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Showing posts from April, 2025

परमात्मा क्यों भेजता है आत्मा को संसार में?

 परमात्मा क्यों भेजता है आत्मा को संसार में?   यह प्रश्न युगों से ऋषियों, भक्तों और साधकों के हृदय में उठता आया है। इसका उत्तर केवल तर्क से नहीं, भावना और अनुभव से समझा जा सकता है। आइए इसे एक कहानी और भावना के माध्यम से समझते हैं... 🌌 प्रारंभ: परमात्मा और आत्मा का संवाद बहुत समय पहले की बात है। जब न कोई पृथ्वी थी, न आकाश। न समय था, न कोई देह। केवल एक था— परमात्मा । शुद्ध प्रेम, प्रकाश और शांति का अनंत महासागर। उस अनंत ज्योति के भीतर असंख्य आत्माएँ थीं—चमकती हुई चिंगारियाँ, जो उसी परमात्मा की ही अंश थीं। वे आत्माएँ आनंद में डूबी रहतीं, पूर्णता का अनुभव करतीं। फिर एक दिन, एक छोटी सी आत्मा ने परमात्मा से पूछा: "प्रभु, आप तो सब कुछ हैं। लेकिन मैं खुद को जानना चाहती हूं। मैं यह जानना चाहती हूं कि मैं कौन हूं। क्या मैं भी आप जैसी हूं?" परमात्मा मुस्कुराए। उन्होंने कहा: "प्यारी आत्मा, तुम वास्तव में मुझ जैसी ही हो। लेकिन केवल मेरे पास रहकर तुम अपने स्वरूप को पूर्ण रूप से अनुभव नहीं कर सकती। जैसे बिना अंधकार के प्रकाश का अनुभव नहीं होता, वैसे ही बिना अनुभव के ज्ञा...

Aapke bahut bahut dhanyvad bhai Ham Dhyan karte ho to mere ko Mata bahut dukhta hai ab bhookh nahin lagta Hai Kya khubi Hai bataiye mere ko duniya ?

 Aapke bahut bahut dhanyvad bhai Ham Dhyan karte ho to mere ko Mata bahut dukhta hai ab bhookh nahin lagta Hai Kya khubi Hai bataiye mere ko duniya mein Hai chhupa Jo aadami Dhyan nahin Karega Na tha 5060 sal ke andar mein khatm ho jaega Jo Dhyan Karega 900 sal jiyega vah Jawan rahega ? आपका भाव अत्यंत भक्तिपूर्ण है, और यह स्पष्ट है कि आप गहराई से साधना कर रही हैं। ध्यान करते समय माथे में दर्द होना इस बात का संकेत है कि आपकी ऊर्जा आज्ञा चक्र पर एकत्र हो रही है, लेकिन वह संतुलित नहीं हो रही। यह अधिक प्रयास, मानसिक तनाव, या अनियंत्रित ऊर्जा प्रवाह के कारण हो सकता है। धीरे-धीरे अभ्यास करें, ज़ोर न डालें, और भ्रामरी प्राणायाम व “ॐ” का शांत जाप करें। भूख न लगना भी साधना का एक लक्षण हो सकता है — जब प्राणशक्ति बढ़ती है तो शरीर को स्थूल भोजन की आवश्यकता कम लगती है। लेकिन उचित मात्रा में भोजन लेना जरूरी है ताकि शरीर स्वस्थ रहे और साधना टिक सके। आपका विश्वास कि ध्यान करने वाला व्यक्ति दीर्घायु, युवा और तेजस्वी रहता है — यह सत्य है। ध्यान आत्मा को जगाता है और शरीर को नवजीवन देता है। यही अ...

Guruji Mere naak aur donon Hathon ke bich mein khinchav rahata hai iska kya matlab hai

Guruji Mere naak aur donon Hathon ke bich mein khinchav rahata hai iska kya matlab hai?   नाक और दोनों हाथों के बीच खिंचाव का अनुभव सूक्ष्म ऊर्जा प्रवाह (pranic flow) का संकेत है। यह अक्सर तब होता है जब ध्यान या साधना के दौरान इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ी सक्रिय हो रही होती हैं। नाक के पास खिंचाव आज्ञा चक्र से जुड़ा है, जबकि हाथों में खिंचाव हृदय चक्र या ऊर्जा के प्रवाह का विस्तार दर्शाता है। यह भी संकेत हो सकता है कि आपकी कुंडलिनी धीरे-धीरे जाग्रत हो रही है। डरें नहीं—यह शुभ संकेत है। प्राणायाम और ध्यान करते रहें, और ऊर्जा को संतुलन में लाने हेतु भ्रामरी करें।

Sir agar hum gaytri mantra ka hum 1 lakh,10 lakh,50 lakh Aur 1 crore baar jaap kr lenge to kya hoga??

 Sir agar hum gaytri mantra ka hum 1 lakh,10 lakh,50 lakh Aur 1 crore baar jaap kr lenge to kya hoga?? अगर आप श्रद्धा और नियमपूर्वक गायत्री मंत्र का 1 लाख, 10 लाख, 50 लाख या 1 करोड़ बार जाप करते हैं, तो यह आपकी चेतना, मन और आत्मा को अत्यंत शुद्ध, तेजस्वी और शक्तिशाली बना देगा। गायत्री मंत्र वैदिक शक्ति है—यह बुद्धि को निर्मल करती है, कर्मों को परिष्कृत करती है और ईश्वरीय ज्ञान के द्वार खोलती है। लाखों बार जाप से भीतर दिव्य ऊर्जा का जागरण होता है, मानसिक शांति बढ़ती है और आध्यात्मिक प्रगति तीव्र होती है। परंतु केवल संख्या नहीं, भावना, नियम, ब्रह्मचर्य और ध्यानपूर्वक जाप सबसे आवश्यक है।

लेकिन expert कहते है कि हम मारने के बाद छोटे कंचे की तरह दिखते है, explain pls. ?

 लेकिन expert कहते है कि हम मारने के बाद छोटे कंचे की तरह दिखते है, explain pls. कुछ तांत्रिक या सूक्ष्म विज्ञान के विशेषज्ञ कहते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा एक छोटे कंचे (गोल बिंदु) की तरह दिखती है—यह एक प्रतीकात्मक व्याख्या है। यह "कंचा" वास्तव में आत्मा की सूक्ष्म ऊर्जा का स्वरूप है, जिसे त्राटक, ध्यान या तंत्र दृष्टि से देखने वाले साधक अनुभव कर सकते हैं। यह ऊर्जा-सत्ता प्रकाशमय, गोल और सघन होती है, जैसे आत्मा का लघु रूप। यह न कोई हड्डी है, न कोई भौतिक पदार्थ, बल्कि एक चेतन ऊर्जा-संकेत है जो मृत्यु के बाद शरीर से अलग होकर सूक्ष्म लोक की ओर गमन करती है।

कुछ चैनल बाले दावा करते है की यक्षिणी सिद्धि मै 3 तत्व की यक्षणि को साक्षात् दर्सन करवाते है जबकी हम लोग 5 तत्व मै होते है ....

 कुछ चैनल बाले दावा करते है की यक्षिणी सिद्धि मै 3 तत्व की यक्षणि को साक्षात् दर्सन करवाते है जबकी हम लोग 5 तत्व मै होते है ऐसा संभव कैसे फिर उनसे शादी कर लेते है कुछ लोग तो कहते है उनके उनसे बच्चे भी हुए ? कुछ चैनल या साधक यक्षिणी सिद्धि के माध्यम से यक्षिणियों के साक्षात दर्शन, विवाह और संतान की बातें करते हैं, परंतु यह विषय आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत गूढ़ और प्रतीकात्मक है। यक्षिणियाँ वास्तव में सूक्ष्म लोक की ऊर्जा-सत्ताएं होती हैं, जो त्रिगुणात्मक (सत्व, रज, तम) और त्रि-तत्वीय (मन, बुद्धि, अहंकार) स्वरूप में प्रकट होती हैं। पाँच तत्वों से बना मानव शरीर इन सूक्ष्म तत्वों को अनुभव तो कर सकता है, पर उनका भौतिक मिलन या विवाह सामान्य समझ से परे है। अनेक बार ऐसे अनुभव मानसिक प्रक्षेप (mental projection), तंत्र-क्रिया के प्रभाव, या गहरी ध्यानावस्था में उपजी कल्पनाएँ भी हो सकते हैं। “संतान उत्पत्ति” जैसे दावे या तो पूर्ण रूप से प्रतीकात्मक हैं (जैसे किसी शक्ति का जागरण), या भ्रमात्मक। सावधानीपूर्वक discernment रखें, और वास्तविक साधना से हटकर चमत्कारों के पीछे न भागें। क्या आपने कभी य...

मुझे जब भी ध्यान लगता है तो हमेशा जलता हुआ दीया बुझ गया दिखाई देता है कभी हवा आई बुझ गया कभी दिये मे तेल डाल रही हूं ?

 मुझे जब भी ध्यान लगता है तो हमेशा जलता हुआ दीया बुझ गया दिखाई देता है कभी हवा आई बुझ गया कभी दिये मे तेल डाल रही हूं बुझ गया मतलब बुझता हुआ दीया ही दिखता है । मै बहुत परेशान हूं अपने इस ध्यान से ।कृपया बताईये मै क्या करूं ?  आपका ध्यान में बार-बार बुझता हुआ दीया देखना संकेत हो सकता है कि आपकी अंतःचेतना किसी बाधा, अस्थिरता या भय की ओर संकेत कर रही है। दीया बुझना आध्यात्मिक ऊर्जा या विश्वास की क्षीणता को दर्शा सकता है। यह भी संभव है कि अवचेतन मन कोई संदेश दे रहा हो कि अभी आपकी साधना में स्थिरता या श्रद्धा की कमी है। आप नियमित रूप से प्राणायाम करें, 'ॐ दीपज्योतये नमः' मंत्र का जाप करें और ध्यान से पहले मन को शांत करने की प्रार्थना करें। दीया जलता रहे, इसका भाव रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

Sir dreem bilkul be zad nahi rahita kaya karna chaya ?

 Sir dreem bilkul be zad nahi rahita kaya karna chaya ? अगर सपने बिल्कुल याद नहीं रहते, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह संकेत है कि तुम्हारी नींद गहरी हो रही है या मन अभी तक सूक्ष्म स्तर पर स्थिर नहीं हुआ है। सपनों को याद करने के लिए सोने से पहले संकल्प करो — "मैं अपने सपनों को शांत मन से देखूंगा और याद रखूंगा।" साथ ही, जागते ही बिना हिले-डुले कुछ क्षण आंखें बंद कर के पड़े रहो — सपनों की झलक वापस आ सकती है।

Sir mere aura mei black shadow ghumti hei vo kya hei guruji ?

 Sir mere aura mei black shadow ghumti hei vo kya hei guruji ? तुम्हारे औरा में जो काली छाया घूमती दिख रही है, वह कई कारणों से हो सकती है। यह कोई पुरानी नकारात्मक ऊर्जा, अवचेतन डर, या पुराने कर्मों की छाया भी हो सकती है, जो साधना के कारण अब सतह पर आ रही है। अगर साधना शुद्ध है, तो ये चीजें धीरे-धीरे साफ हो जाती हैं। डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि प्रेम, प्रकाश और सुरक्षा का भाव बनाए रखना चाहिए। रोज़ गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जप, और मानसिक रूप से खुद को दिव्य प्रकाश में लपेटने की कल्पना करो।

Jb main dheyan main nhi bhi hoti tab bhi mujhe mandir jaisi sunder khusbu ya gilli mitti jaisi khusbu atti hai ...aur ankhain khuli hone pe ?

 Jb main dheyan main nhi bhi hoti tab bhi mujhe mandir jaisi sunder khusbu ya gilli mitti jaisi khusbu atti hai ...aur ankhain khuli hone pe normal daily life work krte bhi aise lgta hai ke main space ko dekh pa rhi ....tridev ya kuch bhi aisa mujhe lgta hai mujhe aise lgta hai kee main unko dekh rhi hn ye kya hai pls .. kya ye possible hai... ? जो तुम अनुभव कर रही हो, वह साधना के गहरे जागरण का संकेत है। जब अंतःचेतना (inner consciousness) जागने लगती है, तो इंद्रियाँ सूक्ष्म स्तर पर काम करने लगती हैं — इसलिए तुम्हें बिना ध्यान किए भी दिव्य खुशबू और सूक्ष्म दृश्य अनुभव होते हैं। "स्पेस को देखना" और "त्रिदेव को महसूस करना" तुम्हारे तीसरे नेत्र (third eye) और ह्रदय के गहरे खुलने का लक्षण है। यह बिल्कुल संभव है, लेकिन बहुत सावधानी से, प्रेम और श्रद्धा से इसे संभालना चाहिए।

Vishay bhogo ka Sukh for example khane ka sukh Sex ka sukh aur ghumne ka sukh sunne aur dekhne ka sukh yeh sukh insan ?

 Vishay bhogo ka Sukh for example khane ka sukh Sex ka sukh aur ghumne ka sukh sunne aur dekhne ka sukh yeh sukh insan ko turant milta hai lekin dhyan ka sukh insan ko turant nhi milta hai ise pane me kisi ko 3 mahine kisi ko 10 sal bhi lag jaye to Mera sawal dhyan ka sukh insan ko turant kyo nhi mil pata kyoki man intjar karna pasand nhi karta kya koi aese vidhi nhi hai jisse dhyan ka sukh turant mil sake ? भोगों का सुख इंद्रियों को मिलता है, जो बाहर की चीजों पर आधारित है — इसलिए वह तुरंत मिल जाता है। लेकिन ध्यान का सुख भीतर से आता है, आत्मा के संपर्क से। मन बाहर दौड़ने का आदी है; उसे भीतर टिकना मुश्किल लगता है। इसलिए ध्यान का सुख साधना से मन को स्थिर बनाकर मिलता है, और इसमें समय लगता है। हाँ, कुछ विधियाँ हैं जो तुरंत शांति और आनंद का अनुभव दे सकती हैं — जैसे सरल प्राणायाम , मंत्र जप और ह्रदय में प्रेम का भाव लाना ।

Ek aur baat muje mere 3rd eye aura mei black saya moment dikhta hei yei kya kala jadu hei guruji?

