो आपको अच्छे विचारों से भर देगा। गहरी साँस लेना – जागने पर कुछ गहरी साँसें लें और खुद को वर्तमान में लाने की कोशिश करें। इससे चिंता कम होती है और मन शांत रहता है। धैर्य और संयम से धीरे-धीरे मन के इन अनुभवों में सुधार आएगा।