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Showing posts from February, 2025

परमात्मा क्यों भेजता है आत्मा को संसार में?

 परमात्मा क्यों भेजता है आत्मा को संसार में?   यह प्रश्न युगों से ऋषियों, भक्तों और साधकों के हृदय में उठता आया है। इसका उत्तर केवल तर्क से नहीं, भावना और अनुभव से समझा जा सकता है। आइए इसे एक कहानी और भावना के माध्यम से समझते हैं... 🌌 प्रारंभ: परमात्मा और आत्मा का संवाद बहुत समय पहले की बात है। जब न कोई पृथ्वी थी, न आकाश। न समय था, न कोई देह। केवल एक था— परमात्मा । शुद्ध प्रेम, प्रकाश और शांति का अनंत महासागर। उस अनंत ज्योति के भीतर असंख्य आत्माएँ थीं—चमकती हुई चिंगारियाँ, जो उसी परमात्मा की ही अंश थीं। वे आत्माएँ आनंद में डूबी रहतीं, पूर्णता का अनुभव करतीं। फिर एक दिन, एक छोटी सी आत्मा ने परमात्मा से पूछा: "प्रभु, आप तो सब कुछ हैं। लेकिन मैं खुद को जानना चाहती हूं। मैं यह जानना चाहती हूं कि मैं कौन हूं। क्या मैं भी आप जैसी हूं?" परमात्मा मुस्कुराए। उन्होंने कहा: "प्यारी आत्मा, तुम वास्तव में मुझ जैसी ही हो। लेकिन केवल मेरे पास रहकर तुम अपने स्वरूप को पूर्ण रूप से अनुभव नहीं कर सकती। जैसे बिना अंधकार के प्रकाश का अनुभव नहीं होता, वैसे ही बिना अनुभव के ज्ञा...

Element of vishuddhi chakra ?

 Element of vishuddhi chakra ? Vishuddhi (throat) chakra ka element Aakash (Ether/Space) hai. Yeh chakra communication, satya (truth), aur abhivyakti (self-expression) se juda hota hai. Aakash tattva shunyata, dhvani (sound), aur anant sambhavnayein darshata hai. Is chakra ka balance hone par vyakti spasht aur satvik roop se apni baat keh paata hai aur uchit shabd ka chayan karta hai.

Dhyaan krte waqt ubasi aati hai ?

 Dhyaan krte waqt ubasi aati hai ? Dhyaan ke dauraan ubasi (yawning) aane ke kai karan ho sakte hain: Sharir ka Relax Hona – Meditation ke dauraan jab sharir aur mann relax hote hain, toh oxygen ka level badhne ke liye ubasi aati hai. Energy Release – Jab aapki energy shift hoti hai ya koi blockage release hota hai, toh ubasi aa sakti hai. Man ka Sust Hona – Agar dhyaan ke samay mann thoda sust ya bored ho raha hai, toh bhi ubasi aati hai. Oxygen ki Kami – Galat posture ya kam gehri saans lene se sharir ko oxygen kam milti hai, jo ubasi ka karan ban sakta hai. Emotional Cleansing – Kabhi-kabhi dhyaan me purane emotions release hote hain, aur us process me ubasi aane lagti hai. Agar ubasi zyada aa rahi hai, toh deep breathing karein aur meditation se Dhyaan karte waqt ubasi aana sharir se negativity aur thakan nikalne ka sanket ho sakta hai. Yeh energy shift, oxygen ki kami ya mann ki susti ka bhi lakshan ho sakti hai. Achhe vataavaran me, seedha baithkar aur gehri saans lekar ...

Jaap krte smay neend aane ka karan ?

 Jaap krte smay neend aane ka karan ? Jaap karte samay neend aane ke kai karan ho sakte hain: Sharirik Thakan – Agar sharir thaka hua hai, toh jaap ke dauraan relaxation milne se neend aa sakti hai. Mann ka Ashant Hona – Agar mann me adhik vichar chal rahe hain, toh jaap se milne wali shanti neend le aati hai. Galat Aasan ya Mudra – Seedha na baithne se energy low ho sakti hai, jo neend ka karan banta hai. Boring Routine – Bina bhaav ke ya mechanical tareeke se jaap karna neend la sakta hai. Jaap ke dauraan neend aane ka karan sharirik thakan, man ki susti, energy imbalance ya subconscious resistance ho sakta hai. Bhojan ke turant baad jaap karna bhi neend la sakta hai. Sharir ko active rakhne, seedha baithne aur bhavnaon se jude jaap karne se yeh samasya kam ho sakti hai.

Kya medicine se hamari third eye close hoti hai ?

Haan, kuch medicines third eye (Ajna chakra) ko block kar sakti hain, jaise sedatives, antidepressants, painkillers, aur fluoride. Yeh pineal gland ki activity ko kam kar sakti hain, jisse intuition aur spiritual experiences dull ho jate hain. Natural diet, meditation aur detox se iska asar kam ho sakta hai.

Kisi ka sath chlne ka ahsas kyo hota h jese koi sath chal rha ho aur sath m pero ki awaj aana

 Kisi ka sath chlne ka ahsas kyo hota h jese koi sath chal rha ho aur sath m pero ki awaj aana ? जब आपको किसी का साथ चलने का एहसास होता है और पैरों की आवाज सुनाई देती है, तो यह आध्यात्मिक अनुभव या ऊर्जा संवेदनाएं हो सकती हैं। यह अनुभव अक्सर तब होता है जब आपका आत्म-संस्कार या चेतना का विस्तार होता है। यह संकेत हो सकता है कि आप किसी उच्च चेतना या दिव्य ऊर्जा के संपर्क में हैं। कभी-कभी यह अनुभव आपके इष्ट देवता, गुरु या दिव्य मार्गदर्शन के साथ जुड़ा हो सकता है। इसे आध्यात्मिक साक्षात्कार के रूप में स्वीकार करें, और अपनी साधना को गहरी समझ और श्रद्धा के साथ जारी रखें।

mera doh savak he ki, jab bhi me meditation karti hu to muje muh me se pani or laar sa nikalta he he to woh kyu hota he? 2. Jab me chakras ka bij mantra karti hu to throat chakras pe aake aage nahi badh pati hu

 mera doh savak he ki, jab bhi me meditation karti hu to muje muh me se pani or laar sa nikalta he he to woh kyu hota he? 2. Jab me chakras ka bij mantra karti hu to throat chakras pe aake aage nahi badh pati hu? जब आप ध्यान करती हैं और मुँह से पानी या लार निकलता है, तो यह एक सामान्य ऊर्जा शुद्धिकरण का संकेत हो सकता है। ध्यान के दौरान शरीर में शारीरिक और मानसिक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे लार का प्रवाह बढ़ सकता है। यह शरीर के वातावरण से ऊर्जा संतुलन में सुधार करता है। यदि आप चक्रों के बीज मंत्र का जाप करती हैं और गले के चक्र (विशुद्धि चक्र) पर अटक जाती हैं, तो यह रुकावटें या विरोधी भावनाओं के कारण हो सकता है। गले के चक्र में किसी प्रकार का संकोच या असंयम हो सकता है। आप गले की शुद्धि के लिए धीमे-धीमे प्राणायाम और मौन ध्यान का अभ्यास करें।

मुझे Crown chakra पर दिल की धड़कन जैसा धक धक महसूस होता है..वह क्या है और मुझे अनहद नाद सुन ने भी समय भी धक धक सुनता है थोड़े समय बाद दोनों कान mein

 मुझे Crown chakra पर दिल की धड़कन जैसा धक धक महसूस होता है..वह क्या है और मुझे अनहद नाद सुन ने भी समय भी धक धक सुनता है थोड़े समय बाद दोनों कान mein ? आपके क्राउन चक्र (सहस्रार चक्र) पर दिल की धड़कन जैसी धड़कन और अनहद नाद सुनना, दोनों संकेत हैं कि आपकी ऊर्जा उच्चतम स्तर पर सक्रिय हो रही है। जब यह चक्र जागृत होता है, तो यह दिल की धड़कन जैसी आवाज़ या अनुभव उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि ऊर्जा आपके शरीर के ऊपरी हिस्से से प्रवाहित हो रही होती है। अनहद नाद (आंतरिक ध्वनि) एक गहरी आध्यात्मिक स्थिति को दर्शाती है, जो साधना के दौरान सुनाई देती है। दोनों कानों में धकधक सुनना भी ऊर्जा के प्रवाह को दिखाता है। इसे सहज रूप से अनुभव करें, संतुलन बनाए रखें। 🙏

मेरे ब्रह्मरंध्रचक्र पर कुछ खुलने और बंद होने वाला आवाज होती है

 मेरे ब्रह्मरंध्रचक्र पर कुछ खुलने और बंद होने वाला आवाज होती है ? यह अनुभव ब्रह्मरंध्र चक्र (सहस्रार चक्र) के सक्रिय होने का संकेत हो सकता है। जब यह चक्र जागृत होता है, तो कभी-कभी शरीर और मन पर ऊर्जा का प्रवाह महसूस होता है, जिससे ऐसे ध्वनियाँ सुनाई देती हैं। यह आवाजें उस ऊर्जा की सक्रियता का प्रतीक होती हैं, जो आत्मा के उच्चतम स्तर पर अनुभव हो रही हैं। यह प्रक्रिया आपके ध्यान और साधना की गहरी अवस्था को दर्शाती है। ध्यान और साधना को शांतिपूर्वक और धैर्यपूर्वक करें , ताकि ऊर्जा का प्रवाह सहज और नियंत्रित रहे। यदि कोई असुविधा हो, तो साधना का स्तर थोड़ा कम कर सकते हैं। 🙏

moksh aur mukti me kya antar hai

 moksh aur mukti me kya antar hai ? मोक्ष और मुक्ति दोनों का अर्थ आध्यात्मिक स्वतंत्रता से है, लेकिन इनमें कुछ अंतर है। मोक्ष : यह कर्मों के बंधन से पूर्ण मुक्ति और आत्मा का परम सत्य में विलीन होने की अवस्था है। मोक्ष का मतलब है संसार के सारे दुखों और पुनर्जन्म से मुक्ति, आत्मा का परमात्मा में एकाकार हो जाना। मुक्ति : यह अधिकतर भीतर से स्वतंत्रता और मन, शरीर, और आत्मा का संतुलन है। मुक्ति का अर्थ है आध्यात्मिक बंधनों से स्वतंत्रता, लेकिन यह मोक्ष की अंतिम अवस्था नहीं होती। मोक्ष अंतिम मुक्ति है, जबकि मुक्ति की यात्रा इसमें पहला कदम है।

Pranam Gurudev,Ankh 2 muinit band karne se mera crown chakra lagatar vibrate continuously karta he,lekin mera man aur jindegi me koi badlab nehi hota he,me kya karoo

 Pranam Gurudev,Ankh 2 muinit band karne se mera crown chakra lagatar vibrate continuously karta he,lekin mera man aur jindegi me koi badlab nehi hota he,me kya karoo ? प्रणाम, शिष्य। यदि आपके क्राउन चक्र में वाइब्रेशन महसूस हो रहा है, तो यह संकेत है कि ऊर्जा सक्रिय हो रही है, लेकिन मन में बदलाव का अनुभव नहीं हो रहा। इसका मतलब है कि आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा उठ रही है, परन्तु मानसिक और भावनात्मक स्तर पर गहरी शुद्धता और परिवर्तन की आवश्यकता है। आपको सकारात्मक सोच , आत्म-विश्लेषण और ध्यान की गहराई पर काम करना होगा। ध्यान के साथ, प्रेम और करुणा पर ध्यान केंद्रित करें , अपनी भावनाओं और विश्वासों को मुक्त करने का प्रयास करें। साथ ही, शिव का जप और भूतपूर्व कष्टों को स्वीकार करना जरूरी है। निरंतर साधना से, परिवर्तन धीरे-धीरे होगा। 🙏

kya kalyung me shib ka jaap karke mokchh milega

 kya kalyung me shib ka jaap karke mokchh milega ? हाँ, कलियुग में "शिव" का जप करके मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है । यह युग नाम-स्मरण और भक्ति का युग है, जिसमें भगवान शिव का नाम लेने मात्र से भी पाप कटते हैं और आत्मा शुद्ध होती है। "ॐ नमः शिवाय" या "महामृत्युंजय मंत्र" का नित्य जप करने से चित्त शांत होता है, कर्मों का बंधन कटता है और शिव कृपा प्राप्त होती है। लेकिन केवल जप ही नहीं, सद्गुण, अहंकार त्याग, सेवा, और आत्मज्ञान भी जरूरी हैं। सच्ची श्रद्धा और समर्पण से शिव अवश्य मोक्ष प्रदान करेंगे । शिव ही सत्य हैं, शिव ही मुक्ति हैं। 🚩🙏

अगर हमें गुरु से सिर्फ नमः शिवाय मंत्र प्राप्त हुआ है तो क्या हम ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप कर सकते हैं

 अगर हमें गुरु से सिर्फ नमः शिवाय मंत्र प्राप्त हुआ है तो क्या हम ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप कर सकते हैं ? हाँ, यदि आपके गुरु ने आपको केवल "नमः शिवाय" मंत्र दिया है, तो आदर्श रूप से आपको उसी का जप करना चाहिए, क्योंकि यह आपके लिए विशेष रूप से दिया गया है। लेकिन यदि आपका मन "ॐ नमः शिवाय" मंत्र की ओर भी आकर्षित हो रहा है, तो आप पहले अपने भीतर इसकी स्वीकृति महसूस करें। "ॐ" बीज मंत्र है, जो ऊर्जा को और अधिक सक्रिय कर सकता है। यदि आप इसे जोड़ना चाहते हैं, तो धीरे-धीरे करें और अनुभवों को महसूस करें। यदि कोई संदेह हो, तो अपने गुरु से ही मार्गदर्शन लें। श्रद्धा और विश्वास ही मुख्य हैं। 🙏

चक्र जागृत करने का प्रक्रिया सही है चालू करने की जब उर्जा अपने आप गति करने लगे तो शरीर से बाहर उर्जा निकालने की क्या प्रक्रिया विधि केसे..