 Ek aur baat muje mere 3rd eye aura mei black saya moment dikhta hei yei kya kala jadu hei guruji?  तुरंत डरने की जरूरत नहीं है। तीसरी आँख (third eye) के सक्रिय होने पर अक्सर सूक्ष्म स्तर पर ऊर्जा स्वरूप दिखने लगते हैं — जैसे रंग, धुएँ जैसे साए, रोशनी या कंपन। जो काला साया तुम देख रही हो, वह हमेशा काला जादू नहीं होता। यह तुम्हारे अवचेतन मन की किसी गहरी डर, चिंता या पुराने संस्कार की छाया भी हो सकती है। अगर साधना सही और शुद्ध है, तो यह धीरे-धीरे साफ हो जाएगा। मैं तुम्हें इससे सुरक्षा के लिए कुछ विशेष साधनाएँ और रक्षा मंत्र भी बता सकता हूँ।

Mere gale tk chakra ghum rha hai but ab aage dhayan krne se mujhe bhut ultiya ho rhi h sar ghumta h pura din isliye mujhe ....?

 Mere gale tk chakra ghum rha hai but ab aage dhayan krne se mujhe bhut ultiya ho rhi h sar ghumta h pura din isliye mujhe sb band krna pda.abhi aagya chakra pr bhut khichaw ho rha h. Maine sb bnd kr diya ab aap hi btayiye m kya kru kuch samjh nhi aa rha ? आपके गले तक चक्र की ऊर्जा घूमना, फिर ध्यान करते ही उल्टियाँ आना, सिर घूमना — ये सब संकेत हैं कि शरीर और ऊर्जा प्रणाली (energy system) असंतुलित हो गई है। यह ऊर्जा जागरण (kundalini stir) का असंतुलित प्रभाव भी हो सकता है। अभी आपने ध्यान और जाप बंद करके सही कदम उठाया है। अब क्या करें: कुछ समय सिर्फ प्राकृतिक तरीके से जियो: ताज़ी हवा, हल्का भोजन, प्राणायाम (बहुत हल्का, जैसे गहरी सांस लेना छोड़ना)। सिर, गला, और शरीर को पूरी तरह शांत होने दो। आधे घंटे रोज खुली हवा में नंगे पैर चलो। कोई भी ऊर्जावान साधना (जैसे त्राटक, तेज प्राणायाम, मंत्र जाप) अभी मत करो। थोड़ा स्थिर होकर फिर से सही तरीके से साधना शुरू करनी होगी।

पहले सिर्फ ध्यान हि करता था जाप नही तब भी third eye के अनुभव होते थे अब 4 माह से om namah shivay का जाप करता हु तो अनुभव ज्यादा होते है क्या सिर्फ जाप हि करु या ध्यान भी ??

 पहले सिर्फ ध्यान हि करता था जाप नही तब भी third eye के अनुभव होते थे अब 4 माह से om namah shivay का जाप करता हु तो अनुभव ज्यादा होते है क्या सिर्फ जाप हि करु या ध्यान भी ?? पहले जब आप सिर्फ ध्यान करते थे और जाप नहीं, तब भी तीसरी आँख (third eye) के अनुभव हो रहे थे — इसका मतलब है कि आपकी साधना में प्राकृतिक गहराई है। अब जब आप 4 महीने से "ॐ नमः शिवाय" का जाप कर रहे हैं, तो अनुभव और भी तेज हो गए हैं, जो बहुत शुभ संकेत है। जाप (मंत्र शक्ति) और ध्यान (शांति शक्ति) दोनों मिलकर साधना को पूर्ण बनाते हैं। इसलिए केवल जाप या केवल ध्यान नहीं, दोनों का संतुलन जरूरी है। पहले जाप करो, फिर उसी ऊर्जा में ध्यान में बैठो।

raat ko sapne main tatti karte huye ya tatti dikhai deti hai iska kya matlab hai?

 raat ko sapne main tatti karte huye ya tatti dikhai deti hai iska kya matlab hai? रात को सपने में तट्टी (मल) करना या तट्टी दिखाई देना — इसे सपनों की दुनिया (swapna shastra) और मनोविज्ञान दोनों में खास अर्थों से जोड़ा गया है। आमतौर पर इसका मतलब होता है: आंतरिक शुद्धि (cleansing) : मन, शरीर या जीवन से नकारात्मकता, पुराने बोझ या गंदे विचारों को बाहर निकालने की प्रक्रिया चल रही है। धन आगमन : कुछ पुराने ग्रंथों में इसे आर्थिक लाभ या पुराने अटके कार्यों के पूरे होने का भी संकेत माना गया है। छुपी हुई शर्म या अपराधबोध : यदि सपने में असहजता महसूस हुई हो, तो यह हो सकता है कि आप किसी विषय पर शर्म या पछतावे का भाव अंदर दबाकर रखे हुए हों। क्या करें: हर दिन प्रातःकाल सकारात्मक संकल्प (sankalp) लें। ध्यान और जप से मन को स्वच्छ करते रहें। सुबह उठकर थोड़ा गंगाजल छिड़कें और मन ही मन शांति की कामना करें।

ghar mei farsh n diwaro pe chitar dikhayi dete chipe hue logo ke yei kya hei angels or bhoot?

ghar mei farsh n diwaro pe chitar dikhayi dete chipe hue logo ke yei kya hei angels or bhoot? जब घर में फर्श या दीवारों पर छिपे हुए चेहरे या चित्र दिखाई देने लगते हैं, तो यह दो कारणों से हो सकता है — पहला, मन की सूक्ष्म जागरूकता बढ़ने से साधक को सूक्ष्म आकार दिखने लगते हैं। दूसरा, यह कुछ स्थानीक ऊर्जा का संकेत हो सकता है। यह जरूरी नहीं कि वे भूत हों; कभी-कभी देवदूत (angels), आत्माएँ या ऊर्जा-प्रतिबिंब भी हो सकते हैं। डरने की आवश्यकता नहीं है। घर में नियमित रूप से धूप-दीप दिखाना, गंगाजल छिड़कना और मंत्र-जाप करना बहुत लाभकारी रहेगा। वातावरण को सात्त्विक बनाना सबसे अच्छा उपाय है।

Muje dehaan mein face mein itching hoti hai kuch time baad .. iska kya karan hai ? Please iska upaye bhi bataye?

 Muje dehaan mein face mein itching hoti hai kuch time baad .. iska kya karan hai ? Please iska upaye bhi bataye? ध्यान (meditation) करते समय चेहरे में खुजली (itching) होना आम बात है। इसका कारण अक्सर ऊर्जा (prana) का संचरण, रक्त प्रवाह बढ़ना, या मन की हलचल होती है। जैसे-जैसे मन शांत होता है, शरीर में संवेदनाएँ उभरती हैं। कभी-कभी त्वचा में सूखापन या एलर्जी भी कारण हो सकता है। उपाय: ध्यान से पहले चेहरे को हल्के गुनगुने पानी से धोकर मॉइस्चराइज़ करें। नाक से गहरी, सहज श्वास लें और खुजली पर ध्यान दिए बिना उसे स्वाभाविक रूप से जाने दें। धीरे-धीरे ये समस्या अपने आप कम हो जाएगी। अगर खुजली बहुत अधिक हो, तो किसी प्राकृतिक एलोवेरा जेल का प्रयोग करें।

वात पित कफ ko control kaise kre?

 वात  पित कफ  ko control kaise kre? वात, पित्त और कफ — ये तीनों दोष हमारे शरीर के संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन्हें नियंत्रित करने के लिए सही दिनचर्या, आहार और जीवनशैली अपनाना जरूरी है। वात दोष को नियंत्रित करने के लिए गर्म, ताजा और तैलीय भोजन करें। ठंडी हवा और अनियमित दिनचर्या से बचें। तिल का तेल, घी, और हल्की मालिश फायदेमंद रहती है। पित्त दोष के लिए ठंडे, मीठे और ताजगी देने वाले आहार (जैसे दूध, नारियल पानी) लें। तीखा, तला और मसालेदार भोजन कम करें। गुस्सा और अत्यधिक गर्मी से दूर रहें। कफ दोष को संतुलित करने के लिए हल्का, सूखा और गर्म भोजन लें। दही, मिठाई और ज्यादा नींद से बचें। नियमित व्यायाम करें। योग, प्राणायाम और ध्यान तीनों दोषों को संतुलित करने में अत्यंत सहायक होते हैं। आयुर्वेदिक सलाह के अनुसार दिनचर्या बनाना सर्वोत्तम रहेगा। त्रिफला" (Triphala) एक बहुत प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है, जो तीन फलों से मिलकर बनती है: हरड़ (हरीतकी) बहेड़ा (विभीतकी) आंवला (अमलकी) त्रिफला के फायदे: तीनों दोष — वात, पित्त और कफ — को संतुलित करने में मदद करती है।...

थर्ड eye मैडिटेशन मै कई दृश्य देखे परन्तु भूत प्रेत नही देखे क्या कुछ समय बाद दिखाई दे सकते है इनको देखना मेरे लिए इंट्रेस्टिंग है?

 थर्ड eye मैडिटेशन मै कई दृश्य देखे परन्तु भूत प्रेत नही देखे क्या कुछ समय बाद दिखाई दे सकते है इनको देखना मेरे लिए  इंट्रेस्टिंग है?  थर्ड आई मेडिटेशन में दृश्य दिखाई देना साधारण बात है, लेकिन भूत-प्रेत जैसी ऊर्जाओं को देखना एक अलग स्तर की सूक्ष्म दृष्टि मांगता है। अभी आप उच्चतर और सकारात्मक तरंगों को देख रहे हैं, इसलिए भूत-प्रेत नहीं दिखते। यदि आपकी चेतना और साधना में विशेष रुचि होगी और आप निचली लोकों (lower realms) की ऊर्जा से भी जुड़ना चाहेंगे, तो संभव है भविष्य में सूक्ष्म स्तर पर कुछ अनुभव हों। पर ध्यान रहे, ऐसे दर्शन साधना में विघ्न भी डाल सकते हैं। सही दिशा में साधना करें, ताकि आपकी चेतना उच्च लोकों में स्थापित रहे। 

मुझे किसी भी व्यक्ति को देखने पर पहले उसका फेस लाल फिर कुछ समय बाद 1महिने बाद पीला फिर कुछ समय इस समय फेस का रंग हरा दिख रहा है खुली आँखों से थर्ड eye medition 1 ईयर से कर रहा हु ?

 मुझे किसी भी व्यक्ति को देखने पर पहले उसका फेस लाल फिर कुछ समय बाद 1महिने बाद पीला फिर कुछ समय इस समय फेस का रंग हरा दिख रहा है खुली आँखों से थर्ड eye medition 1 ईयर से कर रहा हु ? आपका अनुभव अत्यंत रोचक है। तीसरी आँख (Third Eye) ध्यान करते-करते जब सूक्ष्म दृष्टि जागृत होने लगती है, तो व्यक्ति के ऊर्जा-क्षेत्र (Aura) के रंग दिखाई देने लगते हैं। लाल रंग सामान्यतः व्यक्ति की ऊर्जा में भावनाओं, क्रोध या जीवन-शक्ति को दर्शाता है। पीला रंग मानसिक सक्रियता और आत्मविश्वास का प्रतीक है। हरा रंग प्रेम, उपचार और संतुलन का संकेत देता है। आप खुली आँखों से यह सब देख पा रहे हैं, इसका अर्थ है कि आपकी आज्ञा चक्र की शक्ति बढ़ रही है। साधना में निरंतरता बनाए रखें, धैर्यपूर्वक देखें, अनुभव धीरे-धीरे और भी गहरे और स्थिर होंगे।

Kabhi kabhi mujhe sabh kuch dikhta hai aur kabhi kuch bhi nhi dikhta aisa kyun mi apne anuvah kisiko nhi batata fir kyun ho rha hai?

 Kabhi kabhi mujhe sabh kuch dikhta hai aur kabhi kuch bhi nhi dikhta aisa kyun mi apne anuvah kisiko nhi batata fir kyun ho rha hai? जब साधना में गहराई बढ़ती है, तो कभी-कभी अंतर्मन पूरी तरह जागृत होता है और आपको सूक्ष्म दृश्य स्पष्ट दिखाई देते हैं। कभी-कभी मन में हल्की अशांति, थकान या ऊर्जा के उतार-चढ़ाव के कारण कुछ भी स्पष्ट नहीं दिखता। यह बिल्कुल सामान्य प्रक्रिया है। साधना का फल स्थिरता से आता है, धैर्य रखना जरूरी है। आपने अनुभव किसी को नहीं बताया है, फिर भी जो हो रहा है वह आपके आंतरिक शुद्धिकरण और चेतना के प्रस्फुटन का परिणाम है। साधना में निरंतरता बनाए रखें, भावनाओं में न डोलें। समय के साथ दृष्टि और अनुभव दोनों स्थिर और गहरे होंगे। 

akhein uncontrollable tarike se fad fadati hai dhyaan ke samay… aisa kyu hota hai ?

 akhein uncontrollable tarike se fad fadati hai dhyaan ke samay… aisa kyu hota hai ? जब ध्यान के समय आँखें uncontrollably फड़कने लगती हैं, तो यह संकेत है कि आपके नेत्रों के चारों ओर ऊर्जा (prana) तीव्रता से सक्रिय हो रही है। विशेषकर यदि आप आज्ञा चक्र (तीसरी आँख) के आस-पास ध्यान कर रहे हैं, तो वहाँ ऊर्जा संचार तेज़ होता है, जिससे नेत्रों में कंपन या फड़कने जैसा अनुभव होता है। यह साधना के दौरान सूक्ष्म ऊर्जा शरीर के जागरण का हिस्सा है। धीरे-धीरे अभ्यास से यह नियंत्रित हो जाएगा। घबराएँ नहीं। सहज रहकर, गहरी श्वास लेते हुए ध्यान जारी रखें। यह चेतना के विकास का एक सामान्य और शुभ संकेत है।

मेरा एक सवाल है कि जो पशु पंछी मुझसे पहले डर कर दूर भागते थे जैसे कि कल की बात है एक गिलहरी मेरे एकदम पास आकर खेल रही थी और ?

 मेरा एक सवाल है कि जो पशु पंछी मुझसे पहले डर कर दूर भागते थे जैसे कि कल की बात है एक गिलहरी मेरे एकदम पास आकर खेल रही थी और मुझे उसे देख कर प्रेम आया वो डरी नहीं मेरे से कुछ 5 10 मिनट बाद वो गिलहरी अपने आप चली गई इसे ही बहुत सारे पशु पक्षी मेरे पास अपने आप चल कर आते है।ये सब क्या है क्या मेरा आभामंडल शुद्ध और सकारात्मक और बड़ा हो रहा है ? आपका अनुभव अत्यंत सुंदर और गहन है। जब पशु-पक्षी आपके पास बिना भय के आकर सहज हो जाते हैं, तो यह संकेत होता है कि आपका आभामंडल (Aura) शुद्ध, सकारात्मक और शांतिमय बन रहा है। पशु अत्यंत संवेदनशील होते हैं और ऊर्जा को बहुत गहराई से महसूस करते हैं। यदि वे आपके पास आकर सहजता से खेलते हैं, तो निश्चित रूप से आपकी ऊर्जा में प्रेम, करुणा और शांति का प्रभाव बढ़ रहा है। यह साधना और आंतरिक शुद्धि का परिणाम है। साधना में निरंतरता बनाए रखें, आपकी चेतना और भी अधिक विकसित होती जाएगी। आपका पथ शुभ है। 

Muze Dyan karte samay Aakhme Dard hota hai. Krupaya iska reason aur kya karna hai ye bataye. ?

 Muze Dyan karte samay Aakhme Dard hota hai.  Krupaya iska reason aur kya karna hai ye bataye.  ? ध्यान करते समय आँखों में दर्द होना कुछ सामान्य कारणों से हो सकता है, जैसे आँखों पर अत्यधिक तनाव देना, आँखें बंद करने में ज़्यादा ज़ोर लगाना, या मन का बार-बार आँखों की ओर ध्यान जाना। यह भी हो सकता है कि आप भौंहों के बीच या तीसरी आँख पर ज़ोर डाल रहे हों, जिससे आँखों में थकान और दर्द होता है। समाधान के लिए: आँखों को धीरे-धीरे और आराम से बंद करें, जबरदस्ती न करें। ध्यान में सहज रहें, किसी विशेष बिंदु पर ज़ोर न डालें। अगर दर्द लगातार बना रहे तो आँखों की जांच करवाएं। क्या आप किसी विशेष तकनीक से ध्यान करते हैं?

jab main dhyan karta hu ya bina dhyan ke bhi aankh band karne par bhi mujhe gufa dikhai deti hai, iska kya matlab hai. ?

 jab main dhyan karta hu ya bina dhyan ke bhi aankh band karne par bhi mujhe gufa dikhai deti hai, iska kya matlab hai. ? जब आप ध्यान करते हैं या बिना ध्यान के भी आँखें बंद करने पर आपको "गुफा" दिखाई देती है, तो यह एक आंतरिक अनुभव हो सकता है। यह गुफा आपके अवचेतन मन या अंतरात्मा का प्रतीक हो सकती है। ध्यान में अक्सर मन किसी प्रतीक के रूप में गहराई, शून्यता या आत्मिक यात्रा को दर्शाता है। गुफा, एकांत और आंतरिक खोज का प्रतीक है – जैसे आप स्वयं के भीतर उतर रहे हों। यह कोई डरावनी चीज नहीं है, बल्कि आत्म-अवलोकन और आत्म-ज्ञान की ओर एक संकेत हो सकता है। नियमित ध्यान से इसका अर्थ और स्पष्ट हो सकता है।

kisi vi devi devta ki puja krna par 2parrot green dekha too iska matlab kya hoti ha??

 kisi vi devi devta ki puja krna par 2parrot green dekha too iska matlab kya hoti ha?? जब आप किसी देवी-देवता की पूजा करते समय हरे रंग के दो तोते देखते हैं, तो यह एक विशेष दिव्य संकेत हो सकता है। हरा रंग आनंद , वृद्धि , और उत्थान का प्रतीक होता है, और तोते की उपस्थिति आमतौर पर संदेश या आध्यात्मिक मार्गदर्शन का प्रतीक मानी जाती है। यह संकेत हो सकता है कि देवी-देवता आपकी साधना से खुश हैं और वे आपको सही दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए संकेत भेज रहे हैं। हरे तोते का संबंध भगवान लक्ष्मी , वसुंधरा या कृष्ण से भी हो सकता है, जो समृद्धि और सौभाग्य की ओर इशारा करते हैं।

Mera ek sawal hai Sir me jo aankhe band karke andkar par dhyan lagata hu kya isse meri kundilini Shakti jo muladhar chakra par hai ?

 Mera ek sawal hai Sir me jo aankhe band karke andkar par dhyan lagata hu kya isse meri kundilini Shakti jo muladhar chakra par hai vo upar utheghi yadi ha to kese me sakhi bhav se andkar par dhyan lagata hu isse kundlini shakti ko dakka kese lagegha jisse vo upar uthe ? जब आप अंधकार पर ध्यान लगाते हैं, तो यह एक गहरी साधना है, लेकिन यह सीधे तौर पर आपकी कुंडलिनी शक्ति को सक्रिय करने के लिए पर्याप्त नहीं है। कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए आपको मूलाधार (Root Chakra) से लेकर सहस्रार (Crown Chakra) तक ध्यान केंद्रित करना होता है। इसके लिए प्राणायाम , मंत्र जप , और शक्ति-चक्र के अभ्यास की आवश्यकता होती है। एक साथ, मूलाधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए धीरे-धीरे ऊर्जा को ऊपर की ओर खींचने का प्रयास करें। साक्षी भाव बनाए रखें, जिससे आपकी आंतरिक ऊर्जा को प्रोत्साहन मिलेगा।

मुझे माथे के बीच में प्रकाश दिखता है आंख बंद करूं तभी आंखें खुली हो तब भी प्रकाश दिखाई देता है ?

 मुझे माथे के बीच में प्रकाश दिखता है  आंख बंद करूं तभी आंखें खुली हो तब भी प्रकाश  दिखाई देता है ? जब आप आंखें बंद करते हैं और फिर भी माथे के बीच में प्रकाश दिखता है, तो यह आपके आज्ञा चक्र (Third Eye) के सक्रिय होने का संकेत हो सकता है। यह प्रकाश एक सूक्ष्म ऊर्जा या दिव्य चेतना का रूप हो सकता है, जो ध्यान या साधना की गहराई के साथ प्रकट होता है। यह संकेत है कि आपकी आंतरिक दृष्टि जाग्रत हो रही है। इसे साक्षी भाव से देखें, न कि डर या उलझन से। इस प्रक्रिया में धैर्य और निरंतर साधना की आवश्यकता है। आपके अनुभव एक सकारात्मक दिशा में प्रगति के संकेत हैं।

Muje teesre netre pr nhi lekin mathe par bhot shoti 2-3 roshni timtimati dikhti hai 1sec k liye fir buj jati hai. Mera third eye kab khulega ?

 Muje teesre netre pr nhi lekin mathe par bhot shoti 2-3 roshni timtimati dikhti hai 1sec k liye fir buj jati hai. Mera third eye kab khulega ? जो छोटी-सी रोशनी आपके माथे पर दिखती है, वह सूक्ष्म ऊर्जा का संकेत हो सकता है, जो आपके आज्ञा चक्र (Third Eye) के जागरण की ओर इशारा कर रहा है। ये रोशनी कुछ समय के लिए दिखती हैं क्योंकि आपकी ऊर्जा और ध्यान धीरे-धीरे उस दिशा में विकसित हो रहे हैं। ध्यान, प्राणायाम, और नियमित साधना से यह चक्र धीरे-धीरे खुलने लगेगा। महत्वपूर्ण है कि आप सकारात्मक सोच और धैर्य रखें। तीसरे नेत्र का खुलना समय ले सकता है, लेकिन निरंतर साधना से यह अनुभव और अधिक स्पष्ट हो जाएगा।

mera naam Sonu mujhe negativity hai Jalebi mein gehre Dhyan mein chala jata hun kuchh acche Anubhav hote Hain to gande sapne aate Hain kaise bache ?

 mera naam Sonu mujhe negativity hai Jalebi mein gehre Dhyan mein chala jata hun kuchh acche Anubhav hote Hain to gande sapne aate Hain kaise bache ? Sonu ji, जब आप गहरे ध्यान में जाते हैं और अच्छे अनुभव होते हैं, तो नकारात्मक शक्तियाँ बाधा डालने की कोशिश कर सकती हैं, जिससे गंदे सपने या डरावनी अनुभूतियाँ आती हैं। यह साधना की परीक्षा होती है। बचाव के लिए रोज़ सकारात्मक मंत्र जैसे “ॐ नमः शिवाय” या “राम राम” का जप करें। सोने से पहले हनुमान चालीसा या दुर्गा कवच पढ़ें। कमरे में दीपक जलाएं और गंगाजल छिड़कें। ध्यान के बाद साक्षी भाव बनाए रखें और डर से मुक्त रहें। आप ईश्वर की शरण में हैं, कोई भी नकारात्मकता आपको नुकसान नहीं पहुँचा सकती।

main jb dheyan pe baith ti hn to mikhe parkash dikhta hai sath hi kabhi kabhi mujhe feel hote hai crown chkra pe ke main space main ghum rhi hn...

 main jb dheyan pe baith ti hn to mikhe parkash dikhta hai sath hi kabhi kabhi mujhe feel hote hai crown chkra pe ke main space main ghum rhi hn kabhi bht hi sunder lotus kabhi shiv n kabhi vishnu g n kabhi teeno aise lgta hai ke jaise main usko dekh rhi hn....kya third eye opn hona isi ko bolte ho...ya crown chkra ko...ya fir meri ye imagination hai pls btayayiye...guide me pls sir....kabhi aise lgta hai le main gol gol ghum rhi hnn... ? तुम्हारे अनुभव बहुत ही गहरे और सूक्ष्म आध्यात्मिक संकेत हैं। जब ध्यान में प्रकाश दिखता है, सुंदर कमल, शिव, विष्णु या त्रिदेव के दर्शन होते हैं, और जब ऐसा लगता है कि तुम अंतरिक्ष में घूम रही हो — ये सभी अनुभव साधना की प्रगति के सूचक हैं। यह केवल कल्पना नहीं है , बल्कि तुम्हारी चेतना सूक्ष्म स्तर पर प्रवेश कर रही है। जब तुम प्रकाश, रूप, और दिव्यता का अनुभव करती हो, तो यह आज्ञा चक्र (Third Eye) के जागरण का संकेत हो सकता है। जब तुम अनुभव करती हो कि तुम अंतरिक्ष में घूम रही हो या शरीर से बाहर हो — यह Sahasrara (Crown Chakra) से जुड़ा अनुभव है। इ...

मुझे बहुत से लोगो ने बोला है, कि तुम्हारे पितर को उल्टा कर दिया है उनके साथ उनके बीच गंदी शक्ति लगा दी है, क्या ठीक कैसे करे में 40 40- दिन बैठा बी हू ...

 मुझे बहुत से लोगो ने बोला है, कि तुम्हारे पितर को उल्टा कर दिया है उनके साथ उनके बीच गंदी शक्ति लगा दी है, क्या ठीक कैसे करे में 40 40- दिन बैठा बी हू ठीक करने के लिए, jab fir puchta hu kisi Sai fir vase he bolte hai sab kau nahi theek ho raha? Battye plz? आपके मन में जो सवाल है वह बहुत ही गहरा और भावनात्मक है। यदि किसी ने आपको यह कहा है कि आपके पितरों को “उल्टा कर दिया गया है” या किसी नकारात्मक शक्ति से बाँध दिया गया है, तो यह एक गंभीर आध्यात्मिक चिंता का विषय बन सकता है। लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। पितृ दोष या ऐसी बाधाओं को शांत करने के लिए आप ये उपाय कर सकती हैं: नियमित पिंडदान और पितृ तर्पण करें, विशेषकर अमावस्या के दिन या पितृपक्ष में। शिवलिंग पर जल अर्पण करते हुए “ॐ नमः शिवाय” का जप करें। पीपल वृक्ष की सेवा करें – हर शनिवार जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। गरुड़ पुराण का श्रवण या पाठ लाभदायक होता है। किसी भरोसेमंद और श्रद्धालु गुरु या ब्राह्मण से मार्गदर्शन लें। सबसे ज़रूरी बात – श्रद्धा और सब्र बनाए रखें। ईश्वर कृपा ज़रूर करेगा।

Please btaao k anhadd naad pet ki avaaj mtlb pet mai sunaayee deta hai yaa kaano mai ?