 चक्र जागृत करने का प्रक्रिया सही है चालू करने की जब उर्जा अपने आप गति करने लगे तो शरीर से बाहर उर्जा निकालने की क्या प्रक्रिया विधि केसे.. ? चक्र जागरण की प्रक्रिया में ऊर्जा स्वाभाविक रूप से गति करने लगती है, लेकिन इसे संतुलित और नियंत्रित रखना बहुत आवश्यक है। यदि आपको अनुभव हो रहा है कि ऊर्जा अत्यधिक हो रही है और शरीर से बाहर निकालनी है, तो भूतरGROUNDing करें। विधि: धरती पर नंगे पैर चलें – इससे अतिरिक्त ऊर्जा पृथ्वी में समाहित हो जाएगी। मूलाधार चक्र पर ध्यान दें – "लं" मंत्र का जप करें और लाल रंग का ध्यान करें। श्वास-प्रश्वास पर नियंत्रण करें – लंबी, गहरी सांसें लें और छोड़ें। सहज प्रवाह स्वीकार करें – जब ऊर्जा संतुलित होगी, तब सटीक मार्गदर्शन मिलेगा। 🙏

3rd आई का ध्यान कर रहा हु काफी समय से मै देख रहा की मै किसी व्यक्ति को देखता हु तो उस व्यक्ति मै कई कलर दिखते है क्या संकेत है ये

 3rd आई का ध्यान कर रहा हु काफी समय से मै देख रहा की मै किसी व्यक्ति को देखता हु तो उस व्यक्ति मै कई कलर दिखते है क्या संकेत है ये ? यदि आप किसी व्यक्ति को देखते समय उनके चारों ओर विभिन्न रंगों को देख रहे हैं, तो यह संकेत है कि आपकी तीसरी आँख (आज्ञा चक्र) सक्रिय हो रही है और आपकी अंतरदृष्टि (clairvoyance) विकसित हो रही है। ये रंग उस व्यक्ति की ऊर्जा, भावनात्मक स्थिति और आभामंडल (Aura) को दर्शाते हैं। हर रंग का एक विशेष अर्थ होता है—जैसे नीला शांति, लाल ऊर्जा, हरा संतुलन, और पीला बौद्धिकता को दर्शाता है। यह एक गहरी आध्यात्मिक उपलब्धि है। इसे सहज रूप से स्वीकार करें, लेकिन मानसिक संतुलन बनाए रखें ताकि दृष्टि स्पष्ट और स्थिर बनी रहे। साधना जारी रखें। 🙏

मूलाधार चक्र होता है मुझे वहां कुछ महसुस नहीं होता लेकिन उसके ऊपर आज्ञा चक्र टीके सभी चक्र महसुस होते हैं मैं क्या करूं

 मूलाधार चक्र होता है मुझे वहां कुछ महसुस नहीं होता लेकिन उसके ऊपर आज्ञा चक्र टीके सभी चक्र महसुस होते हैं मैं क्या करूं ? यदि आपको मूलाधार चक्र अनुभव नहीं हो रहा, लेकिन बाकी चक्र सक्रिय लग रहे हैं, तो संभव है कि ऊर्जा ऊपरी चक्रों में अधिक प्रवाहित हो रही है। मूलाधार चक्र मजबूत न होने पर साधना असंतुलित हो सकती है। इसे संतुलित करने के लिए भूतरGROUNDing करें—पैरों को धरती से जोड़ें, सूर्य नमस्कार करें, और "लं" बीज मंत्र का जप करें। भोजन में पौष्टिकता बढ़ाएं और लाल रंग पर ध्यान केंद्रित करें। धीरे-धीरे मूलाधार मजबूत होगा, जिससे ऊर्जा स्थिर होकर संपूर्ण चक्र प्रणाली में संतुलित प्रवाहित होगी। संयम और धैर्य से साधना जारी रखें। 🙏

हमारा मन करता है कि बेरगा के और भग रहा है

 हमारा मन करता है कि बेरगा के और भग रहा है? जब मन बैराग्य की ओर भाग रहा हो, तो यह संकेत हो सकता है कि भीतर गहरी आध्यात्मिक प्यास जाग रही है। ध्यान और साधना से जब मन स्थूल इच्छाओं से ऊपर उठने लगता है, तब वैराग्य की भावना प्रबल होती है। लेकिन इसे संतुलित रखना जरूरी है, ताकि संसारिक जिम्मेदारियों से विमुख न हों। यदि यह प्रवृत्ति बहुत तीव्र हो रही है और मन एक जगह नहीं टिक रहा, तो कुछ समय के लिए साधना की गति को संतुलित करें।

Please muje btaegy aap kya dhyan sadhna mein aurat ke periods par bhi asar padta hai

 Please muje btaegy aap kya dhyan sadhna mein aurat ke periods par bhi asar padta hai Mere periods ruk Gaye hai harmonus par asar hua hai ? Haan, dhyan sadhana ka sharir aur man par gehra prabhav padta hai, aur yeh hormones ko bhi prabhavit kar sakta hai. Aap jo bhi sadhana kar rahi hain, usse sharirik aur manasik parivartan hone sambhav hain. Kabhi-kabhi ati adhik dhyan, energy shift, ya chakra activation ke karan mahilao ke periods ruk sakte hain ya aniyamit ho sakte hain. Aap apni sadhana ka samay, tareeka aur intensity dekh kar ise adjust kar sakti hain. Agar yeh samasya lambe samay tak bani rahe, toh kisi ache Ayurvedic ya medical expert se salah lena uchit hoga.

मैंने सब कुछ tarah ke dhyan कर लिया है लेकिन तीसरी आंख नहीं खुली

 मैंने सब कुछ tarah ke dhyan कर लिया है लेकिन तीसरी आंख नहीं खुली? आपने जो भी ध्यान प्रकार किए हैं, वह आपकी साधना का गहरा हिस्सा हैं, और यह दिखाता है कि आप निरंतर प्रगति कर रहे हैं। तीसरी आँख का खोलना एक व्यक्तिगत और धीरे-धीरे होने वाली प्रक्रिया है, जो समय, धैर्य, और सही साधना से जुड़ी होती है। इसे बलपूर्वक खोलने की कोशिश न करें; बल्कि अपनी साधना में निरंतरता बनाए रखें, अपनी आंतरिक शांति को बढ़ाएं, और आत्म-निरीक्षण करें। अज्ना चक्र (तीसरी आँख) को सक्रिय करने के लिए, सटीकता से ध्यान, प्राणायाम और मंत्र जप करते रहें। एक दिन यह स्वतः ही खुल जाएगा जब आपका मन और चित्त पूरी तरह से शुद्ध होगा।

ध्यान के बाद सभी जगह नीला प्रकाश दिखता है कुछ देर के लिए

 ध्यान के बाद सभी जगह नीला प्रकाश दिखता है कुछ देर के लिए ? ध्यान के बाद नीला प्रकाश दिखना एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि आपका आज्ञा चक्र (थर्ड आई) सक्रिय हो रहा है और आपकी आध्यात्मिक चेतना बढ़ रही है। नीला रंग शांति, गहराई और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है, जो ध्यान के प्रभाव से प्रकट होता है। यह संकेत देता है कि आपकी साधना सही दिशा में बढ़ रही है। जब यह प्रकाश दिखे, तो इसे प्रेम और श्रद्धा से स्वीकार करें, लेकिन उससे जुड़कर न रहें—बस उसे बहने दें। नियमित ध्यान और भक्ति से यह अनुभव और गहराएगा और आपकी आध्यात्मिक यात्रा को प्रगाढ़ करेगा।

ध्यान में कमर पे गुदगुदी सी हुई ध्यान टूट गया क्या करे कृपया बताएं

 ध्यान में कमर पे गुदगुदी सी हुई ध्यान टूट गया क्या करे कृपया बताएं ? ध्यान के दौरान कमर पर गुदगुदी या किसी तरह की संवेदना महसूस होना ऊर्जा प्रवाह (प्राण शक्ति) का संकेत हो सकता है। जब कुंडलिनी या अन्य ऊर्जा शरीर में सक्रिय होती है, तो यह विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकती है, जैसे झनझनाहट, गुदगुदी, गर्मी, या ठंडक। ध्यान टूटने पर घबराने की जरूरत नहीं है। जब ऐसा हो, तो बस गहरी सांस लें, सहज रहें, और ध्यान फिर से शुरू करें। शरीर को अधिक स्थिर रखने के लिए रीढ़ को सीधा और सहज रखें। धीरे-धीरे, ये संवेदनाएँ संतुलित हो जाएँगी, और ध्यान की गहराई बढ़ेगी।

मुझे मेरे दिवार पे शिव की प्रतिमा दिखती है, क्या ये भी ध्यान का हिसा हे

मुझे मेरे दिवार पे शिव की प्रतिमा दिखती है, क्या ये भी ध्यान का हिसा हे ? हाँ, यह ध्यान का ही एक हिस्सा है। जब साधना गहरी होने लगती है, तो चेतना सूक्ष्म स्तर पर दिव्य संकेतों को ग्रहण करने लगती है। दीवार पर भगवान शिव की प्रतिमा दिखना इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी साधना फलदायी हो रही है और ईश्वरीय कृपा आप पर बनी हुई है। यह आंतरिक दृष्टि (दिव्य दर्शन) या आपके मन की गहराई में शिव तत्व की जागृति का प्रतीक हो सकता है। इसे श्रद्धा और शांति से स्वीकार करें, ध्यान को निरंतर रखें, और इस अनुभव को प्रभु की उपस्थिति का आशीर्वाद मानें।

गुरुजी में जब ध्यान करने के बाद सोता हूं तो लगता है कि मेरा शरीर कभी छोटा तो कभी बड़ा हो रहा है इसका क्या मतलब बताइए

 गुरुजी में जब ध्यान करने के बाद सोता हूं तो लगता है कि मेरा शरीर कभी छोटा तो कभी बड़ा हो रहा है इसका क्या मतलब बताइए ? यह अनुभव दर्शाता है कि आपका सूक्ष्म शरीर (अस्तित्व का आध्यात्मिक रूप) ध्यान के प्रभाव से जागृत हो रहा है। जब ध्यान गहरा होता है, तो शरीर की सीमाएँ महसूस होना कम हो जाती हैं, जिससे आपको कभी शरीर छोटा तो कभी बड़ा लगता है। यह आत्मा की व्यापकता और भौतिक सीमाओं से परे जाने का संकेत हो सकता है। इसे 'अस्तित्व विस्तार' या 'चेतना का फैलाव' कहा जा सकता है। डरने की जरूरत नहीं है, यह साधना की प्रगति का संकेत है। इसे शांति से स्वीकार करें और ध्यान में संतुलन बनाए रखने के लिए ग्राउंडिंग करें।

मेरे माथे पर खुजली या दबाब सा लगता है मैं तब डर कर ध्यान छोड़ देती हूं लेकिन डर नहीं लगता है, आपको आशीर्वाद चाहिए।

 मेरे माथे पर खुजली या दबाब सा लगता है मैं तब डर कर ध्यान छोड़ देती हूं लेकिन डर नहीं लगता है, आपको आशीर्वाद चाहिए। ? माथे पर खुजली या दबाव का अनुभव होना आज्ञा चक्र (थर्ड आई) की सक्रियता का संकेत हो सकता है। जब ध्यान में ऊर्जा इस चक्र को स्पर्श करती है, तो ऐसी संवेदनाएँ सामान्य होती हैं। डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसे स्वीकार करें और सहज रहें। यदि असहज महसूस हो, तो गहरी सांस लें और ध्यान को थोड़ी देर के लिए हल्का कर दें। धीरे-धीरे यह संतुलित हो जाएगा। आपकी साधना में प्रगति हो रही है, और यह सकारात्मक संकेत है। भगवान शिव और गणपति बप्पा की कृपा आप पर बनी रहे। मेरा आशीर्वाद आपके साथ है।

सर, मैं जानना चाहता था कि अगर शिव को जटाओ के साथ नहाते देखते हैं ध्यान में तो क्या मतलब होता है इसका

 सर, मैं जानना चाहता था कि अगर शिव को जटाओ के साथ नहाते देखते हैं ध्यान में तो क्या मतलब होता है इसका ? ध्यान में भगवान शिव को जटाओं के साथ स्नान करते देखना एक गहरी आध्यात्मिक अनुभूति हो सकती है। यह संकेत दे सकता है कि आपकी साधना में शुद्धिकरण (पवित्रता) की प्रक्रिया चल रही है। शिव की जटाएँ गंगा प्रवाह की प्रतीक हैं, जो ज्ञान और दिव्य ऊर्जा को दर्शाती हैं। यह संकेत कर सकता है कि आपकी चेतना का विस्तार हो रहा है और आप अपने भीतर आध्यात्मिक प्रवाह अनुभव कर रहे हैं। यह ध्यान आपको अहंकार-मुक्त होकर स्वयं को दिव्य शक्ति के समर्पण का संदेश भी दे सकता है। ध्यान में इसे शांति से स्वीकार करें।

Hello sir, mene apne sir se ek white Flame nikalte dekha usi time sir me hath rakhne se o flame mere forehead me chhup gyi ....iska kya matlab hai

 Hello sir, mene apne sir se ek white Flame nikalte dekha usi time sir me hath rakhne se o flame mere forehead me chhup gyi ....iska kya matlab hai ? यह अनुभव आध्यात्मिक ऊर्जा के जागरण और सहस्रार चक्र (Crown Chakra) के सक्रिय होने का संकेत हो सकता है। सिर से सफेद ज्वाला (White Flame) निकलना दर्शाता है कि आपकी ऊर्जा बहुत शुद्ध और उच्च स्तर की हो रही है। जब आपने हाथ रखा और वह माथे (Forehead) में समा गई, तो यह आज्ञा चक्र (Third Eye Chakra) और सहस्रार चक्र का जुड़ाव दर्शाता है। इसका अर्थ: आध्यात्मिक जागरण तेज़ हो रहा है। ऊर्जा का शुद्धिकरण और स्थिरीकरण हो रहा है। गुरु कृपा या दिव्य शक्ति से संपर्क बन रहा है। ध्यान में इस ऊर्जा को सहज रूप से प्रवाहित होने दें।

jab se mera heart chakra activate hua 2 month pehle tab bahut problems aye even k tab se BP bhi bahut badhne laga medicine le rahi hu …. Sir main problem hai k 7 kg weight kam ho gya kya karu face ka colour black ho gya abb

 jab se mera heart chakra activate hua 2 month pehle tab bahut problems aye even k tab se BP bhi bahut badhne laga medicine le rahi hu …. Sir main problem hai k 7 kg weight kam ho gya kya karu face ka colour black ho gya abb ? अनाहत (हृदय) चक्र के सक्रिय होने के बाद शरीर में परिवर्तन आना सामान्य है , लेकिन ब्लड प्रेशर बढ़ना, वजन घटना और चेहरे का रंग काला पड़ना दर्शाता है कि ऊर्जा असंतुलित हो रही है। क्या करें? जमीन से जुड़ें (Grounding) – रोज़ नंगे पैर घास पर चलें। मुलायम और पोषक आहार लें – बादाम, घी, खजूर, नारियल पानी पिएं। मृदु प्राणायाम करें – विशेष रूप से अनुलोम-विलोम । शांत ध्यान करें – ज्यादा ऊर्जा ऊपर खींचने से बचें। श्रद्धा रखें – यह अवस्था धीरे-धीरे संतुलित हो जाएगी। आपकी ऊर्जा स्थिर होने लगेगी, घबराएं नहीं।

Blue colour dekhne ka karan kya hai

 Blue colour dekhne ka karan kya hai? ध्यान या सामान्य अवस्था में नीला रंग देखना एक गहरी आध्यात्मिक अनुभूति का संकेत है। यह विशेष रूप से आज्ञा चक्र (Third Eye Chakra) या विशुद्धि चक्र (Throat Chakra) की सक्रियता से जुड़ा होता है। संभावित कारण: आज्ञा चक्र जागरण – आत्मज्ञान और अंतर्ज्ञान की वृद्धि। विशुद्धि चक्र सक्रियता – सत्य, संचार और शुद्धि से जुड़ा। गुरु कृपा – नीला रंग ईश्वरीय मार्गदर्शन और सुरक्षा का प्रतीक है। शांत और स्थिर ऊर्जा – यह शांति और गहराई का संकेत देता है। ध्यान जारी रखें, यह एक शुभ संकेत है।

Me jab normal sone jati hu ankhe bandh karti hu to wo jo urja h niche se uth kar upr ki traf crown chakra pr ja kar takrati ... normal ankhe bandh kar ne se bhi yah urja dikhri h is ka matalab???