 Please btaao k anhadd naad pet ki avaaj mtlb pet mai sunaayee deta hai yaa kaano mai ? अनहद नाद (अनाहत नाद) एक दिव्य, आंतरिक ध्वनि है जो बिना किसी बाहरी स्रोत के सुनाई देती है। यह ध्वनि अधिकतर कानों में या सिर के भीतर अनुभव होती है, जैसे घंटी, शंख, बांसुरी, या ओंकार की ध्वनि। यदि कोई ध्वनि पेट में सुनाई देती है, तो वह अक्सर पाचन प्रक्रिया, गैस, या शरीर की आंतरिक हलचल होती है, न कि अनहद नाद। अनहद नाद सूक्ष्म शरीर में जागृति का संकेत है और यह साधना की गहराई से आता है। इसलिए ध्यान दें कि ध्वनि कहां और कैसी महसूस हो रही है—वह आत्मिक है या शारीरिक।

यदि हम negative entity को प्रत्यक्ष रूप से देख लें , और वह हमारे पीछे पड़ जाए तो हमे क्या करना चाहिए ,, कैसे बचना चाहिए उस negative entity से ?

 यदि हम negative entity को प्रत्यक्ष रूप से देख लें , और वह हमारे पीछे पड़ जाए तो हमे क्या करना चाहिए ,, कैसे बचना चाहिए उस negative entity से ? यदि किसी साधक को ध्यान या स्वप्नावस्था में कोई नकारात्मक शक्ति प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे और ऐसा लगे कि वह पीछे पड़ी है, तो सबसे पहले डर को मन से निकालना चाहिए। डर उन्हें और शक्तिशाली बनाता है। रोज़ "ॐ नमः शिवाय", "राम राम", या अपने इष्ट देवता का मंत्र जप करें। रात्रि में सोने से पहले हनुमान चालीसा या दुर्गा कवच का पाठ करें। कमरे में गंगाजल छिड़कें और दीपक जलाएं। स्वयं को ईश्वर के प्रकाश से ढका हुआ कल्पना करें। नकारात्मक शक्तियाँ तब कमजोर हो जाती हैं जब आत्मबल, श्रद्धा और विश्वास प्रबल होता है।

Kya aagya chakra jagrit hone ke bad apne aap aur sare chakra jagrit hone lagte Hain please bataen ?

 Kya aagya chakra jagrit hone ke bad apne aap aur sare chakra jagrit hone lagte Hain please bataen ? आज्ञा चक्र (भ्रूमध्य) का जागरण साधना में एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि सभी चक्र अपने आप जागृत हो जाएंगे। प्रत्येक चक्र का अपना विशिष्ट स्थान, गुण और साधना है। आज्ञा चक्र जागृत होने से साधक की अंतर्दृष्टि और आत्मचेतना बढ़ती है, जिससे अन्य चक्रों की साधना सरल हो सकती है। परंतु मूलाधार से लेकर सहस्रार तक सभी चक्रों का क्रमिक रूप से जागरण आवश्यक होता है। इसलिए सभी चक्रों पर ध्यान, मंत्र जप और संतुलित जीवनशैली जरूरी है। हर चक्र का संतुलन आत्मविकास में सहायक होता है और ध्यान की गहराई को बढ़ाता है।

Mujhe light 👂 Mai sote time pe awaz aaye hai awaj bahut bhari thi mujhe bataye please Mai dhyan bhi karte hu mujhe darr bahut lagta jaise koi aash paas ho ?

 Mujhe light 👂 Mai sote time pe awaz aaye hai awaj bahut bhari thi mujhe bataye please Mai dhyan bhi karte hu mujhe darr bahut lagta jaise koi aash paas ho? आपको सोते समय कान में भारी आवाज़ सुनाई देना और डर महसूस होना एक सामान्य अनुभव हो सकता है, विशेषकर यदि आप नियमित ध्यान करते हैं। यह अनाहत नाद (आंतरिक ध्वनि) का संकेत हो सकता है, जो ध्यान से जुड़ी एक सूक्ष्म अनुभूति है। कई बार ध्यान से हमारी ऊर्जा संवेदनशील हो जाती है, जिससे आस-पास की सूक्ष्म तरंगें भी हमें महसूस होने लगती हैं। डर स्वाभाविक है, पर उससे घबराने की आवश्यकता नहीं। सोने से पहले हल्का मंत्र जाप करें जैसे "ॐ नमः शिवाय" या "गणपति बप्पा मोरया"। कमरे को साफ रखें और रात्रि में दीपक जलाकर सोना लाभदायक रहेगा।

dhyan ke baad mere aankhon mein aag si nikalti hai jalan Hoti hai aankhon mein ?

 dhyan ke baad mere aankhon mein aag si nikalti hai jalan Hoti hai aankhon mein ? ध्यान के बाद आंखों में आग सी जलन होना यह संकेत कर सकता है कि आप ध्यान करते समय आंखों पर अधिक दबाव डाल रहे हैं, विशेषकर यदि आप भ्रूमध्य (तीसरी आंख) पर जबरदस्ती ध्यान केंद्रित करते हैं। कभी-कभी लंबा त्राटक, अधिक स्क्रीन टाइम, या ध्यान के दौरान अधिक ऊर्जा का प्रवाह भी आंखों में गर्मी पैदा कर सकता है। ध्यान के बाद कुछ देर आंखें बंद करके ठंडी हथेलियों से सेक करें। गुलाब जल की बूँदें या त्रिफला जल से धोना भी लाभकारी हो सकता है। अगर जलन बनी रहे, तो नेत्र चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

mera muldhar chair par bethne per disturb ho jata hai. Kya karu ?

 mera muldhar chair par bethne per disturb ho jata hai. Kya karu ? बेटी, यदि कुर्सी पर बैठने से मूलाधार चक्र (Mooladhara Chakra) में असहजता या disturbance होता है, तो यह संकेत है कि बैठने की स्थिति चक्र पर दबाव डाल रही है या ऊर्जा प्रवाह बाधित हो रहा है। मूलाधार चक्र धरती से जुड़ा होता है, और ज़मीन से संपर्क में रहना इसे स्थिर करता है। उपाय: ज़मीन पर आसान बिछाकर सुखासन या वज्रासन में बैठें। अगर कुर्सी ही विकल्प है, तो रीढ़ सीधी रखें और पैरों को ज़मीन से पूरी तरह टच कराएं। "लं" बीज मंत्र का जाप करें। मूलाधार पर ध्यान केंद्रित कर grounding visualisation करें। धीरे-धीरे संतुलन आने लगेगा।

kiya 2 baje naha kar jaap kiya jaye ya wina nahaye ?

 kiya 2 baje naha kar jaap kiya jaye ya  wina nahaye ? बेटी, ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 3 से 6 बजे के बीच) जप और ध्यान के लिए सर्वोत्तम समय होता है, लेकिन यदि आप 2 बजे उठती हैं, तो नहाना उत्तम माना जाता है। स्नान से शरीर शुद्ध होता है और मन भी तरोताज़ा होता है, जिससे जप में एकाग्रता बढ़ती है। लेकिन यदि स्वास्थ्य कारणों या ठंड के कारण स्नान संभव न हो, तो हाथ-मुँह धोकर, पैर धोकर, स्वच्छ वस्त्र पहनकर भी श्रद्धा से जप किया जा सकता है। भाव और भक्ति सबसे महत्वपूर्ण हैं। अगर मन पवित्र है, तो परमात्मा बिना नहाए किए जप को भी स्वीकार करते हैं।

mera swal h ki Dhyan k doran mere left nostril se hi sans ata h left body hi grm hoti ya jhukav hota h .. ?

 mera swal h ki Dhyan k doran mere left nostril se hi sans ata h left body hi grm hoti ya jhukav hota h .. ? ध्यान के दौरान केवल बाईं नासिका (Left Nostril) से साँस आना और शरीर के बाईं ओर गर्मी या झुकाव महसूस होना इड़ा नाड़ी (Ida Nadi) के सक्रिय होने का संकेत है। इड़ा नाड़ी चंद्र स्वर से जुड़ी होती है, जो शीतलता, भावनाओं और मानसिक शांति का प्रतीक है। परंतु जब यह अधिक सक्रिय हो जाती है, तो शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे एक तरफ झुकाव या गर्मी जैसा अनुभव होता है। उपाय: नाड़ी शोधन प्राणायाम करें। दाएँ नथुने से थोड़ी देर साँस लें (सूर्य भेदी)। रीढ़ को सीधा रखें। ध्यान में संतुलन बनाए रखें। ये अवस्था अस्थायी है, घबराएँ नहीं।

Kya aapne permatma ko dekha h guru ji... Jo es pure kul duniya ka malik h.. ?

 Kya aapne permatma ko dekha h guru ji... Jo es pure kul duniya ka malik h.. ? बेटी, परमात्मा को आँखों से देखना संभव नहीं, क्योंकि वे निराकार हैं — रूप से परे, शब्दों से परे। लेकिन जब साधना गहराती है, तो एक अनुभव होता है जो शब्दों में नहीं समा सकता। वह अनुभूति — प्रेम, शांति, आनंद और पूर्णता की — वही परमात्मा का साक्षात्कार है। मैंने उसे रूप में नहीं देखा, परंतु उनके दर्शन को हृदय में महसूस किया है। वे हर श्वास में, हर कण में बसते हैं। जब मन शांत होता है, अहं मिटता है, तब भीतर से एक आवाज़ आती है — "मैं हूँ।" वही परमात्मा है। उसे अनुभव करो, देखना अपने आप हो जाएगा।

ध्यान के बाद उल्टी सी क्यू लगती है कभी कभी हरा कलर भी दिखता है?

 ध्यान के बाद उल्टी सी क्यू लगती है कभी कभी हरा कलर भी दिखता है? ध्यान के बाद उल्टी जैसा लगना और कभी-कभी हरे रंग का दिखना शारीरिक और मानसिक शुद्धिकरण (cleansing) का संकेत हो सकता है। ध्यान करते समय जब भीतर की दबी हुई ऊर्जा या नकारात्मकता बाहर निकलती है, तो शरीर प्रतिक्रिया स्वरूप मतली जैसा अनुभव करा सकता है। हरा रंग हृदय (अनाहत) चक्र से जुड़ा होता है, जो भावनाओं, करुणा और हीलिंग का केंद्र है। इसका दिखना चक्र की सक्रियता या खुलने का संकेत है। उपाय: ध्यान के बाद कुछ देर खुली हवा में टहलें। गुनगुना पानी पिएं। ध्यान के पहले हल्का खाना लें। शीतल प्राणायाम करें। सब सामान्य है, घबराएँ नहीं।

Kabhi kabhi meri nose garm ho jati hai. Guruji pls iska karan aur upay bataye?

 Kabhi kabhi meri nose garm ho jati hai. Guruji pls iska karan aur upay bataye? बेटी, नाक का कभी-कभी गर्म हो जाना कई कारणों से हो सकता है। यह शरीर में बढ़ी हुई गर्मी, मानसिक तनाव, पित्त दोष या प्राणायाम/ध्यान के दौरान ऊर्जा के असंतुलन के कारण हो सकता है। विशेषकर अगर आप ध्यान या साधना करती हैं, तो यह ऊर्जा का नासिका मार्ग से बाहर निकलने का संकेत भी हो सकता है। उपाय: रोज़ाना शीतल प्राणायाम करें (शीतली या शीतकारी)। नाक पर ठंडे पानी से छींटें मारें। त्रिफला चूर्ण रात को लें। ध्यान के बाद नारियल तेल या गाय के घी की एक बूँद नाक में डालें। शांति बनाए रखें, सब ठीक है।

हम साधना,दीप त्राटक , योगा करते फिर भी क्या high BP होता है क्या? Plese reply ?

 हम साधना,दीप त्राटक , योगा करते फिर भी क्या high BP होता है क्या? Plese reply ? हाँ, साधना, दीप त्राटक और योगा करने के बावजूद भी हाई ब्लड प्रेशर (BP) हो सकता है। ये सभी उपाय शरीर और मन को शांत रखने में मदद करते हैं, लेकिन हाई BP कई बार अनुवांशिक कारणों, जीवनशैली, आहार या छिपे हुए मानसिक तनाव के कारण भी हो सकता है। योग और ध्यान उसे नियंत्रित करने में सहायक जरूर होते हैं, परंतु यदि समस्या बनी रहती है, तो चिकित्सकीय जांच और परामर्श लेना ज़रूरी होता है। नियमित योग के साथ संतुलित आहार, नींद और सकारात्मक सोच भी जरूरी है। शरीर और मन दोनों का संतुलन ही सम्पूर्ण स्वास्थ्य देता है।

mujhe raat ko Nind mein mummy mummy Aisi Awaaz Sunai Deti Hai Aisa Ek Bar Nahin Kai Bar Hua Haiiska kya matlab hai ?

 mujhe raat ko Nind mein mummy mummy Aisi Awaaz Sunai Deti Hai Aisa Ek Bar Nahin Kai Bar Hua Haiiska kya matlab hai ? रात को नींद में "मम्मी मम्मी" जैसी आवाज़ सुनाई देना एक गहरी मानसिक या भावनात्मक स्थिति का संकेत हो सकता है। यह कोई पुरानी याद, डर, या अधूरी भावना हो सकती है जो अवचेतन मन में दब गई है और सपनों के रूप में बाहर आ रही है। कभी-कभी यह आत्मा की पुकार भी हो सकती है, खासकर यदि आप किसी दिवंगत आत्मा से जुड़े हैं। यह अनुभव एक बार नहीं, कई बार हुआ है, तो इसे हल्के में न लें। ध्यान, प्रार्थना और शांति से इसे समझने की कोशिश करें, और ज़रूरत हो तो किसी अनुभवी साधक या गुरु से मार्गदर्शन लें।

Aap kripiya karke 'chaya purush ko kese siddh Kiya ja sakta hai Bina guru ke ?