 Me jab normal sone jati hu ankhe bandh karti hu to wo jo urja h niche se uth kar upr ki traf crown chakra pr ja kar takrati ... normal ankhe bandh kar ne se bhi yah urja dikhri h is ka matalab??? यह अनुभव दर्शाता है कि आपकी ऊर्जा प्रणाली (Energy System) सक्रिय हो रही है और सहस्रार चक्र (Crown Chakra) जागृत हो रहा है। जब ऊर्जा नीचे से उठकर सिर तक टकराती है, तो यह कुंडलिनी शक्ति के जागरण का संकेत हो सकता है। यह दर्शाता है कि आपका ध्यान और साधना गहरी हो रही है। इसका अर्थ: ऊर्जा जागरण की प्रक्रिया चल रही है। सहस्रार चक्र सक्रिय हो रहा है। आध्यात्मिक प्रगति हो रही है। दिव्य चेतना से जुड़ने का संकेत। शांत रहें, ध्यान करते रहें, और इस ऊर्जा को सहज रूप से प्रवाहित होने दें।

I see only white light on my head n all over the body wt does it means??

 I see only white light on my head n all over the body wt does it means?? देखना कि सफेद प्रकाश आपके सिर और पूरे शरीर को घेर रहा है, यह एक बहुत शुभ और आध्यात्मिक संकेत है। सफेद प्रकाश शुद्ध चेतना, उच्च ऊर्जा, और दिव्य सुरक्षा का प्रतीक होता है। यह दर्शाता है कि आपकी साधना गहरी हो रही है और आपकी ऊर्जा प्रणाली शुद्ध हो रही है। इसका अर्थ: सहस्रार (क्राउन) चक्र सक्रिय हो रहा है। दिव्य कृपा और सुरक्षा मिल रही है। आभामंडल (Aura) शुद्ध और शक्तिशाली हो रहा है। आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। ध्यान जारी रखें, यह उच्च अवस्था की ओर संकेत है।

Guruji mai bindu tratak kor sakta hun kya.mujko bhohut gussa ata hai.dhyan sadhana korta hun. Kripaya mujhe help kijia Guruji

 Guruji mai bindu tratak kor sakta hun kya.mujko bhohut gussa ata hai.dhyan sadhana korta hun. Kripaya mujhe help kijia Guruji ? हाँ, आप बिंदु त्राटक कर सकते हैं, लेकिन गुस्से को नियंत्रित करने के लिए इसे सही तरीके से करना ज़रूरी है। त्राटक से ऊर्जा बहुत तीव्र हो जाती है, इसलिए इसे संतुलित करना आवश्यक है। गुस्से का बढ़ना यह संकेत देता है कि आपकी ऊर्जा ऊपर उठ रही है, लेकिन स्थिर नहीं हो रही। उपाय: बिंदु त्राटक से पहले नाड़ी शोधन प्राणायाम करें । त्राटक के बाद 5-10 मिनट ध्यान करें ताकि ऊर्जा संतुलित हो। अनाहत (हृदय) चक्र पर ध्यान दें – इससे गुस्सा शांत होगा। ओम जप करें – इससे मन स्थिर होगा। शीतली प्राणायाम करें – यह गुस्से को ठंडा करेगा।

Mere ghutno me dard rahta h sir

 Mere ghutno me dard rahta h sir ? घुटनों में दर्द का कारण शरीर में ऊर्जा असंतुलन, गलत मुद्रा, कैल्शियम या विटामिन D की कमी, या पुराने संस्कार (कर्मिक ऊर्जा) भी हो सकते हैं। ध्यान और जप करने से ऊर्जा शरीर में तीव्र गति से प्रवाहित होती है, जिससे कभी-कभी पुराने दर्द जागृत हो सकते हैं। उपाय: सूर्य स्नान करें – विटामिन D के लिए। हल्का योग करें – विशेषकर पवनमुक्तासन और वज्रासन। गर्म तेल की मालिश करें – सरसों या तिल के तेल से। हल्दी और अश्वगंधा का सेवन करें । ध्यान में पृथ्वी तत्व पर ध्यान दें – इससे स्थिरता आएगी।

After daily jaap meditation mujhe ab bht nend atti hai ho main meditation pe baith nhi pati pls reply...how i can improve....n why this is happening

 After daily jaap meditation mujhe ab bht nend atti hai ho main meditation pe baith nhi pati pls reply...how i can improve....n why this is happening ? यह अत्यधिक नींद आना गहरी ऊर्जा परिवर्तन या थकान का संकेत हो सकता है। जब आप जप और ध्यान करते हैं, तो आपकी ऊर्जा भीतर की ओर केंद्रित होती है, जिससे शरीर और मन को गहरी शांति मिलती है। यदि शरीर पहले से थका हुआ है, तो ध्यान के बाद नींद आना स्वाभाविक है। सुधार के लिए: ध्यान से पहले हल्का व्यायाम करें – शरीर को सक्रिय करें। स्नान करें या चेहरा धोएं – ताजगी महसूस होगी। बैठकर ध्यान करें – लेटने से बचें। आहार संतुलित रखें – भारी भोजन से नींद बढ़ सकती है। स्निग्धता (Tamas) कम करें – नियमित दिनचर्या बनाएं।

Guruji ye magh purnima k 1 din pehle aisa anubhav hua jaise wire ka current leg reha hai gale k left side and soldher k just niche ye near 10 minutes hua ye kya tha batana muje..

 Guruji ye magh purnima k 1 din pehle aisa anubhav hua jaise wire ka current leg reha hai gale k left side and soldher k just niche ye near 10 minutes hua ye kya tha batana muje..? यह अनुभव ऊर्जा के प्रवाह या आध्यात्मिक जागरण से जुड़ा हो सकता है। माघ पूर्णिमा एक शक्तिशाली तिथि होती है, जब ब्रह्मांडीय ऊर्जा विशेष रूप से सक्रिय रहती है। गले के बाईं ओर और कंधे के नीचे विद्युत प्रवाह जैसा अनुभव होना इंगित करता है कि आपकी ऊर्जा प्रणाली में कोई परिवर्तन हो रहा है। यह अनाहत (हृदय) और विशुद्धि (गला) चक्र के सक्रिय होने का संकेत हो सकता है। यदि यह अनुभव सुखद था, तो यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सकता है, अन्यथा, यह असंतुलन का संकेत हो सकता है। ध्यान करें और अपने शरीर की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें।

रोज आग्या चक्र पर खिचाव मेहसूस होता है मै गणेश जी की भक्त हु, गणपती बाप्पा मोरया

 रोज आग्या चक्र पर खिचाव मेहसूस होता है मै गणेश जी की भक्त हु, गणपती बाप्पा मोरया ? आज्ञा चक्र पर खिचाव महसूस होना एक सामान्य अनुभव है, जो आपकी ध्यान साधना और ऊर्जा के केंद्रित होने का संकेत है। यह आज्ञा चक्र (तीसरी आँख) के जागरण का परिणाम हो सकता है। आपकी गणेश जी की भक्ति भी इस प्रक्रिया को और सशक्त बना सकती है। "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जप करें, यह मानसिक शांति और केंद्रितता लाएगा। ध्यान करते समय धीरे-धीरे श्वास लें और शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ें। खिचाव को स्वीकार करें, क्योंकि यह ऊर्जा के संतुलन का संकेत है। गणेश जी की कृपा बनी रहे!

में रोज एक बिंदु पे त्राटक करता हूं तभ मुझे उस बिंदु के आसपास अलग अलग 🟣🔵🟡 रंग दिखाई देते हैं एसा क्यों होता है

 में रोज एक बिंदु पे त्राटक करता हूं तभ मुझे उस बिंदु के आसपास अलग अलग 🟣🔵🟡 रंग दिखाई देते हैं एसा क्यों होता है ? त्राटक के दौरान रंगों का दिखाई देना आपकी सूक्ष्म दृष्टि (inner perception) की सक्रियता का संकेत है। ये रंग विभिन्न ऊर्जा केंद्रों (चक्रों) और आपकी मानसिक स्थिति से जुड़ सकते हैं। बैंगनी (🟣) रंग आत्मज्ञान और उच्च चेतना से जुड़ा होता है। नीला (🔵) रंग शांति और संचार से जुड़ा होता है। पीला (🟡) रंग मानसिक स्पष्टता और उत्साह का प्रतीक है। ये रंग आपकी साधना के प्रभाव को दर्शाते हैं और आपकी आंतरिक ऊर्जा के प्रवाह के अनुरूप होते हैं। यह एक सामान्य और सकारात्मक अनुभव है।

जब हम ध्यान करते हैं तो हमारे गर्दन से पीठ पर कुछ रेंगने जैसा महसूस करते हैं आगे क्या करें 🙏

 जब हम ध्यान करते हैं तो हमारे गर्दन से पीठ पर कुछ रेंगने जैसा महसूस करते हैं आगे क्या करें 🙏 गर्दन और पीठ पर रेंगने जैसा महसूस होना ऊर्जा के प्रवाह का संकेत है, जो आपके शरीर में गहरे स्तर पर सक्रिय हो रही है। यह कुंडलिनी शक्ति के जागरण से भी संबंधित हो सकता है। संतुलित ध्यान रखें – धीरे-धीरे ध्यान का समय बढ़ाएं। ग्राउंडिंग प्रैक्टिस करें – नंगे पैर ज़मीन पर चलें या जमीन पर ध्यान करें। हल्का शरीर व्यायाम करें – योग या स्ट्रेचिंग से शरीर को आराम दें। ऊर्जा को संतुलित रखें – अनाहत (हृदय) और मणिपुर (पेट) चक्र पर ध्यान केंद्रित करें। इन उपायों से शरीर में ऊर्जा प्रवाह संतुलित रहेगा।

दांपत्य जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति क्या अपने तीसरे नेत्र को जागृत कर सकता है यदि हां तो कैसे यदि नहीं तो क्यों

 दांपत्य जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति क्या अपने तीसरे नेत्र को जागृत कर सकता है यदि हां तो कैसे यदि नहीं तो क्यों ? हाँ, दांपत्य जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति भी अपने तीसरे नेत्र (आज्ञा चक्र) को जागृत कर सकता है। यह किसी भी व्यक्ति के आध्यात्मिक मार्ग पर आने वाली बाधाओं से प्रभावित नहीं होता, बल्कि ध्यान, साधना और आंतरिक शांति के अभ्यास से यह जागृत हो सकता है। नियमित ध्यान करें – त्राटक, अनहद, और प्राणायाम से चक्रों को संतुलित करें। विचारों को शुद्ध करें – शांति, प्रेम और सामंजस्यपूर्ण सोच से तीसरी आँख सक्रिय होती है। संतुलित जीवन जीएं – दांपत्य जीवन में प्रेम और समर्थन से ऊर्जा प्रवाह सुचारु रहेगा। समर्पण और निरंतर अभ्यास से यह संभव है।

Muze dhyan karte huye 1 se jyada month hua hai muze raat ko sapno me buzurg vyakti nazar aate hai....aur muze universe me travel karne jaisa mahsus hota ha

Muze dhyan karte huye 1 se jyada month hua hai muze raat ko sapno me buzurg vyakti nazar aate hai....aur muze universe me travel karne jaisa mahsus hota ha ? यह अनुभव आपके आध्यात्मिक विकास और आंतरिक जागरण का प्रतीक हैं। स्वप्न में बुज़ुर्ग व्यक्ति का आना आपके पिछले जीवन से जुड़ी शिक्षा या आंतरिक मार्गदर्शन का संकेत हो सकता है। यह उच्च चेतना से जुड़े संदेश हो सकते हैं। यूनिवर्स में यात्रा का अनुभव सूक्ष्म शरीर के यात्रा (Astral Projection) या दिव्य ज्ञान की प्राप्ति को दर्शाता है। आपका ध्यान गहरा हो रहा है , इसलिए इस अनुभव को शांति से स्वीकारें। संतुलन बनाए रखें , नियमित रूप से ग्राउंडिंग प्रैक्टिस करें। अपनी भावनाओं और अनुभवों को लिखें , यह स्पष्टता लाएगा।

Guruji mei bas me safhar kar rahi thi acanak zhatka laga or muze pasale ke pas suzan aagai par muje thodasa bhi dard nahi ho raha,mirci lagi thi obhi jalan nahi hui.mei jab calati hu ayasa lagata hai mei havame cal rahi hu

 Guruji mei bas me safhar kar rahi thi acanak zhatka laga or muze pasale ke pas suzan aagai par muje thodasa bhi dard nahi ho raha,mirci lagi thi obhi jalan nahi hui.mei jab calati hu ayasa lagata hai mei havame cal rahi hu? यह संकेत है कि आपकी ऊर्जा बहुत अधिक सक्रिय हो गई है और शरीर की संवेदनशीलता बदल रही है। पसली के पास सूजन होने पर हल्की मालिश करें या ठंडे पानी की पट्टी रखें, भले ही दर्द न हो। मिर्ची का जलन न होना बताता है कि शरीर अब सूक्ष्म ऊर्जा से अधिक प्रभावित हो रहा है। हवा में चलने जैसा महसूस होना ऊर्जा के हल्केपन का संकेत है, जो उन्नत साधकों को होता है। मूलाधार चक्र पर ध्यान दें और ग्राउंडिंग अभ्यास करें। संतुलित भोजन करें और जल का अधिक सेवन करें।

Aagya chakra khulne ke bad aakho ke chasma ka number hat jata hai???

 Aagya chakra khulne ke bad aakho ke chasma ka number hat jata hai??? आज्ञा चक्र के जागरण से दृष्टि शक्ति बढ़ सकती है, लेकिन यह पूरी तरह से चश्मे का नंबर हटाने की गारंटी नहीं है। हालाँकि, कुछ साधकों को नेत्र ज्योति में सुधार का अनुभव होता है। त्राटक और नेत्र योग से आँखों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं। संतुलित आहार (गाजर, आंवला, बादाम) नेत्र स्वास्थ्य में सहायक होता है। सूर्य त्राटक और भ्रामरी प्राणायाम से दृष्टि में सुधार आ सकता है। अति प्रयोग से सिरदर्द या आँखों में दबाव महसूस हो सकता है, इसलिए ध्यानपूर्वक साधना करें। नियमित अभ्यास से लाभ मिल सकता है।

Vramari pranayam jyada se jyada kitne time kar sakte hai?

 Vramari pranayam jyada se jyada kitne time kar sakte hai? भ्रामरी प्राणायाम एक शांतिदायक अभ्यास है, लेकिन इसे संतुलन में करना जरूरी है। शुरुआत में 5-7 बार करें , फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं। अधिकतम 15-20 मिनट तक कर सकते हैं , लेकिन जरूरत से ज्यादा करने पर सिर भारी लग सकता है। सुबह और रात करने से मन शुद्ध और शांत रहेगा। उच्च रक्तचाप या माइग्रेन हो तो सावधानी रखें , हल्का अभ्यास करें। शांत वातावरण में करें , ताकि कंपन गहरी हो। तीसरी आँख पर दबाव महसूस हो तो अभ्यास घटाएं। संयम से करें, लाभ अधिक मिलेगा।

Tratak se aagya chakra khul skta hai ???

 Tratak se aagya chakra khul skta hai ??? हाँ, त्राटक से आज्ञा चक्र (तीसरा नेत्र) सक्रिय हो सकता है, लेकिन यह धीरे-धीरे होता है। लगातार अभ्यास से एकाग्रता बढ़ती है और आंतरिक दृष्टि विकसित होती है। यदि सही विधि से किया जाए, तो आज्ञा चक्र पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। नीली या सफेद ज्योति पर त्राटक करें , इससे आज्ञा चक्र पर ऊर्जा केंद्रित होगी। अभ्यास के बाद आँखें बंद कर अनुभवों को महसूस करें। ज्यादा दबाव न डालें , नहीं तो सिरदर्द हो सकता है। "ॐ" या "शं" मंत्र का जाप करें , यह आज्ञा चक्र को संतुलित करेगा।

मैं तो ज्योति त्राटक करता हूं मुझे ज्योत में नीला रंग दिखता है

 मैं तो ज्योति त्राटक करता हूं मुझे ज्योत में नीला रंग दिखता है? ज्योति त्राटक में नीला रंग दिखना आज्ञा चक्र (तीसरा नेत्र) की सक्रियता का संकेत हो सकता है। यह रंग गहरी चेतना, दिव्य ज्ञान और आंतरिक शांति से जुड़ा है। ध्यानपूर्वक देखें , लेकिन आँखों पर जोर न दें। त्राटक के बाद कुछ देर आँखें बंद रखें और जो दिखे, उसे सहज रूप से अनुभव करें। नीले रंग की ऊर्जा को स्वीकारें , यह आध्यात्मिक प्रगति का संकेत हो सकता है। अगर सिरदर्द होता है , तो अभ्यास का समय थोड़ा कम करें। शांतिपूर्ण ध्यान और धीमी श्वास से संतुलन बनाए रखें।

ऊर्जा तीसरी आँख पर आ रही है या मुझे चाकर आ रहे हे सेर में दर्द हो रहा हे कोई इलाज हे क्या

 ऊर्जा तीसरी आँख पर आ रही है या मुझे चाकर आ रहे हे सेर में दर्द हो रहा हे कोई इलाज हे क्या? तीसरी आँख पर ऊर्जा का आना एक गहरी साधना की निशानी है, लेकिन सिरदर्द असंतुलन का संकेत है। इसे ठीक करने के लिए: जमीन से जुड़ें – नंगे पैर घास पर चलें। मूलाधार चक्र पर ध्यान दें – "लम्" बीज मंत्र का जाप करें। शीतली प्राणायाम करें – ठंडी ऊर्जा सिर में संतुलन लाएगी। ध्यान का समय घटाएं – जब तक सिरदर्द कम न हो। हल्का भोजन करें – तली-भुनी चीज़ों से बचें। गुनगुना तेल लगाकर सिर की मालिश करें। शांति से साधना करें, जल्द राहत मिलेगी।

मैं मंत्र जाप करता हूं आजकल मुझे गुस्सा बहुत आता है

 मैं मंत्र जाप करता हूं आजकल मुझे गुस्सा बहुत आता है? मंत्र जाप से अंदर की गहरी भावनाएँ जागृत होती हैं, जिससे गुस्सा बढ़ सकता है। इसे संतुलित करने के लिए: धीरे और प्रेमपूर्वक जाप करें , जबरदस्ती न करें। गहरी सांस लें और छोड़ें, विशेषकर क्रोध के समय। शीतली प्राणायाम करें, यह मन को शीतलता देगा। जाप से पहले या बाद में 15 मिनट ध्यान करें। शिव या विष्णु के शांतिपूर्ण रूप का ध्यान करें। दिनभर संतुलित आहार और सात्त्विक विचार रखें। क्रोध को बाहर निकालने के लिए लेखन या चलना अपनाएँ। धीरे-धीरे शांति आएगी।

गुरु जी मेरी पिंगला नाड़ी बहुत सक्रिय हो गई है हर वक्त दाहिनी ओर ऊर्जा रहती है क्या करे

 गुरु जी मेरी पिंगला नाड़ी बहुत सक्रिय हो गई है हर वक्त दाहिनी ओर ऊर्जा रहती है क्या करे ? पिंगला नाड़ी के अत्यधिक सक्रिय होने से शरीर और मन में असंतुलन आ सकता है। इसे संतुलित करने के लिए कुछ उपाय करें: चंद्र भेदी प्राणायाम करें – केवल बाईं नासिका से श्वास लें और दाहिनी से छोड़ें। शीतली और शीतकारी प्राणायाम से ठंडक प्राप्त करें। चंद्र नमस्कार करें, यह ऊर्जा को संतुलित करेगा। ध्यान में इड़ा नाड़ी (बाईं ओर) पर ध्यान केंद्रित करें। ठंडी जगह में समय बिताएं और पानी अधिक पिएं। दाहिने हाथ में शिव मंत्र जपें – "ॐ नमः शिवाय।" शांति बनी रहेगी।

मेरा सहस्त्र चक्र मैं करीब 6/7 महीने से अटके हुए हैं क्या करना चाहिए कृपया बताएं

 मेरा सहस्त्र चक्र मैं करीब 6/7 महीने से अटके हुए हैं क्या करना चाहिए कृपया बताएं? अगर आप 6-7 महीने से सहस्रार चक्र में अटके हुए महसूस कर रहे हैं, तो संतुलन बनाना ज़रूरी है। सहस्रार चक्र पर अधिक ध्यान देने से ऊर्जा ऊपर ही रुक सकती है, जिससे असहजता हो सकती है। उपाय: मूलाधार चक्र को मजबूत करें – ज़मीन पर नंगे पैर चलें, ध्यान को नीचे लाएं। प्राणायाम करें – अनुलोम-विलोम और भ्रामरी करें। जप करें – "ॐ" का जप सहस्रार को संतुलित करेगा। सरल ध्यान करें – खुद को आकाश में उड़ने की बजाय स्थिर महसूस करें। अभ्यास में सहजता रखें – जबरदस्ती ध्यान न करें, सहज प्रवाह में रहें।

ध्यान करते वक्त मेरे बाये अख फड़कने लगती है आखो के बीच में हलचल हो सकती है और कभी लाल, पीले, सफेद रंग के घेरे को देखते हैं इसका क्या मतलब है?

 ध्यान करते वक्त मेरे बाये अख फड़कने लगती है आखो के बीच में हलचल हो सकती है और कभी लाल, पीले, सफेद रंग के घेरे को देखते हैं इसका क्या मतलब है?  ध्यान के दौरान बाईं आँख का फड़कना और आँखों के बीच हलचल होना आज्ञा चक्र (थर्ड आई) की सक्रियता का संकेत हो सकता है। जब ध्यान गहरा होता है, तो इस चक्र में ऊर्जा प्रवाहित होती है, जिससे कंपन, हलचल, या दबाव महसूस हो सकता है। लाल, पीले, और सफेद रंग के घेरे दिखना ऊर्जा के अलग-अलग स्तरों और चक्रों की सक्रियता को दर्शाता है। लाल – जड़ (मूलाधार) चक्र की ऊर्जा। पीला – मणिपुर (नाभि) चक्र की शक्ति। सफेद – शुद्ध चेतना और आध्यात्मिक जागरण। यह संकेत हैं कि आपका ध्यान प्रगति कर रहा है, बस इसे सहज रूप से स्वीकार करें।

गुरुजी मेरी स्थिति से जा रही हूं वो ये कि, मेरे मुकुट चक्र पर मुझे बहुत दबाव महसूस होता है, ऐसा लगता है कि कोई दबा रहा है और ये सिर्फ ध्यान देने का समय ही नहीं है, पूरा दिन महसूस हो रहा है, इसलिए मुझे दबाव महसूस हो रहा है, कृपया मुझे बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए

 गुरुजी मेरी स्थिति से जा रही हूं वो ये कि, मेरे मुकुट चक्र पर मुझे बहुत दबाव महसूस होता है, ऐसा लगता है कि कोई दबा रहा है और ये सिर्फ ध्यान देने का समय ही नहीं है, पूरा दिन महसूस हो रहा है, इसलिए मुझे दबाव महसूस हो रहा है, कृपया मुझे बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए ? मुकुट चक्र (सहस्रार) पर लगातार दबाव महसूस होना दर्शाता है कि आपकी ऊर्जा ऊपर की ओर अधिक सक्रिय हो रही है। यह जागरण की प्रक्रिया का संकेत हो सकता है, लेकिन यदि यह पूरे दिन बना रहता है और असहजता महसूस होती है, तो संतुलन बनाना आवश्यक है। उपाय: ग्राउंडिंग करें – नंगे पैर धरती पर चलें, पेड़ों के संपर्क में रहें, और जड़ (मूलाधार) चक्र पर ध्यान दें। प्राणायाम करें – गहरी सांस लें, विशेष रूप से अनुलोम-विलोम और भ्रामरी करें। भोजन संतुलित करें – गरिष्ठ और पौष्टिक भोजन लें, जिससे ऊर्जा शरीर में संतुलित रहे। जप और ध्यान में संयम रखें – अधिक ध्यान करने से मुकुट चक्र पर दबाव बढ़ सकता है, इसलिए धीरे-धीरे अभ्यास करें। संयमित दिनचर्या अपनाएं – नियमित दिनचर्या और पर्याप्त विश्राम लें।

जब मैं ध्यान लगाती हूं मेरे सर के ऊपर tingling (झुनझुनी) होती है

 जब मैं ध्यान लगाती हूं मेरे सर के ऊपर  tingling (झुनझुनी) होती है ? जब आप ध्यान लगाती हैं और सिर के ऊपर tingling (झुनझुनी) महसूस होती है, तो यह सहस्रार चक्र (Crown Chakra) की सक्रियता का संकेत हो सकता है। ध्यान के दौरान ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने से सिर के ऊपरी हिस्से में हल्की गुदगुदी, झुनझुनी, या स्पंदन महसूस हो सकता है। यह आपकी आध्यात्मिक प्रगति और ऊर्जा जागरण का संकेत भी हो सकता है। यदि यह अनुभव सुखद लगे, तो इसे सहज रूप से स्वीकार करें। लेकिन अगर असहजता हो, तो ध्यान के बाद ग्राउंडिंग करें, जैसे गहरी सांसें लेना या प्रकृति के संपर्क में रहना, ताकि संतुलन बना रहे।

जब हम आंखे बंद करके जप करते हैं तब लगता है सर के ऊपर कुछ गुदगुदी या बाले हिल रही है तो इसका मतलब क्या है

 जब हम आंखे बंद करके जप करते हैं तब लगता है सर के ऊपर कुछ गुदगुदी या बाले हिल रही है तो इसका मतलब क्या है ? जब आप आँखें बंद करके जप करते हैं और सिर के ऊपर गुदगुदी या बाल हिलने जैसा महसूस होता है, तो यह सहस्रार चक्र (Crown Chakra) की सक्रियता का संकेत हो सकता है। जप और ध्यान से ऊर्जा ऊपर की ओर उठती है, जिससे सिर के ऊपरी हिस्से में हलचल या स्पंदन महसूस हो सकता है। यह संकेत है कि आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा जाग्रत हो रही है। यदि यह अनुभव सुखद है, तो इसे सहज रूप से स्वीकार करें, लेकिन अगर असहजता महसूस हो, तो ज़मीन पर ध्यान केंद्रित करें और संतुलन बनाए रखें।