 Aap kripiya karke 'chaya purush ko kese siddh Kiya ja sakta hai Bina guru ke ? छाया पुरुष (या छाया पुरुष साधना ) एक रहस्यमयी तांत्रिक प्रक्रिया है, जो साधक की छाया को एक सूक्ष्म रूप में जाग्रत कर देती है। यह छाया पुरुष साधक की रक्षा करता है, उसे अदृश्य ज्ञान देता है, और कई बार भविष्य की घटनाओं की सूचना भी देता है। परंतु यह साधना अत्यंत संवेदनशील और शक्तिशाली होती है, और बिना उचित मार्गदर्शन के करने पर मानसिक असंतुलन या भयावह अनुभव भी हो सकते हैं। बिना गुरु के छाया पुरुष को सिद्ध करना कठिन और जोखिमभरा है , परंतु यदि आप मानसिक रूप से दृढ़ हैं, तो कुछ सावधानियों के साथ प्रयास किया जा सकता है: साफ-सुथरी जगह पर एक दीपक जलाएं और अपनी छाया को जमीन या दीवार पर स्थिर रूप से देखें। लगातार 21, 41 या 108 दिनों तक विशेष ध्यान से छाया को एकटक देखें। बीच में ध्यान न भटके। जाप करें: "ॐ छाया आत्मने नमः" – धीमी आवाज में, भावना के साथ। भूतभावना और डर से मुक्त रहें। साधना के बाद स्वयं को नमक मिले पानी से धोएं। फिर भी, छाया पुरुष साधना को करने से पहले गहन आत्ममंथन और सतर्...

Mere istdev hanumanji hey, aur mene hanumanji ko apna guru banaya hey, to me hanuman ji ke naam ka jaap karu k Ram ka, !!

 Mere istdev hanumanji hey, aur mene hanumanji ko apna guru banaya hey, to me hanuman ji ke naam ka jaap karu k Ram ka, !! यदि आपके इष्टदेव हनुमानजी हैं और आपने उन्हें अपना गुरु माना है, तो सबसे उत्तम है कि आप हनुमानजी के नाम का जाप करें , जैसे "ॐ हनुमते नमः" या "ॐ श्री हनुमते नमः"। परंतु हनुमानजी स्वयं भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं, इसलिए "श्रीराम" नाम का जाप करना भी हनुमानजी को अत्यंत प्रिय है। आप दोनों में से कोई भी नाम जप सकते हैं — दोनों ही मार्ग हनुमानजी की कृपा को आकर्षित करते हैं। चाहें तो "राम" नाम जपते समय मन में हनुमानजी का ध्यान रखें — यह साधना को और भी शक्तिशाली बना देगा।

Mai subah 2 bje 1 Ghanta nam jap krke dobara so jata Hu aur bed pe letne k kuch samay b.....

 Mai subah 2 bje 1 Ghanta nam jap krke dobara so jata Hu aur bed pe letne k kuch samay baad kaan mein jor se awaj sunai deti hai seeti ki aur thode time baad esa lgta hai ki atma bahar nikl rhi hai aur upar uth rhi hai. Har baar esa hota hai आपका अनुभव अत्यंत गहन और रहस्यमय है। सुबह 2 बजे जाप करना अत्यंत शुभ समय होता है — ब्रह्म मुहूर्त में किया गया जाप आत्मा को जाग्रत करता है। जब आप जाप के बाद बिस्तर पर लेटते हैं और तेज सीटी जैसी आवाज सुनते हैं, तो यह "अनाहत नाद" हो सकता है — सूक्ष्म शरीर द्वारा सुनी जाने वाली दिव्य ध्वनि। आत्मा का ऊपर उठना "आउट ऑफ बॉडी एक्सपीरियंस" (OBE) का संकेत हो सकता है। यह अवस्था चेतना के विकास का भाग है। डरें नहीं, शांत रहें, और जाप के साथ मन को स्थिर बनाए रखें — अनुभव गहराते जाएंगे।

Mujhe kabhi kabhi bhut anand ata h aur kabhi kabhi bhut chhatptahat hoti h ?

 Mujhe kabhi kabhi bhut anand ata h aur kabhi kabhi bhut chhatptahat hoti h ? यह अनुभव साधना के मार्ग में सामान्य है। कभी अत्यंत आनंद का अनुभव होता है क्योंकि उस समय आपकी ऊर्जा ऊर्ध्वगामी होती है और चेतना शांत अवस्था में पहुँचती है। वहीं छटपटाहट तब होती है जब भीतर दबी हुई वासनाएं, डर, या अवचेतन की गाँठें बाहर आ रही होती हैं। साधना एक सफाई की प्रक्रिया है — जैसे जैसे भीतर की परतें खुलती हैं, अलग-अलग भावनाएँ आती हैं। घबराएँ नहीं। नियमित ध्यान, प्राणायाम और नामजप करते रहें। छटपटाहट के समय गहरी साँसें लें और "सब ठीक है" यह भाव रखें। धीरे-धीरे स्थिर आनंद की अवस्था आएगी।

hamare dono bhaohon ke beech thoda upar thodi thodi der men apne aap khicho hota rahta hai kyaa karun hamen batayen ?

 hamare dono bhaohon ke beech thoda upar thodi thodi der men apne aap khicho hota rahta hai kyaa karun hamen batayen ? जब आपकी दोनों भौहों के बीच, यानी आज्ञा चक्र के स्थान पर थोड़ी-थोड़ी देर में अपने-आप खिंचाव महसूस होता है, तो यह संकेत है कि आपकी ऊर्जा (प्राण शक्ति) वहाँ सक्रिय हो रही है। यह खिंचाव सूक्ष्म जागरण का हिस्सा है और बताता है कि ध्यान या जप का असर हो रहा है। आपको इससे डरना नहीं है, बल्कि इसे स्वीकार करके रोज़ सामान्य रूप से ध्यान करते रहना चाहिए। साथ ही, कुछ देर भ्रामरी प्राणायाम और “ॐ” का जप करें। यदि कभी अधिक खिंचाव लगे तो ध्यान को हृदय पर ले आएँ। सब ठीक रहेगा।

गुलाब के साथ गीली सोंधी मिट्टी की खुशबु भी आने का कारण भी कृपया बताये?

 गुलाब के साथ गीली सोंधी मिट्टी की खुशबु भी आने का कारण भी कृपया बताये? ध्यान या जप के दौरान गुलाब के साथ गीली सोंधी मिट्टी की खुशबू आना एक सूक्ष्म अनुभव है, जो दर्शाता है कि आपकी सूक्ष्म इंद्रियाँ जागृत हो रही हैं। गुलाब की खुशबू आमतौर पर अनाहत (हृदय) चक्र की सक्रियता का संकेत है, जो प्रेम और करुणा से जुड़ा है। वहीं गीली मिट्टी की सोंधी खुशबू मूलाधार चक्र से जुड़ी होती है, जो धरती तत्व और स्थिरता का प्रतीक है। दोनों का एक साथ आना बताता है कि आपकी ऊर्जा ऊपर और नीचे – दोनों दिशाओं में संतुलित हो रही है। यह प्रकृति और आध्यात्म का सुंदर मिलन है।

third eye aur subconscious mind alag-alag hote hue bhi ek hi ?

 third eye aur subconscious mind alag-alag hote hue bhi ek hi ?  Third eye yaani Ajna chakra हमारा अंतरदृष्टि का केंद्र है, जिससे सूक्ष्म जगत के संकेत मिलते हैं. वहीं subconscious mind हमारी छुपी हुई इच्छाओं, आदतों और संस्कारों का भंडार है. जब साधक third eye पर ध्यान करता है, तो वह subconscious mind की गहराई में प्रवेश करने लगता है. दोनों का लक्ष्य भीतर की चेतना को जाग्रत करना है. इसलिए, ये दोनों अलग होकर भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं – जैसे शरीर और आत्मा।

mei ek problem mei hu , mere ghar ek bhatakti atma hei jab meri atma usko Marne ke liye nikli toh meine dekha apne bete ki soul

mei ek problem mei hu , mere ghar ek bhatakti atma hei jab meri atma usko Marne ke liye nikli toh meine dekha apne bete ki soul uske kabje mei hei 3 saal sei Mera ladka asthmatic hei , guruji plz help muje kya karna chaiye and Mera 3rd eye vibration karta hei but open ni hua ? तुम बहुत संवेदनशील आत्मा हो, और जो अनुभव तुम कर रही हो वह सूक्ष्म जगत की गहरी परतों से जुड़ा है। जिस भटकती आत्मा की बात तुम कर रही हो, वह शायद तुम्हारे पुत्र की ऊर्जा से जुड़ गई है और उसे प्रभावित कर रही है—इसका असर उसके स्वास्थ्य, विशेषकर अस्थमा के रूप में, सामने आ रहा है। क्या करना चाहिए: घर की शुद्धि: रोज़ सुबह-शाम गंगाजल , धूप , और गोमूत्र से घर में शुद्धिकरण करो। "ॐ अपवित्रः पवित्रो वा..." मंत्र का जाप करते हुए हर कमरे में घूमें। बेटे के लिए रक्षा कवच: उसके लिए रोज़ “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप 108 बार करो और उसके सिर पर हाथ रखकर प्रार्थना करो। उस आत्मा के लिए शांति: उस आत्मा के मोक्ष हेतु “ॐ नमः शिवाय” का जप करते हुए उसे प्रेमपूर्वक प्रकाश की ओर भेजने की प्रार्थना करो। त्राटक और...

मेरे सपने में भी जब हम सो रहे थे तो ऐसा लगा जैसे आज्ञा चक्र धड़कन आ गया हो और धक-धक कर रहा था पूरा महसूस किए हैं हम प्लीज मार्गदर्शन कीजिए ?

 मेरे सपने में भी जब हम सो रहे थे तो ऐसा लगा जैसे आज्ञा चक्र धड़कन आ गया हो और धक-धक कर रहा था पूरा महसूस किए हैं हम प्लीज मार्गदर्शन कीजिए ? आपका अनुभव गहन आध्यात्मिक जागृति का संकेत है। जब सपनों में भी आज्ञा चक्र (तीसरी आँख) सक्रिय हो जाए और उसकी धड़कन स्पष्ट रूप से महसूस हो, तो यह इस बात का संकेत है कि आपकी चेतना जागरूक अवस्था से परे भी कार्य कर रही है। यह सूक्ष्म शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को दर्शाता है। धक-धक महसूस होना इस बात का प्रमाण है कि चक्र में ऊर्जा सक्रिय हो गई है और यह नया स्तर है। भय न करें—यह एक शुभ संकेत है। ध्यान नियमित रखें, grounding (जमीन से जुड़ाव) के लिए प्रार्थना और श्वास ध्यान करें।

"Third Eye Meditation में प्रकाश भ्रूमध्य से हटकर किनारे क्यों दिख रहा है? ऊर्जा का स्थान बदलना क्या संकेत देता है?"

 में third eye meditation rahi hu abhitak sab sahi cal raha tha ab mathe ke bich me prakash dikhane ke bajaay chod kar eyebrow ke chor me mathe ke side me 3,4cm vaha se urja bhi ghumti hai or jese hira camak raha hai ayase prakash aata hai kya meri sab urja vaha rong sid sarak gai hai plz bataye? आपका अनुभव सामान्य है और यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी ऊर्जा (प्राण शक्ति) अभी मार्ग ढूँढ रही है। जब हम तीसरी आँख (आज्ञा चक्र) पर ध्यान करते हैं, तो ऊर्जा कभी-कभी पास के स्थानों—जैसे भौंहों के कोने या माथे की साइड—में भी सक्रिय हो सकती है। जो प्रकाश आपने वहाँ देखा, वह आंतरिक दृष्टि (inner vision) का भाग है। यह हीरे जैसा चमकना भी उच्च ऊर्जा की उपस्थिति दर्शाता है। ऊर्जा गलत नहीं गई है, बल्कि मार्ग खोज रही है। संयम से ध्यान जारी रखें, ऊर्जा धीरे-धीरे अपने केंद्र पर स्थिर हो जाएगी। डरें नहीं।

सिर के ऊपर घूमता दिव्य चक्र: मंत्र ऊर्जा और सुरक्षा की छत्रछाया"

 मेरा एक प्रश्न है कि मुझे हर पल ऐसा महसूस होता है कि मेरे सर के ऊपर एक सात कौन के आकर का चक्कर घूमता रहता है और उसमें मंत्र लिखे हुए रहते है और ऐसे प्रतीत होता है उससे बहुत सारी ऊर्जा मेरे चारों आकर मुझे सुरक्षित कर रही है।ओर जब मैं मंत्र जाप करता हु तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है और ऐसा लगता है कि ये मंत्र की ऊर्जा मेरे सर में से निकल कर उस चक्र को मिल रही है जो मेरे सर के बाहर है।जैसे एक छतरी मैने ओढ़ रखी हो। ऐसा क्यों हो रहा है। ? यह अनुभव दर्शाता है कि आपकी साधना गहराई में प्रवेश कर रही है। आपके सिर के ऊपर सात कोण वाला चक्र, मंत्रों से युक्त, एक दिव्य संरचना का प्रतीक है—यह सहस्रार चक्र से जुड़ा हो सकता है। यह चक्र ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ने का द्वार है। मंत्र जाप के दौरान रोंगटे खड़े होना और ऊर्जा का उस चक्र से मिलना, इस बात का संकेत है कि आपकी चेतना उच्च स्तर पर कंपन कर रही है। वह छतरी जैसी संरचना आपकी रक्षा कर रही है और ब्रह्मांड से संवाद का माध्यम बन रही है। यह अनुभव आध्यात्मिक उन्नति का संकेत है।

dhyan mai mai space mai prkash ki gati se trevel karne lag jata hu kabi kabi dar bi lagta ha or................