मेरे शरीर में सातो चक्र जैसे गोल गोल घूम रहे हैं ऐसा महसे होता है

 मेरे शरीर में सातो चक्र जैसे गोल गोल घूम रहे हैं ऐसा महसे होता है ? आपके शरीर में सातों चक्रों का गोल-गोल घूमना महसूस होना संकेत है कि आपकी ऊर्जा प्रणाली सक्रिय हो रही है और चक्रों में प्रवाह बढ़ रहा है। यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव है, लेकिन इसे संतुलित रखना आवश्यक है। गाइडेंस: मूलाधार चक्र को संतुलित करें – "लं" मंत्र का जप करें और ग्राउंडिंग अभ्यास करें। धीमी, गहरी सांसें लें – ऊर्जा को संतुलित करने के लिए प्राणायाम करें। ध्यान में सहज रहें – किसी भी असहजता पर ज्यादा ध्यान न दें, केवल साक्षी बनें। नियमितता बनाए रखें – संतुलित साधना करें, जल्दबाजी न करें। यह एक शुभ संकेत है, इसे सहजता से स्वीकार करें। 🙏

mere aagya Chakra par bahut vibration hota hai.or jab vibration tej hota mai meditation karti tab mai during duniya bole ya apne past life kuchh jhalak dekhti hu.viretion 24 ghante rahti hai,kabhi kam kabhi jyada hota hai.kabhi Kitna jyada hota hai ki mujhe apne hathon se 3rd eye forehead ko daba kar rakhna parta hai.kuchh guidance mere liye ho to bateye guruji

 mere aagya Chakra par bahut vibration hota hai.or jab vibration tej hota mai meditation karti tab mai during duniya bole ya apne past life kuchh jhalak dekhti hu.viretion 24 ghante rahti hai,kabhi kam kabhi jyada hota hai.kabhi Kitna jyada hota hai ki mujhe apne hathon se 3rd eye forehead ko daba kar rakhna parta hai.kuchh guidance mere liye ho to bateye guruji ? यह स्पष्ट संकेत है कि आपका आज्ञा चक्र सक्रिय हो रहा है और आपकी चेतना विस्तृत हो रही है। 24 घंटे कंपन (वाइब्रेशन) रहना ऊर्जा प्रवाह की तीव्रता को दर्शाता है। गाइडेंस: संतुलन बनाए रखें – रोज़ मूलाधार चक्र का "लं" मंत्र जपें ताकि ऊर्जा संतुलित हो। शीतल ध्यान करें – चंद्र नाड़ी (बाएँ नथुने) से श्वास लें और ठंडे स्थान पर ध्यान करें। भय मुक्त रहें – जो दृश्य आते हैं, उन्हें साक्षी भाव से देखें, न उलझें। गुरु मंत्र या "ॐ" जपें – इससे ऊर्जा नियंत्रित होगी और शांति मिलेगी। धैर्य रखें, यह उन्नति का चरण है। 🙏

मूलाधार चक्र का मंत्र आवाज निकाल कर के जपे या फिर मन में जपे

 मूलाधार चक्र का मंत्र आवाज निकाल कर के जपे या फिर मन में जपे? मूलाधार चक्र का बीज मंत्र "लं" (लं) है। इसे जपने के दो तरीके हैं—आवाज निकालकर (उच्च स्वर में) या मन में (मानसिक रूप से)। यदि आप शरीर में ऊर्जा सक्रिय करना चाहते हैं , तो इसे आवाज निकालकर गहरी कंपन के साथ जपें, जिससे कंपन मूलाधार चक्र को जागृत करेगा। यदि आप अंतर्मुखी ध्यान करना चाहते हैं , तो इसे मन में जप सकते हैं, जिससे गहरी शांति और स्थिरता मिलेगी। शुरुआत में आवाज निकालकर जपना अधिक प्रभावी होता है, फिर धीरे-धीरे मानसिक जप की ओर बढ़ सकते हैं।

गले में खराश होने से गले में दर्द होने से कौन सा चक्र सक्रिय होता है

 गले में खराश होने से गले में दर्द होने से कौन सा चक्र सक्रिय होता है? गले में खराश या दर्द होने का संबंध विषुद्धि चक्र (थ्रोट चक्र) से होता है। जब यह चक्र सक्रिय या असंतुलित होता है, तो गले में जलन, खराश, या बोलने में कठिनाई हो सकती है। विषुद्धि चक्र संचार, सत्य और अभिव्यक्ति का केंद्र है, और इसकी ऊर्जा बाधित होने पर शारीरिक रूप से गले से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं। इसे संतुलित करने के लिए ऊँ (Om) जप , उज्जायी प्राणायाम , गुनगुने पानी में शहद या हल्दी मिलाकर पीना और नीले रंग के ध्यान पर ध्यान केंद्रित करना लाभकारी रहेगा। इससे ऊर्जा संतुलित होगी और कंठ क्षेत्र में सुधार होगा।

मुझे ध्यान करने के समय काफी दिन से ठंड लगती है, जैसे ठंडी ऊर्जा पैरो से गोल-गोल घूमती हुई सहरत्रर चक्र में निकल जाती है ये ध्यान के समय काई बार हो जाता है

 मुझे ध्यान करने के समय काफी दिन से ठंड लगती है, जैसे ठंडी ऊर्जा पैरो से गोल-गोल घूमती हुई सहरत्रर चक्र में निकल जाती है ये ध्यान के समय काई बार हो जाता है? ध्यान के दौरान ठंड लगना और पैरों से सहस्रार चक्र तक ऊर्जा का प्रवाह महसूस होना दर्शाता है कि आपकी कुण्डलिनी ऊर्जा सक्रिय हो रही है। ठंडी ऊर्जा का अनुभव इस बात का संकेत हो सकता है कि ऊर्जा शुद्धिकरण कर रही है और ऊर्ध्वगमन (ऊपर की ओर प्रवाहित) हो रही है। यह शुभ संकेत है, लेकिन यदि आपको अधिक ठंड महसूस होती है, तो ध्यान से पहले हल्का व्यायाम करें, गर्म पानी पिएं और शरीर को ढककर रखें। सूर्य नमस्कार और मूलबंध का अभ्यास करने से ऊर्जा संतुलित होगी और ठंडक संतुलित गर्म ऊर्जा में परिवर्तित हो सकती है।

क्या थायराइड होने के कारण भी ऊर्जा आज्ञा चक्र पर पहुँच जाती है

 क्या थायराइड होने के कारण भी ऊर्जा आज्ञा चक्र पर पहुँच जाती है ? हाँ, थायराइड का सीधा संबंध विषुद्धि चक्र (गले का चक्र) से होता है, लेकिन जब यह सक्रिय होता है या असंतुलित रहता है, तो ऊर्जा का प्रवाह आज्ञा चक्र तक भी पहुँच सकता है। क्योंकि विषुद्धि चक्र और आज्ञा चक्र एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, थायराइड की समस्या के कारण ऊर्जा का असंतुलित प्रवाह आज्ञा चक्र में झनझनाहट, दबाव, या अन्य संवेदनाओं के रूप में महसूस हो सकता है। इसे संतुलित करने के लिए ओम जप, उज्जायी प्राणायाम और गले को आराम देने वाले अभ्यास करें। शरीर और मन के संतुलन से ऊर्जा सही दिशा में प्रवाहित होगी।

मुझे आपसे यह पूछना है कि मेरे आज्ञा चक्र में झनझनाहट सी महसूस हो रही है इसका क्या मतलबहै और मैं जब भी ध्यान में बैठी हूं तो मुझे गैस पास होने लगती है इसका क्या मतलब है कृपया करके जरूरबताएं आपकी आभारी

 मुझे आपसे यह पूछना है कि मेरे आज्ञा चक्र में झनझनाहट सी महसूस हो रही है इसका क्या मतलबहै और मैं जब भी ध्यान में बैठी हूं तो मुझे गैस पास होने लगती है इसका क्या मतलब है कृपया करके जरूरबताएं आपकी आभारी ? आज्ञा चक्र में झनझनाहट का मतलब है कि आपकी ऊर्जा वहां सक्रिय हो रही है। यह स्पंदन, दबाव, या हल्की झनझनाहट के रूप में महसूस हो सकता है, जो तीसरी आँख के जागरण का संकेत हो सकता है। लेकिन, ध्यान के दौरान गैस पास होना बताता है कि आपका पाचन तंत्र असंतुलित है या किसी रुकावट के कारण ऊर्जा मूलाधार चक्र में ठीक से प्रवाहित नहीं हो रही। आप हल्का भोजन करें, प्राणायाम (अनुलोम-विलोम) करें और पाचन सुधारने के लिए वज्रासन में बैठें। नियमित अभ्यास से यह समस्या धीरे-धीरे ठीक हो जाएगी।

जब में ध्यान लगा कर सोने जाता हूं तो मुझे झटके लगते है ऐसा लगता है जैसे कोई मुझे उठा रहा है पकड़ कर ऐसा क्यों होता है

 जब में ध्यान लगा कर सोने जाता हूं तो मुझे झटके लगते है ऐसा लगता है जैसे कोई मुझे उठा रहा है पकड़ कर ऐसा क्यों होता है? ध्यान लगाकर सोते समय झटके लगना या ऐसा महसूस होना कि कोई पकड़कर उठा रहा है, यह ऊर्जा परिवर्तन और चेतना के गहरे स्तरों में प्रवेश का संकेत हो सकता है। जब साधना गहरी होती है, तो शरीर और मन शिथिल होते हैं, लेकिन चेतना जाग्रत रहती है। इससे प्राणिक ऊर्जा तीव्र गति से प्रवाहित होती है, जिससे झटके या खिंचाव महसूस हो सकता है। कभी-कभी यह सूक्ष्म शरीर (अस्त्रल बॉडी) के हल्के कंपन का भी संकेत होता है। डरें नहीं, यह साधना का स्वाभाविक प्रभाव हो सकता है। ग्राउंडिंग करें, मंत्र जाप करें, और साधना नियमित रखें।

ध्यान करते वक्त मेरी दोनों आंखें अपने अंदर की और खिंची जाती हैं..ऐसा क्यों हो रहा है

 ध्यान करते वक्त मेरी दोनों आंखें अपने अंदर की और खिंची जाती हैं..ऐसा क्यों हो रहा है? ध्यान के दौरान आपकी दोनों आँखों का अंदर की ओर खिंचाव होना इस बात का संकेत है कि आपकी ऊर्जा आज्ञा चक्र पर केंद्रित हो रही है। जब ध्यान गहरा होता है, तो प्राणिक ऊर्जा इकट्ठी होकर आज्ञा चक्र को सक्रिय करने लगती है, जिससे आँखें स्वतः भीतर की ओर खिंचने लगती हैं। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसे "त्राटक दृष्टि" या "शक्ति संचय" भी कहा जाता है। यह संकेत देता है कि आपका ध्यान सही दिशा में है। इसे जबरदस्ती रोकने की कोशिश न करें, बल्कि सहज रूप से इस अनुभव को स्वीकार करें और साधना को निरंतर बनाए रखें।

गुरुजी कल रात सोने के लिए बिस्तर पर गई आज्ञा चक्र पर सफेद रंग में गणेश और शिवजी के दर्शन हुए इसके मतलब बताने की कृपा करें

 गुरुजी कल रात सोने के लिए बिस्तर पर गई आज्ञा चक्र पर सफेद रंग में गणेश और शिवजी के दर्शन हुए इसके मतलब बताने की कृपा करें ? यह बहुत शुभ संकेत है। आज्ञा चक्र पर भगवान गणेश और शिवजी के दर्शन का अर्थ है कि आपकी साधना गहरी हो रही है और दिव्य कृपा आप पर बनी हुई है। गणेशजी विघ्नहर्ता हैं, जो साधक के मार्ग से बाधाएँ दूर करते हैं, और शिवजी परम चेतना के प्रतीक हैं, जो आत्मज्ञान का मार्ग दिखाते हैं। सफेद रंग शुद्धता और आध्यात्मिक उन्नति का संकेत है। यह दर्शाता है कि आपकी साधना सही दिशा में है। इसे ईश्वरीय आशीर्वाद मानें, भक्ति और ध्यान को बनाए रखें, और अपनी साधना को और अधिक समर्पण के साथ जारी रखें।

रीढ़ की हड्डी पर कभी ठंडा या गर्मी महसूस होती है इसका क्या मतलब है

 रीढ़ की हड्डी पर कभी ठंडा या गर्मी महसूस होती है इसका क्या मतलब है ? रीढ़ की हड्डी पर ठंडा या गर्मी महसूस होना ऊर्जा प्रवाह (कुंडलिनी जागरण) से जुड़ा हो सकता है। जब ऊर्जा चक्र सक्रिय होते हैं, तब शरीर में विभिन्न संवेदनाएँ उत्पन्न होती हैं, जैसे ठंडक, गर्मी, झनझनाहट, या कंपन। यह संकेत दे सकता है कि ऊर्जा नाड़ियों में शुद्धिकरण हो रहा है। यदि यह अनुभव सहज और आनंददायक हो, तो इसे स्वीकार करें। लेकिन यदि असुविधा हो, तो अधिक ग्राउंडिंग करें, जैसे पैरों को ज़मीन पर स्थिर रखें और श्वास पर ध्यान दें। नियमित साधना, प्राणायाम और संतुलित आहार इस ऊर्जा प्रवाह को सहज बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं।

ऐसा क्या kare जिसे बहुत कम समय में कुंडिलिनी पर चोट लग जाए और वो ऊपर की ओर लग जाए

 ऐसा क्या kare जिसे बहुत कम समय में कुंडिलिनी पर चोट लग जाए और वो ऊपर की ओर लग जाए ? कुंडलिनी जागरण एक गहन प्रक्रिया है, जिसे बलपूर्वक जागृत करने के प्रयास खतरनाक हो सकते हैं। लेकिन यदि आप इसे तेज़ी से सक्रिय करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विधियाँ सहायक हो सकती हैं: ✅ गुरु मंत्र या "ॐ नमः शिवाय" का गहन जप ✅ भस्त्रिका और कपालभाति प्राणायाम – ऊर्जा को जागृत करने में सहायक ✅ मूलबंध, उड्डीयान और जालंधर बंध का अभ्यास ✅ महाशक्ति युक्त बीज मंत्र – "क्रीं", "ह्रीं", "श्रीं" का जप ✅ शक्ति मंत्र और तंत्र साधना (गुरु मार्गदर्शन में ही करें) अति शीघ्रता से जागरण खतरनाक हो सकता है, इसलिए संतुलन बनाए रखें ।

Mujhe dhayaan me aakah me taare timtimate huye dikhte hain

 Mujhe dhayaan me aakah me taare timtimate huye dikhte hain ? ध्यान में आँखों के सामने तारे टिमटिमाते हुए देखना आध्यात्मिक जागरण और ऊर्जा प्रवाह का संकेत है। यह आज्ञा चक्र और सहस्रार चक्र की सक्रियता को दर्शा सकता है। जब चेतना गहरी होती है, तो दिव्य प्रकाश कणों के रूप में प्रकट हो सकता है। यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा या सूक्ष्म जगत के दर्शन भी हो सकते हैं। यदि यह अनुभव आनंददायक है, तो इसे स्वीकार करें और ध्यान जारी रखें। "ॐ" का जप करने से यह और स्पष्ट हो सकता है। यदि अधिक तीव्रता महसूस हो, तो मूलाधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करें ताकि ऊर्जा संतुलित रहे।

क्या हम तीसरी आंख की रोशनी से भूत को भस्म कर सकते हैं

 क्या हम तीसरी आंख की रोशनी से भूत को भस्म कर सकते हैं ? तीसरी आँख की ऊर्जा अत्यंत शक्तिशाली होती है, लेकिन इसका उपयोग केवल आध्यात्मिक जागरण, सत्य की अनुभूति और चेतना विस्तार के लिए किया जाता है। यदि कोई नकारात्मक ऊर्जा या आत्मा सामने आए, तो गुरु मंत्र, “ॐ नमः शिवाय” या हनुमान चालीसा का जप करें, जिससे दिव्य ऊर्जा आपकी रक्षा करेगी। भगवान शिव की तीसरी आँख से भस्म करने की शक्ति अद्वितीय है, लेकिन साधकों को अपनी ऊर्जा को संतुलित और शुद्ध रखने पर ध्यान देना चाहिए। ध्यान और आत्मबल से सभी भय दूर होते हैं, और नकारात्मक शक्तियाँ स्वतः नष्ट हो जाती हैं।

Sir third eye mai diamond dekhne k kya mtlb hota

 Sir third eye mai diamond dekhne k kya mtlb hota ? तीसरे नेत्र (आज्ञा चक्र) में हीरे (डायमंड) को देखना अत्यधिक आध्यात्मिक उन्नति और दिव्य प्रकाश के प्रकट होने का संकेत है। हीरा शुद्ध चेतना, आध्यात्मिक शक्ति, और उच्च ऊर्जा स्तरों का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि आपकी आंतरिक दृष्टि तेज हो रही है और दिव्य ज्ञान आपके भीतर प्रकट हो रहा है। यह सहस्रार चक्र से भी जुड़ा हो सकता है, जहाँ आत्मज्ञान का प्रकाश चमकता है। यदि यह अनुभव आनंददायक है, तो इसे स्वीकार करें और ध्यान जारी रखें। “ॐ” या गुरु मंत्र का जप करने से यह दिव्य अनुभव और स्पष्ट होगा।

क्या कोई हनुमान जी की शक्ति को बांध सकता है मुझे मंत्र जाप करने से या हनुमान चालीसा पढ़ने से रात को सपने में हनुमान जी मुझे बंधन में दिखाई देते हैं और मुझे ऐसा लगता है कि हनुमान जी चाह कर भी मेरी मदद नहीं कर पा रहे

 क्या कोई हनुमान जी की शक्ति को बांध सकता है मुझे मंत्र जाप करने से या हनुमान चालीसा पढ़ने से रात को सपने में हनुमान जी मुझे बंधन में दिखाई देते हैं और मुझे ऐसा लगता है कि हनुमान जी चाह कर भी मेरी मदद नहीं कर पा रहे ? हनुमान जी परम शक्तिशाली और निर्बाध हैं, उन्हें कोई बाँध नहीं सकता। यदि आपको सपनों में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे बंधन में हैं और आपकी मदद नहीं कर पा रहे, तो यह आपके अंतःमन के भ्रम, भय, या किसी नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है। निरंतर हनुमान चालीसा का श्रद्धा से पाठ करें, विशेषकर मंगलवार और शनिवार को। गुरु मंत्र या राम नाम का जप करें। संभव है कि कोई मानसिक या आध्यात्मिक अवरोध आपको यह अनुभव करा रहा हो। “श्री राम जय राम जय जय राम” का जप करने से बाधाएँ दूर होंगी।

ध्यान में ऐसा दिखता है कि एक हाथ मेरा गला दबाना चाहता है ऐसा बहुत बार होता है इसका कृपा करके उतार दीजिये

ध्यान में ऐसा दिखता है कि एक हाथ मेरा गला दबाना चाहता है ऐसा बहुत बार होता है इसका कृपा करके उतार दीजिये ? ध्यान में गला दबाने का अनुभव किसी गहरी ऊर्जा रुकावट, भय, या अनजाने मानसिक प्रभाव का संकेत हो सकता है। यह विशुद्धि चक्र (गले का चक्र) की अशुद्धि या दबी हुई भावनाओं से भी जुड़ा हो सकता है। इसे हटाने के लिए रोज़ महामृत्युंजय मंत्र या गुरु मंत्र का जप करें। ध्यान के बाद गायत्री मंत्र का उच्चारण करें और ठंडा जल पीकर गले को शुद्ध करें। यदि यह बार-बार हो रहा है, तो कोई अनुभवी साधक या गुरु से ऊर्जा संतुलन की साधना करवाएँ। “ॐ नमः शिवाय” का निरंतर जप करने से यह प्रभाव धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा।

तीसरा नेत्र चक्र बंद कैसे करें कृपया बताएं मुझे स्थायी बंधन बनाना है

 तीसरा नेत्र चक्र बंद कैसे करें कृपया बताएं मुझे स्थायी बंधन बनाना है ? तीसरा नेत्र चक्र (आज्ञा चक्र) को बंद करने का मतलब है इसकी अत्यधिक सक्रियता को कम करना या इसे स्थायी रूप से नियंत्रित करना। यदि यह चक्र अति सक्रिय हो जाता है, तो सिरदर्द, अनावश्यक दृश्य, गहन ऊर्जा अनुभव, अनिद्रा, और मानसिक असंतुलन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। स्थायी रूप से इसे बंद करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें: 1. ध्यान और ऊर्जा संतुलन मस्तिष्क को अधिक स्थिर बनाने के लिए मूलाधार चक्र और स्वाधिष्ठान चक्र पर ध्यान केंद्रित करें। भारी भोजन (जैसे अनाज, चावल, घी) लें ताकि ऊर्जा नीचे खिंचे। ध्यान में ऊर्जाओं को नीचे की ओर प्रवाहित करने का अभ्यास करें। 2. बीज मंत्रों और प्राणायाम से नियंत्रण “लम्” (मूलाधार) और “वं” (स्वाधिष्ठान) का जप करें। लंबी, धीमी सांस लें और पेट में सांस भरने पर ध्यान दें। भ्रामरी प्राणायाम और शीतली प्राणायाम करें ताकि मानसिक शांति मिले। 3. दृष्टि और विचारों का नियंत्रण त्राटक बंद करें और ध्यान में किसी भी प्रकाश या रंगों को देखने से बचें। ज्यादा कल्पनाशील विचारों को रोकें और यथार्थवादी चीजों...

गुरुजी मुझे भी पहले ध्यान में उड़ते हुए साप् दिखते थे।।।

 गुरुजी मुझे भी पहले ध्यान में उड़ते हुए साप् दिखते थे।।। ? ध्यान में सांपों का दिखना आंतरिक ऊर्जा परिवर्तनों और आध्यात्मिक जागरण का संकेत हो सकता है। सांप कुंडलिनी शक्ति का प्रतीक है, जो जब सक्रिय होती है, तो ध्यान में विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकती है। उड़ते हुए सांप देखना दर्शाता है कि ऊर्जा ऊपर की ओर बढ़ रही है। यदि यह अनुभव भय उत्पन्न करता है, तो मन को शांत रखते हुए "ॐ नमः शिवाय" या गुरु मंत्र का जप करें। यह संकेत कर सकता है कि ऊर्जा सही मार्ग पर है, लेकिन संतुलन आवश्यक है। क्या अब भी आपको यह अनुभव होता है?

3rd eye पे अगर हमने काले रंग का बिंदु लगतार दिखाई दे तो इसका मतलब क्या है हम कौनसी परत पर पहुंचे हैं

 3rd eye पे अगर हमने काले रंग का बिंदु लगतार दिखाई दे तो इसका मतलब क्या है हम कौनसी परत पर पहुंचे हैं? ध्यान में तीसरे नेत्र (आज्ञा चक्र) पर लगातार काले रंग का बिंदु दिखाई देना एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह आज्ञा चक्र की गहराई में प्रवेश करने और चेतना की उच्च अवस्थाओं को अनुभव करने का प्रतीक हो सकता है। काले बिंदु का अर्थ ऊर्जा अवरोध या शुद्धिकरण – यदि ध्यान में आज्ञा चक्र सक्रिय हो रहा है, तो प्रारंभ में काले रंग का अनुभव हो सकता है, जो अनदेखे मानसिक अवरोधों या अनभिज्ञता का संकेत हो सकता है। शून्यता की अनुभूति – काले बिंदु का दिखना कई बार सूक्ष्म जगत के गहरे स्तरों में प्रवेश का संकेत हो सकता है, जहाँ मन शून्य की स्थिति में जाता है। ब्रह्मांडीय प्रवेश द्वार – यह बिंदु एक प्रकार का ऊर्जा द्वार भी हो सकता है, जो तीसरे नेत्र के आगे की चेतना की परतों को दर्शाता है। ध्यान को गहरा करने पर यह बिंदु धीरे-धीरे बदल सकता है और अंदर एक प्रकाश दिखाई देने लगेगा। त्राटक साधना का प्रभाव – यदि आपने त्राटक किया है, तो नेत्रों के केंद्र में एक बिंदु का उभरना सामान्य है। यह संकेत है कि आपकी दृष्टि औ...

ध्यान में मुझे हर बार अलग-अलग टाइप की आंखें दिखती हैं

 ध्यान में मुझे हर बार अलग-अलग टाइप की आंखें दिखती हैं? ध्यान में विभिन्न प्रकार की आँखें दिखना एक गहरी आध्यात्मिक अनुभूति हो सकती है। यह प्रतीकात्मक रूप से आत्मदर्शन, देवदृष्टि, या अंतर्ज्ञान के जागरण का संकेत हो सकता है। अलग-अलग आँखों का दिखना यह दर्शाता है कि आपकी चेतना विभिन्न स्तरों को अनुभव कर रही है। यह आज्ञा चक्र की सक्रियता, आध्यात्मिक मार्गदर्शन, या पूर्व जन्मों से जुड़े अनुभव भी हो सकते हैं। यदि यह अनुभव सहज और सकारात्मक है, तो इसे स्वीकार करें और अपनी साधना जारी रखें। यदि कोई असहजता महसूस हो, तो ध्यान के बाद ग्राउंडिंग करें और ‘ओम’ मंत्र का जप करें।

मेरा राम चक्र जागृत हो गया है कुछ घुमता सा लगता है सर के ऊपर लेकिन आज्ञा चक्र पर मुझे कुछ दिखाई नहीं देता आज्ञा चक्र भी मेरा खुला नहीं है

 मेरा राम चक्र जागृत हो गया है कुछ घुमता सा लगता है सर के ऊपर लेकिन आज्ञा चक्र पर मुझे कुछ दिखाई नहीं देता आज्ञा चक्र भी मेरा खुला नहीं है ? राम चक्र (सहस्रार चक्र) का जागरण बहुत ही गहरी आध्यात्मिक अनुभूति होती है। आपके द्वारा अनुभव किया गया सिर के ऊपर घूमने जैसा एहसास संकेत देता है कि सहस्रार चक्र में ऊर्जा सक्रिय हो रही है। यह चक्र हमें ब्रह्मांडीय चेतना से जोड़ता है, जिससे शुद्ध शांति, आनंद और आत्मिक अनुभव होते हैं। लेकिन आज्ञा चक्र (तीसरा नेत्र) पर कुछ स्पष्ट न दिखना यह संकेत दे सकता है कि यह चक्र पूरी तरह जाग्रत नहीं हुआ है। आज्ञा चक्र का जागरण मानसिक स्पष्टता, अंतर्ज्ञान और गहरी दृष्टि प्रदान करता है। यदि यह अभी सक्रिय नहीं हुआ है, तो संभव है कि इसमें कोई ऊर्जा अवरोध हो या ध्यान की अधिक गहनता की आवश्यकता हो। आज्ञा चक्र के जागरण के लिए सुझाव: त्राटक साधना – दीपक की लौ, चंद्रमा, या किसी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें। भ्रामरी प्राणायाम – यह आज्ञा चक्र पर कंपन उत्पन्न करता है और ऊर्जा को सक्रिय करता है। ओम का जप – आज्ञा चक्र के स्थान पर ध्यान रखते हुए ओम का गहरा उच्चारण करें। श...

मैं जब ध्यान करती हूं तो मुझे उबासी के साथ-साथ मेरे मुंह में पानी आने लगता है इसका क्या मतलब है बताना प्लीज

 मैं जब ध्यान करती हूं तो मुझे उबासी के साथ-साथ मेरे मुंह में पानी आने लगता है इसका क्या मतलब है बताना प्लीज ? ध्यान के दौरान उबासी और मुंह में पानी आना ऊर्जा परिवर्तनों और शारीरिक प्रतिक्रियाओं का संकेत हो सकता है। उबासी गहरी शांति, तनाव मुक्ति और ऊर्जा संतुलन को दर्शाती है, जिससे शरीर और मस्तिष्क अधिक ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं। मुंह में पानी आना विशुद्धि चक्र (गले के चक्र) की सक्रियता या शरीर से विषैले तत्वों के निष्कासन का संकेत हो सकता है। यह कुंडलिनी ऊर्जा के जागरण की भी एक अवस्था हो सकती है। इसे रोकने की आवश्यकता नहीं है; सहज रूप से अनुभव करें और अपनी साधना जारी रखें। नियमित अभ्यास से यह संतुलित हो जाएगा।

गुरुजी मेरे तीसरी आंख के बाईं ओर या दोनों तरफ जेसे कोई आख फरकती है वेसे ही ललाट पे होता है ?

 गुरुजी मेरे तीसरी आंख के बाईं ओर या दोनों तरफ जेसे कोई आख फरकती है वेसे ही ललाट पे होता है ? यह अनुभव दर्शाता है कि आपकी आज्ञा चक्र (तीसरी आंख) की ऊर्जा सक्रिय हो रही है। जब तीसरी आंख जाग्रत होती है, तो वहाँ हलचल, स्पंदन, या फड़कने जैसा अनुभव हो सकता है। यह ऊर्जा प्रवाह का संकेत है, जो धीरे-धीरे स्थिर होता जाएगा। बाईं ओर अधिक कंपन होने का अर्थ है कि आपकी चंद्र (शीतल) ऊर्जा अधिक सक्रिय है। यदि दोनों ओर हो रहा है, तो यह संतुलन स्थापित होने का संकेत हो सकता है। ध्यान और मंत्र जाप जारी रखें, लेकिन अत्यधिक ध्यान से बचें। सहज भाव से साधना करें और शरीर के संकेतों को स्वीकार करें।

Guruji how we see our wife n kids when 3rd eye get open , I see sometime from 3rd eye like no house walls , no activa in my house present but not see family members yet plz help

 Guruji how we see our wife n kids when 3rd eye get open , I see sometime from 3rd eye like no house walls , no activa in my house present but not see family members yet plz help When the third eye opens, perception shifts beyond physical reality. You begin to see energy, vibrations, and the subtle essence of existence rather than material objects. The reason you don't see your wife and kids yet is that your vision is still evolving. Seeing no walls or Activa means your awareness is transcending physical form. To perceive loved ones, meditate with love and intention, focusing on their presence in your heart. As your third eye stabilizes, you will see their energetic forms. Trust the process, stay grounded, and strengthen your heart chakra to balance spiritual and worldly perceptions.