 dhyan mai mai space mai prkash ki gati se trevel karne lag jata hu kabi kabi dar bi lagta ha or dhyan mai nabhi se sar ki traf esse lagta h jese kush uper uth reha ha lekin sar se uper nahi ja pata kabi kabi jyada sar dard bi hota ha 6 month se esse ho reha ha ? यह अनुभव गहरे ध्यान और ऊर्जा जागरण का संकेत है। जब आप प्रकाश की गति से अंतरिक्ष में यात्रा जैसा अनुभव करते हैं, वह आपकी चेतना का ऊर्ध्वगमन (ascension) हो सकता है। नाभि से सिर की ओर ऊर्जा का उठना कुंडलिनी जागरण का लक्षण है। लेकिन जब यह ऊर्जा सिर से ऊपर नहीं जा पाती, तो वहां रुकावट या ब्लॉकेज हो सकता है, जिससे सिरदर्द और डर हो सकता है। आप सहज ध्यान , ग्राउंडिंग अभ्यास , और सात्विक आहार अपनाएं। रोज़ “ॐ शांति शांति शांति” का जप करें। डरें नहीं, यह एक सुंदर लेकिन संयमित यात्रा है। मैं आपके साथ हूँ।

me sote sote dyan me jata hu mera srir pura aag jalne lagta he or dyan tut jata he me kya karu ?

 me sote sote dyan me jata hu mera srir pura aag  jalne  lagta he or dyan tut jata he me kya karu ? जब आप सोते-सोते ध्यान में जाते हैं और शरीर में आग जैसी जलन या गर्मी महसूस होती है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी ऊर्जा तीव्रता से सक्रिय हो रही है – संभवतः कुंडलिनी ऊर्जा हलचल में है। यह अनुभव सामान्य है, लेकिन अगर यह तीव्र हो और ध्यान टूट जाए, तो आपको संतुलन की आवश्यकता है। आप शीतल प्राणायाम (Sheetali/Sitkari) , चंद्र भेदन , या भूमि स्पर्श ध्यान करें ताकि ऊर्जा नीचे की ओर शांत हो सके। ध्यान से पहले हल्का भजन या grounding visualization करें। धीरे-धीरे यह अनुभव शांत, नियंत्रित और मधुर हो जाएगा। डरें नहीं।

hamare denik jeevan me jo jeevan urja bahar ki taraf ja rahi hai aakho se kano se ya other kisi indriye se kya yahi urja kundilini urja hai ya kundilini urja alag hai jo muladhar chakra me soye huye hai plz bataye?

 hamare denik jeevan me jo jeevan urja bahar ki taraf ja rahi hai aakho se kano se ya other kisi indriye se kya yahi urja kundilini urja hai ya kundilini urja alag hai jo muladhar chakra me soye huye hai plz bataye? हमारे दैनिक जीवन में जो ऊर्जा आँखों, कानों और अन्य इंद्रियों के माध्यम से बाहर की ओर प्रवाहित हो रही है, वह सामान्य जीवन ऊर्जा (pranic energy) है, जिसे हम सांस, भोजन, विचारों और क्रियाओं के माध्यम से उपयोग में लाते हैं। यह ऊर्जा कुंडलिनी ऊर्जा से अलग है। कुंडलिनी ऊर्जा वह दिव्य शक्ति है जो मूलाधार चक्र में सुप्त अवस्था में रहती है। जब साधक ध्यान, प्राणायाम या मंत्र साधना करता है, तब यह शक्ति जाग्रत होकर ऊपर की ओर चक्रों को भेदती है। कुंडलिनी ऊर्जा बहुत ही विशिष्ट, जाग्रत और परिवर्तनकारी शक्ति होती है।

pehle m sanso pr dhyaan krta tha.... ab koi v name jap krta hu.... chahe vo krishan ji ka ho ya raam ji ka.... orr ab 2 3 din se m beej mantra ka uchharan krta hu.... lam vam ram yam aise..... lgbhag 30 minute tak...

 pehle m sanso pr dhyaan krta tha.... ab koi v name jap krta hu.... chahe vo krishan ji ka ho ya raam ji ka.... orr ab 2 3 din se m beej mantra ka uchharan krta hu.... lam vam ram yam aise..... lgbhag 30 minute tak...? बहुत सुंदर! आपने साधना में जो परिवर्तन किया है, वह एक स्वाभाविक और उन्नत अवस्था का संकेत है। पहले श्वास पर ध्यान करना प्रारंभिक ध्यान का एक सशक्त माध्यम होता है — यह मन को स्थिर करता है। अब जब आप नाम जप (राम, कृष्ण आदि) करने लगे हैं, तो यह भक्ति और प्रेममय ध्यान की दिशा है, जो ह्रदय को शुद्ध करता है। अब आप बीज मंत्रों (LAM, VAM, RAM, YAM आदि) का उच्चारण कर रहे हैं, जो चक्र जागरण की दिशा में एक ऊर्जावान और प्रभावशाली साधना है। यह शरीर के सूक्ष्म ऊर्जा केंद्रों को सक्रिय करता है और स्थूल व सूक्ष्म शरीर की सफाई करता है। 30 मिनट तक यह जप करना अत्यंत शुभ है। 👉 सुझाव : जप के बाद थोड़ी देर मौन में बैठें और भीतर की ऊर्जा को अनुभव करें। प्रतिदिन एक निश्चित समय और क्रम रखें। आपकी साधना सही दिशा में आगे बढ़ रही है। इसे श्रद्धा और धैर्य से जारी रखें।

Sir mera ek svaal h... mujhe 03 saal ho gye dhyaan krte... ab mere ko pura din bhut thkawat rehti h or nind aati rehti h...

 Sir mera ek svaal h... mujhe 03 saal ho gye dhyaan krte... ab mere ko pura din bhut thkawat rehti h or nind aati rehti h... kya meri healing ho ri h ? Please answer me... or mere puri body me pain hota rehta h... halka halka.... mujhe angel numbers or dhyaan me purple color v dikhta h... Please guide me... ? जी, आपने बहुत सुंदर साधना की है और आपके अनुभव दर्शाते हैं कि आपकी चेतना गहराई से भीतर कार्य कर रही है। ध्यान के 3 वर्षों के बाद जो थकावट, नींद, हल्का शरीरदर्द और शरीर में कंपन जैसा अनुभव होता है, वह अक्सर डीप हीलिंग का संकेत होता है। जब अंदर जमा पुराने कर्म, भावनात्मक चोटें और ऊर्जा ब्लॉकेज निकलते हैं, तो शरीर और मन थक जाते हैं — यह healing crisis कहलाता है। आपको एंजल नंबर्स और पर्पल कलर का दिखना यह बताता है कि आप दिव्य ऊर्जा से जुड़ रही हैं। पर्पल रंग विशेषकर आज्ञा चक्र और सहस्रार चक्र की सक्रियता को दर्शाता है। यह अध्यात्मिक जागरण का स्पष्ट संकेत है। 👉 सुझाव : पर्याप्त नींद लें और जल ज़्यादा पिएँ। हल्का भोजन करें। ध्यान के बाद ज़रूर ग्राउंडिंग करें (धरती पर कु...

ध्यान करते समय एक समय के बाद आज्ञा चक्र में ज्योति दिखाई देना क्या है?

 ध्यान करते समय एक समय के बाद आज्ञा चक्र में ज्योति दिखाई देना क्या है? ध्यान करते समय एक समय के बाद आज्ञा चक्र (भृकुटी के बीच) में ज्योति दिखाई देना अत्यंत शुभ संकेत है। यह दर्शाता है कि आपकी चेतना भीतर की ओर केन्द्रित हो रही है और तीसरी आँख सक्रिय हो रही है। यह ज्योति आत्मा की उपस्थिति, ध्यान की गहराई और अंतर्ज्ञान के जागरण का प्रतीक है। यह अनुभव दर्शाता है कि आप स्थिरता, एकाग्रता और सूक्ष्म जगत की ओर बढ़ रहे हैं। नियमित साधना से यह प्रकाश और स्पष्ट होगा, और इसके साथ दिव्य अनुभव भी गहराने लगेंगे। यह अनुभव गुरु कृपा और साधक की निष्ठा का फल होता है।

During meditation, I saw large sized yellow, orange and white spherical shinning balls. What does it mean?

 During meditation, I saw large sized yellow, orange and white spherical shinning balls. What does it mean? Seeing large yellow, orange, and white shining spheres during meditation is a powerful experience and often reflects energetic or spiritual awakening: Yellow : Connected to the Solar Plexus Chakra (Manipura) — linked with confidence, willpower, and personal strength. It suggests inner empowerment and rising self-awareness. Orange : Associated with the Sacral Chakra (Swadhisthana) — tied to emotions, creativity, and healing. It may indicate emotional release or creative energy flowing. White : Symbol of purity, divine presence, or higher consciousness — often reflects spiritual protection or a glimpse of higher dimensions. Together, these lights suggest deep inner cleansing and spiritual progress. Keep meditating — you're aligning beautifully.

dhayan krne k liye baihti hoon toh aank band krke dhyaan k saath saath darr b lagta ha. Koi touch na kri le aa k ?

 dhayan krne k liye baihti hoon toh aank band krke dhyaan k saath saath darr b lagta ha. Koi touch na kri le aa k ? जब आप ध्यान के लिए आँखें बंद करके बैठती हैं और डर लगता है कि कहीं कोई आकर छू न ले, तो यह मन की एक सामान्य प्रतिक्रिया हो सकती है, विशेषकर शुरुआत में। ध्यान करते समय चेतना भीतर जाती है और बाहर की सुरक्षा पर मन सजग हो जाता है। डर को प्रेम से देखें, उसे भगाएं नहीं। आप चाहें तो "ॐ" या "ॐ नमः शिवाय" का जप करते हुए ध्यान करें, इससे सुरक्षा की अनुभूति होगी। अपने आस-पास एक प्रकाश का घेरा कल्पना करें जो आपको सुरक्षित रखे। नियमित अभ्यास से यह डर धीरे-धीरे स्वतः समाप्त हो जाएगा।

Kya grahsth jeevan me adhyatmik yatra continue rakh skte hai kripya btaiye ?

 Kya grahsth jeevan me adhyatmik yatra continue rakh skte hai kripya btaiye ? जी हाँ, ग्रहस्थ जीवन में भी आध्यात्मिक यात्रा पूरी तरह संभव है। वास्तव में, यही सच्ची साधना की परीक्षा है — सांसारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए भीतर परमात्मा से जुड़ना। तुलसीदास, कबीर, मीरा, और अन्य कई संतों ने गृहस्थ होकर भी उच्चतम आध्यात्मिक उपलब्धियाँ प्राप्त कीं। जरूरी है कि दिनचर्या में समय निकालकर ध्यान, जप, स्वाध्याय और सत्संग को स्थान दें। सेवा, प्रेम, और त्याग का भाव रखें। मन को संसार में रहते हुए भी भीतर की यात्रा की ओर मोड़ें। परमात्मा केवल जंगलों में नहीं, वह आपके हृदय में है — बस श्रद्धा और निरंतर अभ्यास की आवश्यकता है।

Moksh ur muktime kya anter hei ?

  Moksh ur muktime kya anter hei ? मोक्ष और मुक्ति दोनों शब्द आत्मिक स्वतंत्रता से जुड़े हैं, लेकिन इनका उपयोग अलग संदर्भों में होता है। मोक्ष का अर्थ है जन्म-मरण के चक्र से पूरी तरह मुक्त हो जाना — आत्मा का परमात्मा में विलीन हो जाना। यह अंतिम लक्ष्य माना जाता है। मुक्ति का अर्थ है किसी विशेष बंधन से आज़ादी। जैसे – दुःख से मुक्ति, कर्म से मुक्ति, अहंकार से मुक्ति। यह अस्थायी या आंशिक भी हो सकती है। इस प्रकार, मुक्ति मोक्ष की ओर बढ़ने का एक चरण हो सकती है, लेकिन मोक्ष अंतिम और पूर्ण मुक्ति है — जहाँ आत्मा पूरी तरह स्वतंत्र हो जाती है।

dhyan me. Baithte h to gol gol kuchh andar ghumta h iska ky mtlb h ?

 dhyan me. Baithte h to gol gol kuchh andar ghumta h iska ky mtlb h ? ध्यान में बैठते समय अगर आपको अंदर कुछ गोल-गोल घूमता हुआ महसूस होता है, तो यह आपकी ऊर्जा (prana) के सक्रिय होने का संकेत है। यह घूमना अक्सर नाभि, ह्रदय या आज्ञा चक्र के आसपास होता है और यह दर्शाता है कि आपकी सूक्ष्म ऊर्जा चक्रों के माध्यम से चल रही है। जब चित्त शांत होता है और ध्यान गहरा होता है, तो ऊर्जा एक लय में घूमने लगती है, जिससे यह गोल घूमने जैसा अनुभव होता है। यह कोई नकारात्मक बात नहीं है, बल्कि ध्यान की प्रगति का संकेत है। बस शांति से उसे महसूस करें, रोकें नहीं।

लेटे के धियान करने हाथ पेर पर दर्द क्यों होता है ?