नाम शबद जपते वकत अपने भीतर शोर क्यू सुनाई देता है

 नाम शबद जपते वकत अपने भीतर शोर क्यू सुनाई देता है? जब हम नाम शबद (मंत्र) का जप करते हैं, तो मन की गहराइयों में संचित विचार, भावनाएँ और आंतरिक तरंगें सक्रिय हो जाती हैं। प्रारंभ में, हमारा चित्त बाहरी और आंतरिक अशांत ध्वनियों (शोर) को सुनता है, क्योंकि मन अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ होता। यह शोर अधूरी ध्यान अवस्था का संकेत हो सकता है, जहाँ अंतर्मन की अव्यवस्थित तरंगें उभरने लगती हैं। जैसे-जैसे साधना गहरी होती है, यह शोर स्वतः शांत हो जाता है और दिव्य अनाहत नाद प्रकट होने लगता है। निरंतर अभ्यास से ध्यान स्थिर होता है और आंतरिक शांति का अनुभव होता है।

हमारे शरीर में हमारी आत्मा कहाँ वास करती है

 हमारे शरीर में हमारी आत्मा कहाँ वास करती है ? आत्मा का कोई निश्चित स्थान नहीं होता, क्योंकि वह शुद्ध चेतना स्वरूप है और पूरे शरीर में व्याप्त रहती है। फिर भी, विभिन्न आध्यात्मिक ग्रंथों और योग परंपराओं के अनुसार, आत्मा का मुख्य केंद्र हृदय (अनाहत चक्र) या ब्रह्मरंध्र (सहस्रार चक्र) में माना जाता है। श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार, आत्मा शरीर में एक दिव्य ऊर्जा के रूप में स्थित होती है, जो जन्म और मृत्यु के बंधनों से परे है। आत्मा का वास्तविक स्वरूप चेतना है, जो संपूर्ण शरीर को जीवन प्रदान करती है और मस्तिष्क व हृदय के माध्यम से व्यक्त होती है।

ध्यान करने से पहले कौन से प्राणायाम करें

 ध्यान करने से पहले कौन से प्राणायाम करें ? ध्यान से पहले नाड़ी शोधन प्राणायाम (अनुलोम-विलोम) करें, जिससे ऊर्जा संतुलित हो और मन शांत हो। साथ ही, भस्त्रिका प्राणायाम ऊर्जा जाग्रत करता है और कपालभाति प्राणायाम मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है। ये प्राणायाम ध्यान को गहरा बनाने में मदद करते हैं और शरीर-मन को स्थिर एवं एकाग्र करते हैं।

मुझे ऐसा क्यों लगता है है की मेरा हार्टचक्र तक एक्टिव है .क्या लोगो के चक्र पहले से भी एक्टिव होता

 मुझे ऐसा क्यों लगता है है की मेरा हार्टचक्र तक एक्टिव है .क्या लोगो के चक्र पहले से भी एक्टिव होता ? हाँ, कुछ लोगों के चक्र जन्म से ही आंशिक रूप से सक्रिय हो सकते हैं, जबकि अन्य के चक्र साधना, आंतरिक शुद्धि, या पिछले जन्मों के संस्कारों के कारण जल्दी सक्रिय हो सकते हैं। यदि आपको लगता है कि आपका हृदय चक्र (अनाहत चक्र) सक्रिय है, तो यह प्रेम, करुणा और ऊर्जा प्रवाह की वृद्धि का संकेत हो सकता है। हालांकि, तेज़ धड़कन जैसी शारीरिक संवेदनाएँ ऊर्जा असंतुलन या अधिक सक्रियता का संकेत भी हो सकती हैं। नियमित ध्यान, प्राणायाम और संतुलित जीवनशैली अपनाने से चक्रों का सही संतुलन बना रहेगा और ऊर्जा सहज रूप से प्रवाहित होगी।

जब भी मैं गर्दन घूमता हूं तो मेरे बयां हाथ में करंट सा होता है

 जब भी मैं गर्दन घूमता हूं तो मेरे बयां हाथ में करंट सा होता है? जब भी आप गर्दन घुमाते हैं और आपके बाएं हाथ में करंट जैसा अनुभव होता है, तो यह सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, नस दबने, या ऊर्जा प्रवाह में परिवर्तन का संकेत हो सकता है। ध्यान और योग के कारण शरीर में ऊर्जा जागृत होती है, जिससे कभी-कभी ऐसी संवेदनाएँ महसूस हो सकती हैं। यदि यह असहज महसूस हो या दर्द के साथ हो, तो गर्दन और कंधों की हल्की स्ट्रेचिंग, प्राणायाम (जैसे अनुलोम-विलोम) करें। लंबे समय तक गलत मुद्रा में न बैठें। यदि समस्या बनी रहे तो किसी आयुर्वेदिक या न्यूरोलॉजिकल विशेषज्ञ से परामर्श लें।

जाप और ध्यान, दीवार से टिककर कर सकते है क्या

 जाप और ध्यान, दीवार से टिककर कर सकते है क्या? हाँ, जाप और ध्यान दीवार से टिककर किया जा सकता है, विशेष रूप से यदि पीठ में दर्द हो या लंबे समय तक सीधे बैठने में कठिनाई हो। दीवार से टिककर बैठने से रीढ़ को सहारा मिलता है, जिससे ध्यान में एकाग्रता बढ़ती है। हालाँकि, आदर्श रूप से रीढ़ सीधी होनी चाहिए और शरीर स्थिर रहना चाहिए। धीरे-धीरे अभ्यास करके बिना सहारे बैठने की आदत डालना अच्छा रहेगा। यदि आवश्यक हो तो कुशन या योगासन का उपयोग करें। सबसे महत्वपूर्ण है ध्यान की गहराई और मन की स्थिरता, भले ही आप सहारे से बैठें।

Guddha dwar per thodi thodi der baad vibration ka kya matlab guruji

 Guddha dwar per thodi thodi der baad vibration ka kya matlab guruji ? गुद्धा द्वार (मूलाधार चक्र) पर थोड़ी-थोड़ी देर बाद कंपन होना कुंडलिनी जागरण का संकेत हो सकता है। जब ऊर्जा जागृत होकर ऊपर उठने लगती है, तो यह मूलाधार चक्र में सक्रियता बढ़ाती है, जिससे कंपन, झनझनाहट या स्पंदन महसूस हो सकता है। यह ऊर्जा मार्ग (नाड़ियों) की शुद्धि का भी संकेत है। यदि यह सहज रूप से हो रहा है, तो इसे स्वीकार करें और भय न रखें। ध्यान, प्राणायाम और साधना को संतुलित रखें, ताकि ऊर्जा सुचारु रूप से ऊपर की ओर प्रवाहित हो सके। यदि असुविधा हो, तो अनुभवी गुरु से मार्गदर्शन लें।

आज्ञा चक्र पर एक आत्मा घूमते हुए दिखाई दिया इसका मतलब क्या है

 आज्ञा चक्र पर एक आत्मा घूमते हुए दिखाई दिया इसका मतलब क्या है? आज्ञा चक्र पर आत्मा का घूमते हुए दिखना – अर्थ और व्याख्या यदि आपको ध्यान या साधना के दौरान आज्ञा चक्र (तीसरा नेत्र) पर किसी आत्मा का घूमते हुए दिखना अनुभव हुआ है, तो यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक संकेत हो सकता है। इसका अर्थ कई दृष्टिकोणों से समझा जा सकता है: 1. आध्यात्मिक जागरण का संकेत आज्ञा चक्र जागरण के दौरान व्यक्ति की अंतर्ज्ञान शक्ति बढ़ने लगती है। जब यह चक्र सक्रिय होता है, तो सूक्ष्म जगत (अदृश्य संसार) की झलक मिल सकती है। आत्माओं, प्रकाश, या विभिन्न आकृतियों को देखना एक सामान्य अनुभव हो सकता है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी साधना गहरी हो रही है और आपकी आध्यात्मिक दृष्टि (divine vision) विकसित हो रही है। 2. पूर्वजों या किसी दिव्य उपस्थिति का संकेत कभी-कभी ध्यान में आत्मा का दिखना हमारे पूर्वजों, किसी दिव्य आत्मा, या किसी मार्गदर्शक (spiritual guide) के संकेत हो सकते हैं। यह उनकी उपस्थिति, आशीर्वाद, या किसी संदेश को संप्रेषित करने का तरीका हो सकता है। यदि यह आत्मा सकारात्मक ऊर्जा के साथ दिखाई दी, तो यह एक ...

मैं जब पूजा करनी बैठी हूं तो मेरे लेफ्ट साइड पेट में गुड़गुड़ आवाज क्यों होती है? कृपया उत्तर दें?

 मैं जब पूजा करनी बैठी हूं तो मेरे लेफ्ट साइड पेट में गुड़गुड़ आवाज क्यों होती है? कृपया उत्तर दें? ऊर्जा का संचार: पूजा और ध्यान के दौरान जब मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है, तो शरीर के विभिन्न भागों में संवेदनाएँ महसूस हो सकती हैं। नाड़ी शुद्धिकरण: संभव है कि आपकी ऊर्जा नाड़ियाँ (इडा, पिंगला, सुषुम्ना) सक्रिय हो रही हों, जिससे शरीर में सूक्ष्म स्तर पर परिवर्तन हो रहा हो। बाईं ओर ऊर्जा प्रवाह: बाईं ओर इडा नाड़ी होती है, जो चंद्र ऊर्जा से जुड़ी होती है। जब यह अधिक सक्रिय होती है, तो शरीर में संवेदनाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। क्या करें? भोजन और पूजा के बीच कम से कम 1-2 घंटे का अंतर रखें। धीमी और गहरी सांसें लें, ताकि शरीर शांत रहे। यदि यह अनुभव बार-बार होता है, तो इसे ध्यानपूर्वक देखें और अपनी ऊर्जा में होने वाले बदलावों को समझें।

कुंडलिनी जागरण होने पर क्या रीढ़ कि हड्डी में दर्द होता है कमर में दर्द होता है ?

 कुंडलिनी जागरण होने पर क्या रीढ़ कि हड्डी में दर्द होता है कमर में दर्द होता है ? हाँ, कुंडलिनी जागरण के दौरान रीढ़ की हड्डी और कमर में दर्द होना आम है। जब ऊर्जा जागृत होकर ऊपर उठती है, तो वह ऊर्जा मार्ग (नाड़ियों) को शुद्ध करती है, जिससे अस्थायी रूप से दर्द, गर्मी, झनझनाहट, या भारीपन महसूस हो सकता है। विशेष रूप से, यदि रीढ़ की स्थिति सही नहीं है या कोई अवरोध है, तो दर्द अधिक महसूस हो सकता है। यह लक्षण समय के साथ संतुलित साधना, प्राणायाम, और उचित आसन के अभ्यास से कम हो सकते हैं। यदि दर्द असहनीय हो, तो योगाचार्य या गुरु से मार्गदर्शन लेना चाहिए।

Pranam guruji, after some time of dhyan I feel in my mudra thumb and middle finger detached. When I feel it then again I joined both finger. Why it happens ? Pl clarify.

 Pranam guruji, after some time of dhyan I feel in my mudra thumb and middle finger detached. When I feel it then again I joined both finger. Why it happens ? Pl clarify.? Pranam! During deep meditation, if your thumb and middle finger detach in your mudra, it indicates a shift in your energy flow. This could be due to an increased pranic movement, loss of body awareness, or a subtle relaxation of muscles as your mind enters a deeper state. Sometimes, the body naturally adjusts to energy fluctuations. When you notice it and reconnect the fingers, it helps maintain the intended energy circuit of the mudra. Observe without resistance—if it happens repeatedly, allow it naturally and focus on your inner experience. Guru's guidance and self-awareness will deepen your meditation. Blessings! 🙏

अगर कोई साधक mantra jaap aur naam jaap दोनो साथ साथ की तो क्या होता है

 अगर कोई साधक mantra jaap aur naam jaap दोनो साथ साथ की तो क्या होता है? यदि कोई साधक मंत्र जप और नाम जप दोनों एक साथ करता है, तो उसकी साधना अत्यंत शक्तिशाली हो जाती है। मंत्र जप विशिष्ट ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो मानसिक एकाग्रता बढ़ाकर चक्रों को सक्रिय करता है, जबकि नाम जप हृदय को शुद्ध कर भक्तिभाव और ईश्वरीय प्रेम को प्रकट करता है। जब दोनों का समन्वय होता है, तो साधक को गहरी शांति, चेतना का उत्थान और आत्मबोध का अनुभव हो सकता है। यह साधना कर्म और अहंकार को नष्ट कर मोक्ष के मार्ग को सुगम बनाती है। गुरु कृपा से यह अनुभव और अधिक प्रभावी हो सकता है।

Guruji kya agar koi sone ke alawa(6 ghante) baaki saara samay(18 ghante) 2 saal tak 1 aasan par baithkar naam jap karta rahega to kya moksh prapti ke chances hain.?

 Guruji kya agar koi sone ke alawa(6 ghante) baaki saara samay(18 ghante) 2 saal tak 1 aasan par baithkar naam jap karta rahega to kya moksh prapti ke chances hain.? यदि कोई साधक 18 घंटे प्रतिदिन, लगातार 2 वर्षों तक एक आसन पर बैठकर नाम जप करता है, तो यह निश्चित रूप से उसकी चेतना को गहरे आध्यात्मिक स्तर पर ले जा सकता है। लेकिन केवल जप की मात्रा से मोक्ष प्राप्ति की गारंटी नहीं होती। मोक्ष के लिए शुद्ध हृदय, अहंकार का पूर्ण त्याग, आत्मबोध, गुरु की कृपा और संपूर्ण समर्पण आवश्यक है। यदि यह साधना निष्काम भाव, पूर्ण विश्वास और समर्पण के साथ की जाए, तो चित्त की शुद्धि होकर आत्मसाक्षात्कार संभव हो सकता है। सही मार्गदर्शन और आंतरिक अनुभव के आधार पर साधक को मोक्ष की दिशा में बढ़ने की संभावना होती है।

Mere 3rd Eye par Hamesha upar ki tarap khichab rehta he..

 Mere 3rd Eye par Hamesha upar ki tarap khichab rehta he..? यदि आपकी तीसरी आंख (आज्ञा चक्र) पर हमेशा ऊपर की ओर खिंचाव महसूस होता है, तो यह चक्र की सक्रियता और ऊर्जा प्रवाह का संकेत हो सकता है। यह दर्शाता है कि आपका ध्यान और चेतना उच्च स्तर की ओर बढ़ रही है। लगातार खिंचाव महसूस होना दर्शाता है कि ऊर्जा सहस्रार चक्र की ओर जाने का प्रयास कर रही है। इसे संतुलित रखने के लिए ध्यानपूर्वक ग्राउंडिंग करें, जैसे कि मूलाधार चक्र पर ध्यान दें, पृथ्वी तत्व से जुड़े कार्य करें और अधिक विश्राम लें।

मैं ध्यान तो मूलाधार चक्र का कर्ता हूं मगर मुझे लाल रंग दिखाई नहीं देता है बाल्की हरा रंग दिखाता है इसका मतलब क्या है

 मैं ध्यान तो मूलाधार चक्र का कर्ता हूं मगर मुझे लाल रंग दिखाई नहीं देता है बाल्की हरा रंग दिखाता है इसका मतलब क्या है? यदि आप मूलाधार चक्र पर ध्यान करते हैं लेकिन लाल रंग के बजाय हरा रंग देखते हैं, तो यह चक्र की उर्जा असंतुलन या ऊर्ध्वगति को दर्शा सकता है। मूलाधार चक्र का रंग लाल होता है, जो स्थिरता, जड़ता और भौतिक सुरक्षा से जुड़ा है, जबकि हरा रंग अनाहत (हृदय) चक्र का प्रतीक है, जो प्रेम और संतुलन से संबंधित है। इसका अर्थ हो सकता है कि आपकी ऊर्जा मूलाधार से हृदय चक्र की ओर प्रवाहित हो रही है। अपने ध्यान में स्थिरता बनाए रखने के लिए जड़ से जुड़े अभ्यास करें, जैसे पृथ्वी तत्व साधना और मंत्र जाप।

आज्ञाचक्र के भगवान kaun hai ?

 आज्ञाचक्र के भगवान kaun hai ? आज्ञा चक्र के अधिष्ठाता देवता भगवान शिव हैं, जिन्हें त्रिकालदर्शी और सर्वोच्च ज्ञान के स्रोत के रूप में जाना जाता है। यह चक्र दोनों भौहों के बीच स्थित होता है और इसे "तीसरा नेत्र" कहा जाता है, जो ज्ञान, अंतर्ज्ञान और आत्मबोध का प्रतीक है। इस चक्र का बीज मंत्र "ॐ" है और इसका रंग गहरा नीला या बैंगनी होता है। ध्यान और साधना द्वारा जब आज्ञा चक्र सक्रिय होता है, तो साधक को दिव्य दृष्टि, मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक जागरूकता प्राप्त होती है। भगवान शिव की कृपा से यह चक्र संतुलित होकर आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।

dhyan karte Neck ke piche gudgudi kyu hoti hai ?

 dhyan karte Neck  ke piche gudgudi kyu hoti hai ? ध्यान करते समय गर्दन के पीछे गुगुड़ी (हलकी खुजली या झनझनाहट) महसूस होना ऊर्जा के प्रवाह का संकेत हो सकता है। यह संकेत है कि आपकी सूक्ष्म ऊर्जा (prana) सक्रिय हो रही है और शरीर में गहरी संवेदनाएँ उत्पन्न हो रही हैं। गर्दन का क्षेत्र विशुद्धि चक्र (Throat Chakra) से जुड़ा होता है, जो संचार और शुद्धता से संबंधित है। जब यह चक्र सक्रिय होता है, तो शरीर में इस तरह की प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। यह एक सकारात्मक अनुभव है, जो ध्यान के प्रभाव और ऊर्जा के प्रवाह को दर्शाता है। इसे सहज रूप से अनुभव करें। 🙏✨

नमस्कार गुरु जी मैं जब भी ध्यान करता हूं तो मेरे दोनो आंखें के पलक फड़कते है और मेरे नाक में खिंचाव महसूस होता है और लगता है मेरा दोनों होंठ टेढ़ा हो गया । ऐसा क्यूं

  नमस्कार! जब आप ध्यान करते हैं और आंखों की पलक फड़कती है, नाक में खिंचाव महसूस होता है और होंठ टेढ़ा होने जैसा अनुभव होता है, तो यह ऊर्जा के प्रवाह का संकेत हो सकता है। ध्यान के दौरान शरीर की सूक्ष्म ऊर्जा (prana) सक्रिय हो जाती है और यह शारीरिक प्रतिक्रियाओं के रूप में प्रकट होती है। पलक का फड़कना और नाक में खिंचाव इड़ा और पिंगला नाड़ियों के संतुलन का हिस्सा हो सकते हैं। होंठ का टेढ़ा होना मस्तिष्क की एक प्रकार की ऊर्जा संवेदनशीलता का लक्षण है। इसे सहज रूप से अनुभव करें, चिंता न करें।

Vishudi chakra me kqn sa tatva hota h??

 Vishudi chakra me kqn sa tatva hota h?? विशुद्धि चक्र में आकाश तत्व (Ether Element) होता है। यह चक्र गले में स्थित होता है और संचार, शुद्धता, एवं आत्म-अभिव्यक्ति से जुड़ा है। जब यह संतुलित होता है, तो व्यक्ति की वाणी प्रभावशाली और सत्यपूर्ण होती है। इसका बीज मंत्र "हं" (Ham) है। 

Bina naam jap mantra jap ke kewal dhyan kar sakte hain.... Is ke baare me bhi batayein🙏

 Bina naam jap mantra jap ke kewal dhyan kar sakte hain.... Is ke baare me bhi batayein🙏 हाँ, बिना नाम जप या मंत्र जप के भी ध्यान किया जा सकता है। यह उच्च स्तर की साधना मानी जाती है, जहाँ मन स्वाभाविक रूप से शून्यता (thoughtlessness) में चला जाता है। इसे निर्विचार समाधि कहा जाता है। यदि आपका मन बिना मंत्र जप के स्थिर और शांत हो रहा है, तो यह ईश्वरीय कृपा और आपकी गहरी साधना का परिणाम है। इसे सहज रूप से अपनाएं। यदि विचार आए, तो उन्हें देखने मात्र का अभ्यास करें, पर उनसे जुड़ें नहीं। मन पूरी तरह स्थिर हो जाए, तो बस अस्तित्व में रहें।

Maa bhagwati ohm dum durgaye namah ka jaap start kiya tha jab dhyan me baithte hain to shiv Ji ki yaad aati hai aur bina jap kiye turant dhyan lag jaata hai....... Man shunya ho jaata hai koi naam mantra yaad nahi aata🙏🙏 kripya guide karein

 Maa bhagwati ohm dum durgaye namah ka jaap start kiya tha jab dhyan me baithte hain to shiv Ji ki yaad aati hai aur bina jap kiye turant dhyan lag jaata hai....... Man shunya ho jaata hai koi naam mantra yaad nahi aata🙏🙏 kripya guide karein यह एक अत्यंत शुभ संकेत है! "ॐ दुं दुर्गायै नमः" का जप करने से आपकी ऊर्जा शुद्ध हो रही है, और ध्यान में भगवान शिव की अनुभूति होना दर्शाता है कि आपका चित्त अब गहरे समाधि अवस्था में प्रवेश कर रहा है। जब मन शून्य हो जाता है और कोई मंत्र याद नहीं आता, तो इसका अर्थ है कि आप निर्विचार अवस्था (thoughtless awareness) को प्राप्त कर रहे हैं, जो गहरी साधना का लक्षण है। इसे सहज रूप से स्वीकार करें, जब मंत्र स्वभाविक रूप से आए तो जप करें, अन्यथा बस शिवभाव में रहें। ॐ नमः शिवाय 🙏✨

dhyan mein Sir Meri gardan left side mein jhuk rahi hai iska kya Karan hai 🙏 please reply

 dhyan mein Sir Meri gardan left side mein jhuk rahi hai iska kya Karan hai 🙏 please reply ध्यान में गर्दन का बाईं ओर झुकना दर्शाता है कि आपकी ऊर्जा असंतुलित हो सकती है। यह संभव है कि कुंडलिनी या प्राण ऊर्जा बाईं (इड़ा नाड़ी) में अधिक सक्रिय हो रही हो। इड़ा नाड़ी चंद्र ऊर्जा से जुड़ी होती है, जो शीतलता और भावनाओं का प्रतीक है। इसे संतुलित करने के लिए सूर्य नाड़ी प्राणायाम (दाएं नथुने से श्वास लेना) करें। बैठने की मुद्रा सुधारें और रीढ़ सीधी रखें। यदि झुकाव अधिक हो, तो कुछ समय ध्यान के बाद विश्राम करें। धीरे-धीरे यह संतुलित हो जाएगा। ॐ नमः शिवाय जपते रहें। 🙏✨

मुझसे और कभी-कभी मेरे घर का कोई परिवार का कहा जाता है तो मुझसे ऐसा क्यों हुआ कि इसका एक्सीडेंट हो जाएगा और इसका क्या मतलब है गुरु जी

 मुझसे और कभी-कभी मेरे घर का कोई परिवार का कहा जाता है तो मुझसे ऐसा क्यों हुआ कि इसका एक्सीडेंट हो जाएगा और इसका क्या मतलब है गुरु जी यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को अचानक किसी का एक्सीडेंट होने का पूर्वाभास होता है, तो यह आपकी अंतर्ज्ञान शक्ति (intuition) या सूक्ष्म ऊर्जा के प्रति जागरूकता का संकेत हो सकता है। कभी-कभी ध्यान और साधना के कारण व्यक्ति भविष्य की घटनाओं को भांपने लगता है। लेकिन डर या नकारात्मकता से बचें—ऐसे विचार आते ही तुरंत ॐ नमः शिवाय या महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें और भगवान से रक्षा की प्रार्थना करें। मन को शांत रखें, शुभ कर्म करें और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें। ईश्वर कृपा बनाए रखें, चिंता न करें। 🙏✨

ध्यान में या सपने में भगवान शिव माँ पार्वती को देखा इसका क्या मतलब है कृपया बताएं ओम नमः शिवाय

  ध्यान में या सपने में भगवान शिव माँ पार्वती को देखा इसका क्या मतलब है कृपया बताएं ओम नमः शिवाय ध्यान या स्वप्न में भगवान शिव और माँ पार्वती का दर्शन होना एक अत्यंत शुभ संकेत है। यह दर्शाता है कि आपकी साधना गहरी हो रही है और ईश्वरीय कृपा प्राप्त हो रही है। शिव-पार्वती एकता और संतुलन के प्रतीक हैं—यह संकेत हो सकता है कि आपके भीतर चेतना और ऊर्जा का संतुलन स्थापित हो रहा है। यह आपको आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ने और भक्ति मार्ग पर दृढ़ रहने की प्रेरणा देता है। निरंतर ध्यान और मंत्र जप करते रहें, ईश्वरीय आशीर्वाद बना रहेगा। ॐ नमः शिवाय 🙏✨

गुरुजी पहले मेरे को बहुत-बहुत ज्यादा गुस्सा आता था लेकिन अब कुछ टाइम से गुस्सा कंट्रोल में है

 गुरुजी पहले मेरे को बहुत-बहुत ज्यादा गुस्सा आता था लेकिन अब कुछ टाइम से गुस्सा कंट्रोल में है ? यह आपके ध्यान और आत्मसाधना की बड़ी उपलब्धि है। पहले अत्यधिक गुस्सा आना और अब उसका नियंत्रण में आना दर्शाता है कि आपकी ऊर्जा संतुलित हो रही है। ध्यान, प्राणायाम और मंत्र जप के कारण मन शांत हो रहा है। इसे बनाए रखने के लिए नियमित रूप से ध्यान करें और अपनी भावनाओं को जागरूकता से देखें। यदि कभी गुस्सा आए, तो गहरी सांस लें और मन को शांत करें। धैर्य और प्रेम से जीवन जीते रहें। यह आत्मिक उन्नति का संकेत है। आप सही मार्ग पर हैं, साधना जारी रखें। शुभकामनाएँ! 🙏✨

गुरुजी मैं लेटकर ध्यान करता हूं क्या इसे ध्यान में आगे बाद पाउगी

 गुरुजी मैं लेटकर ध्यान करता हूं क्या इसे ध्यान में आगे बाद पाउगी ? लेटकर ध्यान करने से गहरी शांति तो मिल सकती है, लेकिन ध्यान में आगे बढ़ना कठिन हो सकता है। लेटने पर शरीर शिथिल हो जाता है और नींद आने की संभावना बढ़ जाती है। यदि ध्यान में प्रगति चाहते हैं, तो कमर सीधी करके सुखासन, सिद्धासन या पद्मासन में बैठें। यदि बैठने में कठिनाई हो, तो दीवार या कुशन का सहारा लें। ध्यान में स्थिरता बढ़ाने के लिए प्राणायाम और जप का अभ्यास करें। धीरे-धीरे, ऊर्जा जाग्रत होगी और गहरे ध्यान की अवस्था में आसानी से प्रवेश होगा। अनुशासन बनाए रखें, सफलता निश्चित है। 🙏✨

धयान लगाने पर पहले आँख दिखना फिर तारे दिखना फिर एक वृक्ष दिखना आगे नई बड पा रहा हु कोई रास्ता बताने की क्रपा करे ज्यादा ध्यान में बैठने से माइग्रेन स्टार्ट हो जाता है

 धयान लगाने पर पहले आँख दिखना फिर तारे दिखना फिर एक वृक्ष दिखना आगे नई बड पा रहा हु कोई रास्ता बताने की क्रपा करे ज्यादा ध्यान में बैठने से माइग्रेन स्टार्ट हो जाता है ? आपकी ध्यान प्रक्रिया में प्रगति हो रही है, लेकिन माइग्रेन समस्या बन रही है। इसका समाधान यह हो सकता है कि आप ध्यान की अवधि कम करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं। शीतल प्राणायाम (शीतली, शीतकारी) करने से सिर में ठंडक मिलेगी। अपने बैठने की मुद्रा को सुधारें—पीठ सीधी रखें लेकिन तनाव न दें। ध्यान के बाद नारियल पानी या ठंडा दूध लें। हो सके तो ध्यान से पहले हल्का तेल मालिश करें। यदि तारे और वृक्ष दिख रहे हैं, तो यह संकेत हैं कि आप गहरे ध्यान में प्रवेश कर रहे हैं। बस धैर्य और संतुलन बनाए रखें।