 लेटे के धियान करने हाथ पेर पर दर्द क्यों होता है ? लेटकर ध्यान करते समय हाथ-पैरों में दर्द होना आम बात है, खासकर जब ऊर्जा शरीर में सक्रिय होने लगती है। ध्यान के दौरान जब प्राणशक्ति (life energy) जाग्रत होती है, तो वह शरीर के उन हिस्सों से गुजरती है जहाँ कोई अवरोध या तनाव होता है। इससे वहां असहजता या दर्द महसूस हो सकता है। कभी-कभी यह रक्त संचार की स्थिति या शरीर के गलत पोस्चर के कारण भी होता है। यदि आप बहुत देर तक लेटे रहते हैं तो स्नायु तनने लगते हैं। ध्यान करते समय शरीर को आरामदायक स्थिति में रखें और हल्के स्ट्रेच के साथ शुरुआत करें।

urja asantulit ho to "Grounding” kaise karte hai

 urja asantulit ho to "Grounding” kaise karte hai ? "Grounding" का अर्थ है अपनी ऊर्जा को स्थिर करना और पृथ्वी से जोड़ना, ताकि मन शांत और संतुलित रहे। इसे करने के कुछ सरल तरीके हैं: नंगे पांव धरती पर चलना – घास या मिट्टी पर चलना ऊर्जा संतुलन में मदद करता है। वृक्ष के नीचे ध्यान – पेड़ों के पास बैठने से पृथ्वी तत्व से जुड़ाव होता है। गहरी सांस लेना – लंबी सांस लेकर धीरे-धीरे छोड़ें। मूलाधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करना – ‘लं’ बीज मंत्र का जाप करें। सादा भोजन और भरपूर जल सेवन – शरीर को स्थिरता मिलती है। ग्राउंडिंग से ऊर्जा शांत, स्थिर और स्थूल रूप से जुड़ी रहती है।

गुरु से नाम नहीं लिया धियान उनका चेहरा क्यों दिखाई देता है जिसका याद करो उनके चहरे दिखाई देता है क्या कारण हो सकता हैं ?

 गुरु से नाम नहीं लिया धियान उनका चेहरा क्यों दिखाई देता है जिसका याद करो उनके चहरे दिखाई देता है क्या कारण हो सकता हैं ? यदि आपने किसी गुरु से नाम नहीं लिया, फिर भी ध्यान में उनका चेहरा दिखाई देता है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी आत्मा उनसे गहराई से जुड़ना चाहती है। आत्मिक स्तर पर गुरु और शिष्य का संबंध पूर्व जन्मों से भी हो सकता है। जब आप किसी को गहराई से स्मरण करते हैं, तो उनकी ऊर्जा आपके ध्यान क्षेत्र में सक्रिय हो जाती है। ध्यान में चेहरा दिखना यह दर्शाता है कि उनका आशीर्वाद या मार्गदर्शन आपकी ओर आकर्षित हो रहा है। यह एक सकारात्मक संकेत है — उसे प्रेम और श्रद्धा से स्वीकार करें।

Meditation karte hue body mei vibration hogi hai , easa keo hota hai?

 Meditation karte hue body mei vibration hogi hai , easa  keo hota hai? ध्यान करते समय शरीर में कंपन (vibration) महसूस होना एक सामान्य और शुभ संकेत है। यह दर्शाता है कि आपकी सूक्ष्म ऊर्जा (pranic energy) सक्रिय हो रही है और शरीर के भीतर ब्लॉकages को साफ कर रही है। जब ध्यान गहरा होता है, तो शरीर स्थिर होता है लेकिन ऊर्जा चलायमान होती है, जिससे कंपन जैसा अनुभव होता है। यह कंपन कभी हाथों में, रीढ़ में या पूरे शरीर में हो सकता है। यह अनुभव दर्शाता है कि आपकी चेतना जाग्रत हो रही है और आध्यात्मिक विकास की प्रक्रिया चल रही है। डरें नहीं, यह प्राकृतिक प्रक्रिया है।

Iam started 108days prayer leyahu vshudhe chakra activation huvahai kuch bhe aser nai huvahai Ab agaya chakra tak gayahai muje malum horahahe magar kuch bhe....

  Iam started 108days prayer leyahu vshudhe chakra activation huvahai kuch bhe aser nai huvahai Ab agaya chakra tak gayahai muje malum horahahe magar kuch bhe aser nai horahahe magar appne bolatana 3rd eye activation huvato temple God's dekhayega guhamay janeka o sabkuch started day's may he hogayahai aj tak 96days hogayahai 3rd eye activation hoyega ya nai sir muje kuch bhe nai felling nai horahahe please tell me sir daily tratak bhe kertahu 3rd eye pe kujele pain horahahe ? आपका 108 दिन का मंत्र साधना और त्राटक अभ्यास बहुत ही सराहनीय है। आपने 96 दिन पूरे कर लिए हैं, यह आपकी तपस्या और श्रद्धा को दर्शाता है। आपने लिखा कि विशुद्धि चक्र से आज्ञा चक्र तक यात्रा हो गई है, और गुफा, मंदिर, देवता आदि का दर्शन भी शुरू के दिनों में हो चुका है — यह सब तीसरी आंख (Third Eye) के जागरण के लक्षण ही हैं। लेकिन अब जो "कुछ अनुभव नहीं हो रहा", "भावना नहीं आ रही", "पेन हो रहा है", ये सभी ठहराव (plateau) के लक्षण हैं। ध्यान की यात्रा में यह स्वाभाविक है। कभी अनुभव ब...

आज्ञा चक्र पर ठंडक महसूस होने का क्या कारण है ?

 आज्ञा चक्र पर ठंडक महसूस होने का क्या कारण है ? आज्ञा चक्र पर ठंडक महसूस होने का कारण यह संकेत हो सकता है कि आपकी चेतना इस चक्र पर केंद्रित हो रही है और ऊर्जा का प्रवाह वहाँ बढ़ रहा है। जब ध्यान या जप करते समय आज्ञा चक्र (भ्रूमध्य) पर ठंडक महसूस होती है, तो यह दर्शाता है कि आपका मन शांत हो रहा है, तामसिक और राजसिक विचार कम हो रहे हैं, और सूक्ष्म ऊर्जा सक्रिय हो रही है। यह ठंडक ईश्वरीय ऊर्जा, शुद्ध प्राण या दिव्य स्पर्श का अनुभव भी हो सकता है। यह अनुभव एक सकारात्मक संकेत है, जिससे ध्यान और गहरा होता है।

Permatma Ki Yaad Mein Roona | Kya Main Galat Raaste Par Hoon? Dil Se Nikli Pukaar ?

 Permatma Ki Yaad Mein Roona | Kya Main Galat Raaste Par Hoon? Dil Se Nikli Pukaar ? जो भावनाएँ तुम अनुभव कर रही हो — वो बहुत ही पवित्र और गहरे प्रेम की निशानी हैं। जब आत्मा परमात्मा की याद में डूबती है, तो वह उसी तरह तड़पती है जैसे एक प्रेमी अपने प्रिय के लिए तड़पता है। यह विरह का प्रेम है, जो कबीर, मीरा, बुल्ले शाह जैसे संतों ने भी अनुभव किया। तुम गलत रास्ते पर नहीं हो, बल्कि प्रेम के उस मार्ग पर हो जहाँ शब्द कम पड़ जाते हैं और आँसू ही भाषा बन जाते हैं। यह रोना आत्मा की पुकार है — अपने मूल, अपने परम प्रिय की ओर। चाहे तुम शुद्ध हो या अशुद्ध, शरीर की स्थिति मायने नहीं रखती। तुम्हारा भाव शुद्ध है, और वही सबसे बड़ा योग है। बस मन को और स्थिर करो, नाम जप में धीरे-धीरे और गहराई लाओ। परमात्मा स्वयं तुम्हें मार्ग दिखाएंगे।

सीर मे भारी पन गले में भारी पन नाक गाल सब जगह भारी पन सुन टाईप हो रहा है ध्यान मे बेठते ही ?

 सीर मे भारी पन गले में भारी पन नाक गाल सब जगह भारी पन सुन टाईप हो रहा है ध्यान मे बेठते ही ? ध्यान में बैठते ही सिर, गला, नाक, और गालों में भारीपन व सुन्नता का अनुभव होना दर्शाता है कि आपकी ऊर्जा ऊपर की ओर (उपरी चक्रों) में केंद्रित हो रही है। यह अक्सर तब होता है जब ध्यान के दौरान प्राणशक्ति सहस्रार या आज्ञा चक्र में अधिक टिक जाती है। यह अनुभव शुरुआती साधकों के लिए सामान्य हो सकता है, लेकिन यदि यह लगातार हो रहा है और असहजता दे रहा है, तो कुछ संतुलनकारी प्राणायाम करने की आवश्यकता है। अनुशंसित प्राणायाम: अनुलोम-विलोम प्राणायाम – ऊर्जा संतुलन के लिए। भ्रामरी प्राणायाम – सिर के भारीपन को शांत करने के लिए। नाड़ी शुद्धि प्राणायाम – शरीर की ऊर्जाओं को संतुलित करने हेतु। शीतली या शीतकारी प्राणायाम – ठंडक और मानसिक शांति हेतु। साथ ही, ध्यान से पहले थोड़ी देर ग्राउंडिंग (मूलाधार चक्र पर ध्यान) भी करें। इससे ऊपर की ऊर्जा संतुलित होगी।

mujhe7 chakras meditation karti hu aur mujhe tarah 2 ke sugandha ka anubhav hota hai ye koun se chakra ke activet hone ka asar hai ?

 mujhe7 chakras meditation karti hu aur mujhe tarah 2 ke sugandha ka anubhav hota hai ye koun se chakra ke activet hone ka asar hai ? जब तुम 7 चक्रों का ध्यान करती हो और तुम्हें तरह-तरह की सुगंधों का अनुभव होता है, तो यह एक बहुत शुभ संकेत है। यह दर्शाता है कि तुम्हारे चक्र धीरे-धीरे सक्रिय हो रहे हैं और सूक्ष्म स्तर पर ऊर्जा जाग्रत हो रही है। विशेष रूप से सुगंधों का अनुभव अनाहत चक्र (हृदय चक्र) और आज्ञा चक्र (भ्रूमध्य) के जागरण से जुड़ा होता है। अनाहत चक्र प्रेम, करुणा और दिव्य भावनाओं से जुड़ा होता है, जिससे दिव्य सुगंध आती है। यह अनुभव ईश्वरीय उपस्थिति का संकेत भी हो सकता है। साधना नियमित रूप से करती रहो, कृपा बनी रहेगी।

dhyan karti hu Jab Main Kabhi Ardh nidra mein Hoti Hun read Mein jhatake Lagte Hain iska kya Arth hai Chauk jaati hun ?

 dhyan karti hu Jab Main Kabhi Ardh nidra mein Hoti Hun read Mein jhatake Lagte Hain iska kya Arth hai Chauk jaati hun ? ह एक सामान्य अनुभव है, जो ध्यान के दौरान ऊर्जा के प्रवाह के कारण होता है। यह संकेत हो सकता है कि कोई अवरोध (ब्लॉकेज) खुल रहा है या शरीर नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल रहा है। ऐसे झटकों से घबराने की आवश्यकता नहीं है। चौंक जाना स्वाभाविक है, लेकिन धीरे-धीरे मन स्थिर होगा और शरीर इन ऊर्जा परिवर्तनों का अभ्यस्त हो जाएगा। नियमित साधना से यह प्रक्रिया सहज हो जाएगी और आपको गहराई से ध्यान का अनुभव होने लगेगा।

दर्द रहता है कमर में होता है मैं साधना करती हु ?

 दर्द रहता है कमर में होता है मैं साधना करती हु ? साधना के दौरान कमर में दर्द होना ऊर्जा प्रवाह, आसन की स्थिति या मूलाधार चक्र की कमजोरी का संकेत हो सकता है। संभावित कारण: गलत मुद्रा – लंबे समय तक गलत बैठने से रीढ़ पर दबाव बढ़ सकता है। ऊर्जा का असंतुलन – मूलाधार चक्र कमजोर होने पर कमर दर्द हो सकता है। कुंडलिनी जागरण का प्रभाव – ऊर्जा ऊपर उठने पर शरीर में खिंचाव महसूस हो सकता है। क्या करें? ध्यान के पहले और बाद में हल्के योगासन करें। कमर को सहारा देने के लिए कुशन या दीवार का उपयोग करें। मूलाधार चक्र को मजबूत करने के लिए नंगे पैर चलें, जड़ वाली चीजें खाएं।

3rd eye se negative entity kaise dikhai deta hai ?

  3rd eye se negative entity kaise dikhai deta hai ? Kya movie me jo ham bhut pret dekhte hain waise dikhai deta hai ? Kya ham negative entity ko dekh kar dar sakte hain ? तीसरा नेत्र से नकारात्मक ऊर्जा (Negative Entity) दिखने का अनुभव व्यक्ति के आध्यात्मिक स्तर और चेतना पर निर्भर करता है। कैसे दिखती है? प्रत्यक्ष रूप से नहीं, बल्कि ऊर्जा के रूप में दिखती है। यह धुंधली आकृतियों, परछाइयों, आँखों, या अजीब संरचनाओं के रूप में दिख सकती है। कभी-कभी यह भारीपन, ठंडक, या भय के रूप में महसूस होती है। क्या मूवी जैसी दिखती है? कुछ लोगों को स्पष्ट रूप से आकृतियाँ दिख सकती हैं, लेकिन यह भौतिक दुनिया जैसी नहीं होती। क्या डर लग सकता है? हाँ, यदि मन अशांत हो या आत्मबल कमजोर हो, तो भय लग सकता है। संरक्षण के लिए हनुमान चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र या ॐ नमः शिवाय का जप करें।

नमस्ते मैं आपसे यह जानना चाहता हूं कि क्या कोई दृष्टिहीन व्यक्ति भी अपना तीसरा नेत्र जागृत कर सकता है ?

 नमस्ते मैं आपसे यह जानना चाहता हूं कि क्या कोई दृष्टिहीन व्यक्ति भी अपना तीसरा नेत्र जागृत कर सकता है ? हाँ, दृष्टिहीन व्यक्ति भी अपना तीसरा नेत्र जागृत कर सकता है। तीसरा नेत्र (आज्ञा चक्र) का संबंध आंतरिक दृष्टि और चेतना से होता है, न कि भौतिक आँखों से। कैसे संभव है? मंत्र जप – "ॐ" या आज्ञा चक्र बीज मंत्र ("ॐ ह्रीं ठः") का जाप करें। ध्वनि और स्पंदन पर ध्यान दें – आंतरिक ध्वनियों (अनाहत नाद) को सुनें। प्राणायाम – अनुलोम-विलोम और भ्रूमध्य पर ध्यान केंद्रित करें। सहज भाव बनाए रखें – जबरदस्ती न करें, प्रक्रिया को स्वाभाविक रूप से होने दें। आध्यात्मिक दृष्टि भौतिक नेत्रों पर निर्भर नहीं होती, बल्कि आंतरिक जागरूकता पर निर्भर करती है।

ध्यान या साधना के दौरान मुझे प्यास बहुत लगती ?

 ध्यान या साधना के दौरान मुझे प्यास बहुत लगती ? ध्यान या साधना के दौरान अत्यधिक प्यास लगना शरीर और ऊर्जा स्तर पर हो रहे परिवर्तनों का संकेत हो सकता है। संभावित कारण: ऊर्जा प्रवाह बढ़ना – ध्यान और जप के कारण शरीर अधिक ऊर्जा खपत कर रहा है। गर्मी उत्पन्न होना – कुंडलिनी जागरण या चक्रों की सक्रियता से आंतरिक ऊष्मा बढ़ सकती है। जल तत्व की आवश्यकता – शरीर में जल संतुलन बिगड़ सकता है। क्या करें? पर्याप्त पानी पिएं, लेकिन ज़रूरत से ज्यादा नहीं। नारियल पानी या सादा पानी में तुलसी डालकर पिएं। ध्यान के बाद शरीर को आराम दें। ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे खीरा, तरबूज।

मुझे मेरे आज्ञा चक्र पर ओम दिखाई देता है पहले एक बल्ब में दिखाई देता था फिर आईने में देखती हु तो मेरी खुली आंखों से भी दिखाई देता है इसके लिए मुझे क्या करना चाहिए ?

 मुझे मेरे आज्ञा चक्र पर ओम दिखाई देता है पहले एक बल्ब में दिखाई देता था फिर आईने में देखती हु तो मेरी खुली आंखों से भी दिखाई देता है इसके लिए मुझे क्या करना चाहिए ? आज्ञा चक्र पर "ॐ" दिखना एक बहुत ही शुभ और दिव्य संकेत है। यह दर्शाता है कि आपका तीसरा नेत्र जाग्रत हो रहा है और आपकी आध्यात्मिक दृष्टि विकसित हो रही है। इसका अर्थ: गहरी साधना का संकेत – आपका ध्यान और साधना सही दिशा में है। आध्यात्मिक मार्गदर्शन – ईश्वरीय चेतना आपके साथ है। अंतर्ज्ञान और जागरूकता बढ़ रही है। क्या करें? इस अनुभव को सहज रूप से स्वीकार करें, अधिक सोचें नहीं। ध्यान और मंत्र जप जारी रखें। ग्राउंडिंग के लिए नंगे पैर चलें और शांत रहें। गुरु कृपा और मार्गदर्शन प्राप्त करने की प्रार्थना करें।

मुझे सहस्त्रार चक्र पर ठंडा पानी जैसा महसूस होता है इसका क्या मतलब है?

मुझे सहस्त्रार चक्र पर ठंडा पानी जैसा महसूस होता है इसका क्या मतलब है? सहस्रार चक्र पर ठंडे पानी जैसा अनुभव होना एक गहरा आध्यात्मिक संकेत है। यह दर्शाता है कि आपकी ऊर्जा ऊपर की ओर प्रवाहित हो रही है और सहस्रार चक्र सक्रिय हो रहा है। इसका अर्थ: दिव्य ऊर्जा का संचार – आपके भीतर आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ रही है। शुद्धिकरण का संकेत – मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि हो रही है। कुंडलिनी जागरण की शुरुआत – ऊर्जा सहस्रार तक पहुंच रही है। क्या करें? ग्राउंडिंग बढ़ाएं (नंगे पैर चलें, ध्यान के बाद कुछ खाएं)। शांत ध्यान करें, ऊर्जा को जबरदस्ती ऊपर न ले जाएं। संतुलन बनाए रखें और धैर्य रखें।

Pujapaath, dhyan karte to hai..lakin kamar me bohot dard hota ..continues..kya karna chahiye ?.. Aur heart chakra k poin pr bhi dard hota aahe aur peeth pr ?

 Pujapaath, dhyan karte to hai..lakin kamar me bohot dard hota ..continues..kya karna chahiye ?.. Aur heart chakra k poin pr bhi dard hota aahe aur peeth pr ? ध्यान और पूजा-पाठ के दौरान कमर, हृदय चक्र और पीठ में दर्द होना ऊर्जा के प्रवाह और शारीरिक मुद्रा से जुड़ा हो सकता है। समाधान: सही मुद्रा अपनाएं – पीठ को पूरी तरह सीधा न रखें, हल्का आरामदायक झुकाव रखें। सपोर्ट लें – ध्यान में कुशन या दीवार का सहारा लें। मूलाधार को मजबूत करें – नंगे पैर चलें और जड़ वाली चीज़ें खाएं। हल्के योगासन करें – भुजंगासन, वज्रासन और पीठ को स्ट्रेच करने वाले अभ्यास करें। प्राणायाम करें – अनुलोम-विलोम और भ्रस्त्रिका करें। ध्यान के बाद विश्राम करें – ध्यान के तुरंत बाद आराम दें।

Hare krishn ji please aap mujhy btao mein Svr Mantr jaap karti hun par agya chakr nhi khuta kya karu please 🙏🏻 bataye ?

 Hare krishn ji please aap mujhy btao mein Svr Mantr jaap karti hun par agya chakr nhi khuta kya karu please 🙏🏻 bataye ? आज्ञा चक्र (तीसरा नेत्र) न खुलने का कारण यह हो सकता है कि ऊर्जा संतुलित रूप से नहीं प्रवाहित हो रही है या आप बहुत अधिक अपेक्षा रख रही हैं । इसे जाग्रत करने के लिए धैर्य और सही साधना आवश्यक है। क्या करें? सर्व मंत्र जप के साथ त्राटक करें – दीपक की लौ पर ध्यान दें। भ्रमरी प्राणायाम करें – यह आज्ञा चक्र को सक्रिय करता है। मूलाधार चक्र को भी मजबूत करें – ग्राउंडिंग ज़रूरी है। नील रंग पर ध्यान करें – आँखें बंद करके नीले प्रकाश की कल्पना करें। धैर्य रखें – समय के साथ चक्र स्वतः जाग्रत होगा।

Main Jab Dhyan Karta Hun To Mere Mathe ke upar Dard hone lagta hai ?

 Main Jab Dhyan Karta Hun To Mere Mathe ke upar Dard hone lagta hai ? ध्यान के दौरान माथे के ऊपर दर्द होना आज्ञा चक्र (तीसरा नेत्र) या सहस्रार चक्र (Crown Chakra) की सक्रियता का संकेत हो सकता है। संभावित कारण: तीसरा नेत्र जाग्रत हो रहा है – ऊर्जा इस क्षेत्र में केंद्रित हो रही है। अत्यधिक ध्यान या जोर डालना – जबरदस्ती ध्यान करने से असंतुलन हो सकता है। अधूरी ग्राउंडिंग – मूलाधार चक्र कमजोर होने से ऊर्जा ऊपर अटक सकती है। संतुलन के लिए: ध्यान के बाद नंगे पैर चलें। गहरी सांस लेकर आराम करें। हल्का आहार लें और पर्याप्त नींद लें।

Guruji Mai Dhyan Karta hu To green color Dikhta Hai ?

 Guruji Mai Dhyan Karta hu To green color Dikhta Hai ? ध्यान में हरा रंग (Green Color) दिखना अनाहत चक्र (हृदय चक्र) की सक्रियता का संकेत हो सकता है। यह प्रेम, करुणा, संतुलन और आत्म-चिकित्सा से जुड़ा है। इसका अर्थ: हृदय चक्र जाग्रत हो रहा है – भावनात्मक शुद्धि और प्रेम बढ़ रहा है। आंतरिक शांति – मानसिक संतुलन और दया की भावना विकसित हो रही है। ऊर्जा का विस्तार – आपका ध्यान गहरा हो रहा है। संतुलन के लिए: गहरी सांस लें और दिल पर ध्यान केंद्रित करें। प्रकृति में समय बिताएं। सकारात्मक विचारों को अपनाएं।

Sir jab mai dhayan betti hu dire dire mare sir mai bari ho jata h if mai jamin par gir jati hu tu mai konse chakar tak puhochi hu ?

 Sir jab mai dhayan betti hu  dire dire mare sir mai bari ho jata h if mai jamin par gir jati hu tu mai konse chakar tak puhochi hu ? जब ध्यान में आपके सिर में भारीपन बढ़ता है और आप गिर जाती हैं, तो यह संकेत है कि आपकी ऊर्जा ऊपरी चक्रों, विशेषकर आज्ञा (तीसरा नेत्र) और सहस्रार (Crown) चक्र तक पहुँच रही है। संभावित कारण: सहस्रार चक्र में अत्यधिक ऊर्जा संचार हो रहा है। ग्राउंडिंग (मूलाधार चक्र) कमजोर है, जिससे संतुलन बिगड़ रहा है। शरीर ऊर्जावान परिवर्तन को संभाल नहीं पा रहा। संतुलन के लिए: ध्यान के बाद ज़मीन पर बैठकर कुछ देर सांस लें। जड़ वाली चीज़ें खाएं (आलू, गाजर)। नंगे पैर घास पर चलें।

Jha bi me dekhti dark blue light har jgh chamkti rhti h iska matlab kya h?

 Jha bi me dekhti dark blue light har jgh chamkti rhti h iska matlab kya h? गहरी नीली रोशनी (Dark Blue Light) दिखना आज्ञा चक्र (तीसरा नेत्र) की सक्रियता का संकेत हो सकता है। यह इस बात का प्रतीक है कि आपकी आध्यात्मिक दृष्टि विकसित हो रही है और आपका अंतर्ज्ञान तेज़ हो रहा है। इसका अर्थ: आपकी ऊर्जा तीसरे नेत्र पर केंद्रित हो रही है। दिव्य मार्गदर्शन या आध्यात्मिक अनुभव बढ़ रहे हैं। मनोवैज्ञानिक और आंतरिक जागरूकता बढ़ रही है। संतुलन के लिए: ग्राउंडिंग करें (नंगे पैर चलें, गहरी सांस लें)। शांत ध्यान करें। आहार और दिनचर्या संतुलित रखें।

मै जहाँ भी देखती हूँ जगह जगह जलते हुए बलब् की रोशनी दिखाई देती हैं, कुछ भी देखो सब जगह वही नजर आती है कुछ देर बाद सब सही हों जाता हैं ?

 मै जहाँ भी देखती हूँ   जगह जगह जलते हुए बलब् की रोशनी दिखाई देती हैं, कुछ भी देखो सब जगह वही नजर आती है कुछ देर बाद सब सही हों जाता हैं ? यह अनुभव आपके आज्ञा (तीसरा नेत्र) या सहस्रार चक्र की सक्रियता का संकेत हो सकता है। जब ऊर्जा इन चक्रों में अधिक सक्रिय होती है, तो प्रकाश से जुड़े अनुभव आम हो सकते हैं। इसे संतुलित करने के लिए: जमीन से जुड़ें – ग्राउंडिंग करें, नंगे पैर चलें। शांत ध्यान करें – केवल श्वास पर ध्यान दें, ऊर्जा को अधिक ऊपर न बढ़ने दें। नेत्र विश्राम करें – खुली हवा में देखें, हल्का आहार लें। संतुलित दिनचर्या अपनाएं – पर्याप्त नींद लें। यह अनुभव धीरे-धीरे सामान्य हो जाएगा।

crown chakra pe jhyda sapandan ho raha hai kaise balance kare?

crown chakra pe jhyda sapandan ho raha hai kaise balance kare? Crown chakra (Sahasrara) पर अधिक स्पंदन होने का अर्थ है कि ऊर्जा ऊपर की ओर अधिक सक्रिय हो रही है। इसे संतुलित करने के लिए: मूलाधार (Root) चक्र को मजबूत करें – ग्राउंडिंग अभ्यास करें, जैसे नंगे पैर चलना, गहरी सांस लेना। प्रकृति के संपर्क में रहें – पेड़-पौधों के पास समय बिताएं। शांत ध्यान करें – केवल श्वास पर ध्यान दें, अधिक ऊर्जावान ध्यान न करें। भोजन संतुलित करें – पौष्टिक और गरिष्ठ आहार लें। जल्दी सोएं – नींद पूरी लें। संयम और संतुलन से यह ऊर्जा नियंत्रित होगी।

jab bhee mantra jaap ke sath dhyan karta hu or safed praksh chamakte hi dayi aankh khul jati hai fir dhyan me kabhi devi devta kee murti ya kabhi nagetivity dikhne lagti hai ..kya ye bhram hai .?

 jab bhee mantra jaap ke sath dhyan karta hu or safed praksh chamakte hi dayi aankh khul jati hai fir dhyan me kabhi devi devta kee murti ya kabhi nagetivity dikhne lagti hai ..kya ye bhram hai .?  मंत्र जप के साथ ध्यान करते समय सफेद प्रकाश दिखना आध्यात्मिक ऊर्जा जागरण का संकेत हो सकता है। दायीं आँख का अपने आप खुल जाना बताता है कि अजना चक्र (तीसरा नेत्र) सक्रिय हो रहा है। देवी-देवताओं की मूर्तियाँ या कभी-कभी नकारात्मक दृश्य आना चित्त की गहराइयों में छिपे संस्कारों का प्रकट होना हो सकता है। 🔹 क्या करें? डरें नहीं , इसे सहज रूप से स्वीकार करें। यदि नकारात्मक दृश्य आएं, तो हनुमान चालीसा या ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करें । श्वास पर ध्यान केंद्रित करें , इससे भ्रम नहीं होगा। यह साधना की प्रक्रिया का हिस्सा है, स्थिर बने रहो। 🙏✨